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अब जून तक तैयार होंगे गंगा किनारे के 20 घाट
एक साल लेट हो गया रिवर फ्रंट डेवलपमेंट नेशनल मिशन ऑफ गंगा क्लीनिंग प्रोजक्ट के तहत हो रहा रिवर फ्रंट का निर्माण. एक वर्ष की देरी से पूरा होने की उम्मीद. अनिकेत त्रिवेदी पटना : नेशनल मिशन ऑफ गंगा क्लीनिंग प्रोजेक्ट के तहत बन रहे गंगा के 20 घाट अगले वर्ष जून में तैयार होंगे. […]
एक साल लेट हो गया रिवर फ्रंट डेवलपमेंट
नेशनल मिशन ऑफ गंगा क्लीनिंग प्रोजक्ट के तहत हो रहा रिवर फ्रंट का निर्माण. एक वर्ष की देरी से पूरा होने की उम्मीद.
अनिकेत त्रिवेदी
पटना : नेशनल मिशन ऑफ गंगा क्लीनिंग प्रोजेक्ट के तहत बन रहे गंगा के 20 घाट अगले वर्ष जून में तैयार होंगे. रिवर फ्रंट डेवलपमेंट का काम अब एक वर्ष की देरी से पूरा होगा. प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद शहर के लोगों को कलेक्ट्रेट घाट से राजा घाट तक गंगा के बेहद खुबसूरत और आकर्षक घाट घूमने के लिए मिलेंगे. सैर के लिए लगभग पांच किमी लंबा जॉगिंग ट्रैक भी होगा, क्योंकि सभी घाटों को पाथ-वे से एक-दूसरे के साथ जोड़ा जा रहा है.
गंगा फ्रंट का काम नगर विकास व आवास विभाग की एजेंसी बुडको कर रहा है.हर घाट की अपनी विशेष पहचान : सभी घाटों की अपनी विशेष पहचान है. रानी घाट पर बुद्धिस्ट टोरी, बहरवा घाट पर टोरी, चौधरी टोला घाट को टेंपल लुक बनाया गया है. प्रत्येक घाट की चौड़ाई 35 मीटर और लंबाई 60 मीटर है. घाटों पर हाइ मास्ट लाइटें लगायी गयी हैं.
अन्य घाटों को एेतिहासिक इमारतों का लुक दिया गया है. एक घाट पर रोक, तीन का एलानइमेंट बदलेगा : एक्सप्रेस-वे के निर्माण के कारण पटना सिटी के गाय घाट का निर्माण नहीं होगा. इसके अलावा भद्र घाट, महावीर घाट अौर नौजार घाट का एलाइनमेंट बदला गया है. घाटों की डिजाइन पर फिर से काम किया जा रहा है. इस कारण इन घाटों के निर्माण में देरी हो रही है. वहीं, रोशन घाट पर अब तक काम नहीं शुरू हुआ है. जबकि, अन्य घाटों के काम पूरे हो गये हैं. पेंटिंग व फाइनल टच दिया जा रहा है.
घाटों के निर्माण के अलावा घाटों पर अन्य सुविधा केंद्र भी बनने हैं. अभी गुलबी घाट पर विद्युत शवदाहगृह बनाया जा रहा है. बहरवा घाट पर विजुअल थियेटर का काम लगभग पूरा है. इसके अलावा गाय घाट पर बनने वाला डाॅल्फिन व पटना कॉलेज घाट पर रीडिंग सेंटर व कैफे प्रोजेक्ट काे रद्द कर दिया गया है. वहीं, भद्र घाट के सामुदायिक व सांस्कृतिक केंद्र अब राजा घाट पर बनाने की तैयारी है.
बजट नहीं बढ़ा, लेकिन घट गया काम : प्रोजेक्ट का बजट 254.75 करोड़ है. काम में एक वर्ष की देरी के कारण निर्माण की लागत बढ़ी है. लेकिन, फिलहाल बजट नहीं बढ़ाया गया है. इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत डाॅल्फिन शोध केंद्र, रिडिंग व कैफे सेंटर व लगभग सभी घाट पर क्योस्क सेंटर बनाने की भी योजना थी, जिसे अब रद्द कर दिया गया है. अनुमान है कि इन प्रोजेक्ट के रद्द होने से बढ़ी हुई लागत को मैनेज कर लिया जायेगा.
फिर काम में तेजी आयेगी
प्रोजेक्ट में देरी हुई है. अतिक्रमण, राज्य में बालू की कमी और बाढ़ के कारण कुछ समय तक काम रुका रहा. लेकिन, एक बार फिर से काम में तेजी लायी जा रही है. प्रोजेक्ट से संबंधित सारे काम जल्द पूरे होंगे.
संदीप कुमार, नोडल प्रोजेक्ट डायरेक्टर, बुडको
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