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देश में हर साल 45 लाख की हार्ट अटैक से मौत
नेशनल कॉन्फ्रेंस में डॉक्टरों ने जतायी चिंता पटना : देश में हर साल 45 लाख लोग हार्ट अटैक से मर रहे हैं. इस बीमारी से पीड़ितों में 30 फीसदी ऐसे हैं, जिनका महंगे इलाज की वजह से स्थिति दयनीय हो गयी है. ऐसे में सरकार और लोगों को बीमारी नियंत्रण पर विशेष ध्यान देना होगा. […]
नेशनल कॉन्फ्रेंस में डॉक्टरों ने जतायी चिंता
पटना : देश में हर साल 45 लाख लोग हार्ट अटैक से मर रहे हैं. इस बीमारी से पीड़ितों में 30 फीसदी ऐसे हैं, जिनका महंगे इलाज की वजह से स्थिति दयनीय हो गयी है. ऐसे में सरकार और लोगों को बीमारी नियंत्रण पर विशेष ध्यान देना होगा. यह कहना है श्रीलंका से आये डॉ मंगला गुणातिलके का. गांधी मैदान स्थित एक होटल में कार्डियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया की ओर से आयोजित दो दिवसीय ज्वाइंट नेशनल कॉन्फ्रेंस का समापन रविवार को हुआ. आइजीआइएमएस के हृदय रोग विभाग के एचओडी डॉ बीपी सिंह ने कहा कि देश में 25 फीसदी युवा दिल की बीमारी से पीड़ित हैं. इसकी मुख्य वजह अनियमित दिनचर्या, दूषित भोजन, ज्यादा फास्ट फूड का इस्तेमाल और तनाव है. हर चौथा व्यक्ति उच्च रक्तचाप का शिकार है.
एक्यूट हार्ट अटैक की घटनाएं पिछले पांच वर्षों में तेजी से बढ़ी है. ऐसे में हृदय की बीमारी को लेकर विशेष सावधानी बरतनी होगी.
तीन मरीजों की लाइव सर्जरी: दो दिवसीय सेमिनार के दौरान लाइव सर्जरी का आयोजन किया गया. आइजीआइसी के डॉ एके झा ने कहा कि तीन मरीजों की लाइव सर्जरी हुई. हृदय के अलग-अलग रोग से ग्रसित ये तीनों मरीज एक प्राइवेट अस्पताल के थे. वहां से सीधा प्रसारण कॉन्फ्रेंस में हुआ.
सर्जरी की हर बारीकी एमबीबीएस व पीजी के स्टूडेंट्स को दिखायी गयी. साथ ही सफल सर्जरी के दौरान क्या सावधानियां बरतनी चाहिए यह भी बताया गया. इस मौके पर मुख्य अतिथि डॉ एसएन आर्या सहित डॉ एसएस कोठारी, डॉ नूरूल इस्लाम, डॉ आरडी यादव, डॉ दिनेश सिंह, डॉ श्रीनाथ रेड्डी, डॉ विश्वजीत बंधोपाध्याय, डॉ निशांत त्रिपाठी, डॉ एसएस चटर्जी, डॉ अजय कुमार, डॉ प्रभात कुमार आदि ने हृदय की जन्मजात बीमारियों के बारे में जानकारी दी.
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