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नगर सरकार चुनाव : कहीं पत्नी को लड़ाने की तैयारी, कहीं नये वार्ड की तलाश

पटना : नगर निगम के वार्डों की आरक्षण सूची जारी होते ही पार्षदों में खलबली मच गयी है. अपनी ही सीट पर दूसरी या तीसरी बार चुनाव लड़ने की उम्मीद लगाये बैठे कई पार्षदों को अब नये वार्ड तलाशने होंगे. निगम में मेयर व स्थायी समिति के छह सदस्यों सहित मुखर रहे कई पार्षदों के […]

पटना : नगर निगम के वार्डों की आरक्षण सूची जारी होते ही पार्षदों में खलबली मच गयी है. अपनी ही सीट पर दूसरी या तीसरी बार चुनाव लड़ने की उम्मीद लगाये बैठे कई पार्षदों को अब नये वार्ड तलाशने होंगे. निगम में मेयर व स्थायी समिति के छह सदस्यों सहित मुखर रहे कई पार्षदों के वार्ड की आरक्षण श्रेणी बदल गयी है. वार्ड एक के पार्षद व पटना महानगर कमेटी के उपाध्यक्ष संजय सिंह अब वार्ड छह से लड़ने की तैयारी में हैं, वहीं वार्ड चार की पार्षद आभा लता की वार्ड आठ से लड़ेंगी. वार्ड 19 की पार्षद सुनैना देवी के पति संजय कुमार वार्ड 15 से लड़ने की तैयारी में हैं. इस बार वार्ड 16 की पार्षद प्रेमलता के पति जय प्रकाश यादव चुनाव लड़ सकते हैं. वार्ड 26 से पार्षद श्याम बाबू की पत्नी चुनाव लड़ सकती हैं.
इसी तरह वार्ड 29 की पार्षद अर्चना राय के पति रंजीत यादव व वार्ड 44 की पार्षद सुधा देवी के बदले पति अजय यादव वार्ड चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं. मेयर अफजल इमाम और पूर्व डिप्टी मेयर भी वार्ड बदल कर चुनाव लड़ सकते हैं. मेयर के वार्ड 52 से महिला आरक्षण के बाद उनकी पत्नी महजबीन अफजल लड़ने की तैयारी में हैं. इसके अलावा पूर्व डिप्टी मेयर रूप नारायण मेहता भी इस बार वार्ड 61 के बदले वार्ड 68 से चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे हैं. डिप्टी मेेयर अमरावती देवी अभी वार्ड 11 से पार्षद हैं, जबकि चुनाव लड़ने की तैयारी वार्ड 10 से है.
तैयारी को चार माह
वार्डाें में चुनाव की तैयारी करने से लिए प्रत्याशियों को लगभग चार माह का समय मिलेगा. नगर निगम का वार्ड चुनाव अगले वर्ष मार्च-अप्रैल में संभावित है. वार्डों में पुरुष या महिला सीट के आरक्षण में बदलाव से पति की जगह पत्नी और पत्नी की जगह पति चुनाव लड़ाने की तैयारी में लगे हैं. आरक्षण प्रस्ताव की घोषणा के बाद अब प्रत्याशी स्पष्ट तौर पर मैदान में उतर आयेंगे.
किंगमेकर देख रहे राह
जिन पुरुष पार्षदों की नजर मेयर के पद थी, इस बार मंशा पर पानी फिर सकता है. क्योंकि, मेयर का पद महिला के लिए आरक्षित होने की संभावना है. इस पर निर्वाचन आयोग की मुहर लगनी अभी बाकी है. अगर महिला मेयर हुयी तो एक दशक से निगम की राजनीति का केंद्र रहे दिग्गज पार्षदों का खेल बदल सकता है. मेयर अफजल इमाम, विपक्ष पार्षद नेता विनय कुमार पप्पू, पूर्व उपमहापौर रूपनारायण मेहता से लेकर अन्य दिग्गज पार्षद मेयर को बनाने को लेकर किंगमेकर की भूमिका में ही रहेंगे.
पार्षद बोले
जिस वार्ड से मैं लड़ता हूं, वह महिला के लिए आरक्षित हो गया है. संभावित रप से पत्नी चुनाव लड़ेंगी. बावजूद इसके मैं जनहित व समाज के कामों में लगा रहूंगा.
मेयर अफजल इमाम
मैं पहले वार्ड आठ से ही लड़ती थी. बाद में आरक्षण के कारण वार्ड चार से चुनाव लड़ना पड़ा. अब मैं पुन: अपने वार्ड आठ से ही चुनाव लडूंगी, जो कि अनारक्षित महिला के लिए हो गया है.
आभा लता
वार्ड 22 महिला के आरक्षित हुआ है. पत्नी चुनाव लड़ेगी. मैं दूसरे वार्ड से कोशिश करुंगा. अगर मैं चुनाव नहीं लड़ा तो बोर्ड में जनता के सवाल नहीं उठाने का मलाल रहेगा.
संजीव कुमार
आरक्षण ने कई पार्षदों का खेल बिगाड़ दिया है. कुछ लोग सेटिंग के लिए लगे थे, लेकिन उनकी मंशा सफल नहीं हो पायी.
विनय कुमार पप्पु

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