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तबादला होने पर भी 40% थानेदारों ने नहीं छोड़ा थाना
पटना : राज्य में पिछले दो-तीन महीने में इंस्पेक्टर से लेकर सिपाही तक के करीब 450 कर्मियों का तबादला हुआ है. परंतु इसमें 40 फीसदी से ज्यादा कर्मी अभी तक अपने पुराने स्थान पर ही जमे हुए हैं. इसमें इंस्पेक्टर और दारोगाओं की संख्या ज्यादा है. इन्हें पुराने स्थान से अपनी थानेदारी का मोह नहीं […]
पटना : राज्य में पिछले दो-तीन महीने में इंस्पेक्टर से लेकर सिपाही तक के करीब 450 कर्मियों का तबादला हुआ है. परंतु इसमें 40 फीसदी से ज्यादा कर्मी अभी तक अपने पुराने स्थान पर ही जमे हुए हैं. इसमें इंस्पेक्टर और दारोगाओं की संख्या ज्यादा है. इन्हें पुराने स्थान से अपनी थानेदारी का मोह नहीं हट रहा है. अब ऐसे मनमर्जी वाले पदाधिकारियों का हिसाब-किताब पुलिस मुख्यालय लेगी.
तबादला होने के बाद भी अपने पुराने स्थान पर जमे रहने वाले पदाधिकारियों को कड़ी हिदायत दी गयी है कि वह हर हाल में 25 नवंबर तक अपने पुराने स्थान को छोड़कर नये स्थान को ज्वाइन कर लें. ऐसा नहीं करने उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी. सभी जिलों को यह कहा गया है कि वह 25 नवंबर के बाद भी पहले स्थान पर जमे रहने वाले इंस्पेक्टर से लेकर सिपाही तक के कर्मियों की पूरी सूची भेजें. इस सूची के आधार पर सबसे पहले इनसे स्पष्टीकरण पूछा जायेगा. संतोषजनक जवाब नहीं देने वालों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जायेगी. डीजीपी पीके ठाकुर ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि सभी पुलिसकर्मियों को अपने तबादले वाले स्थान पर शीघ्र योगदान करना होगा, नहीं तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी. पुलिस मुख्यालय के आधिकारिक सूत्र बताते हैं कि पुराने स्थान को नहीं छोड़ने वाले कर्मियों के बहाने भी कई तरह के हैं.
इसमें कई कर्मी ऐसे भी हैं, जिनका कहना है कि उन्हें संबंधित जिला के एसपी रिलीव नहीं कर रहे हैं. इस तरह के भी कई मामले सामने आये हैं. ऐसे मामले में पुलिस मुख्यालय ने आदेश जारी किया है कि 25 नवंबर के बाद ऐसे कर्मी खुद-ब-खुद रिलीव मान लिये जायेंगे. इन्हें एसपी का आदेश लेने की भी कोई जरूरत नहीं पड़ेगी. इस दिनांक के बाद तबादला होने वाले सभी पुलिस कर्मी खुद को रिलीव मानते हुए नये स्थान पर जाकर ज्वाइन कर लें. मुख्यालय ने कहा है कि इसमें किसी तरह की बहानेबाजी नहीं चलेगी. अगर किसी की परेशानी उचित है, तो उन्हें सीधे मुख्यालय को इससे अवगत कराना होगा. मुख्यालय ने संबंधित आदेश सभी जिलों को जारी कर दिया है.
अपने पुराने स्थान पर बने रहने के लिए इंस्पेक्टर से लेकर सिपाही तक के पुलिस कर्मी तरह-तरह के बहाने भी करते हैं. हालांकि कइयों के पास इसके सही कारण भी होते हैं. इसमें स्वास्थ्य, पारिवारिक, मामलों का अनुसंधान करने से लेकर अन्य कई तरह के बहाने शामिल होते हैं. इस सभी तरह के मामलों की समीक्षा पुलिस मुख्यालय अपने स्तर से करेगा. और इसे सही पाये जाने पर ही छूट दी जायेगी.
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