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महंथों की नियुक्ति को बनेगी नीति
कवायद. राज्य धार्मिक न्यास पर्षद कर रहा पहल सरकार के अप्रूवल के बाद अमल में आयेगा अभी नीति नहीं होने के कारण होती है परेशानी पटना : बिहार के मठ-मंदिरों में महंथों की नियुक्ति की नीति बनेगी. बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद ने पहली बार इसके लिए एक संपूर्ण नीति तैयार करने का फैसला किया […]
कवायद. राज्य धार्मिक न्यास पर्षद कर रहा पहल
सरकार के अप्रूवल के बाद अमल में आयेगा
अभी नीति नहीं होने के कारण होती है परेशानी
पटना : बिहार के मठ-मंदिरों में महंथों की नियुक्ति की नीति बनेगी. बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद ने पहली बार इसके लिए एक संपूर्ण नीति तैयार करने का फैसला किया है. इसके लिए महंथों की सूची तैयार की जायेगी और फिर उनकी योग्यता के मुताबिक तैनाती की जायेगी.
इसके लिए एक टीम बनायी जायेगी और फिर नीति का खाका तैयार होगा. नीति बनाने के बाद उसे सरकार के पास अप्रूवल के लिए भेजा जायेगा. सरकार की सहमति मिलते ही नीति अमल में आ जायेगी.
बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद के प्रशासक संजय कुमार ने इसके लिए पहल करने का फैसला किया है. उन्होंने इसके लिए टीम तैयार करने का ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि भले इसमें थोड़ा वक्त लगे, लेकिन बेहतर नीति तैयार होगी और मठ-मंदिरों के कायाकल्प होने की दिशा में महंथों का सार्थक प्रयोग किया जायेगा.
मठ-मंदिरों की अस्थिरता पर लगेगी लगाम : बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद के प्रशासक संजय कुमार ने कहा कि अभी इस संबंध में कोई भी स्पष्ट नीति नहीं बनी हुई है.
इस कारण मठ मंदिरों का हाल किसी से छुपा नहीं है. यहां के मंदिरों में आप देखेंगे, तो पता चलेगा कि कभी कोई बाबा महंथ की जिम्मेवारी संभाल रहे हैं, तो कभी पता चलेगा कि यहां तो जो महंथ है उन्हीं के कब्जे में पूरी संपत्ति है. वे ताला लगाकर रखते हैं और मंदिरों में बनी हुई कमेटी की कभी भी परवाह नहीं करते हैं. इस संबंध में लगातार शिकायतें मिलती रहती हैं और इसी कारण मंदिरों में अस्थिरता है और उसका विकास नहीं हो पाता है. कुछ मंदिरों को छोड़ दिया जाये, तो ज्यादातर का सकारात्मक प्रयोग नहीं हो पा रहा है.
नीति में इन बिंदुओं पर दिया जायेगा ध्यान
महंथों की योग्यतानुसार सूची तैयार की जाये
मंदिरों के मुताबिक उनकी क्रमवार नियुक्ति हो
कोई भी महंथ तय समय सीमा के अंदर ही प्रभार संभालें
अच्छा काम करनेवाले महंथों की प्रोन्नति हो
महंथों का सार्वजनिक रूप से सम्मान हो
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