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सात दिन बुखार, तो किडनी व आंत में इन्फेक्शन का खतरा
पेडियाट्रिक एसोसिएशन ऑफ इंडिया की ओर से एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन पटना : अगर किसी बच्चे को लगातार सात दिनों से अधिक बुखार है, तो अलर्ट हो जाये. क्योंकि, इस तरह के बच्चों में कोई भी एंटीबायोटिक दवा काम नहीं करेगी और बच्चे की हालत अधिक खराब हो सकती है. इतना ही नहीं इस […]
पेडियाट्रिक एसोसिएशन ऑफ इंडिया की ओर से एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन
पटना : अगर किसी बच्चे को लगातार सात दिनों से अधिक बुखार है, तो अलर्ट हो जाये. क्योंकि, इस तरह के बच्चों में कोई भी एंटीबायोटिक दवा काम नहीं करेगी और बच्चे की हालत अधिक खराब हो सकती है. इतना ही नहीं इस तरह के केस में बच्चे का
किडनी या फिर आंत में इन्फेक्शन होने की संभावना अधिक बढ़ जाती है. ऐसे में पैरासिटामल से बीमारी ठीक नहीं होगी.
ये बातें ओड़िसा से आये डॉक्टर गजाधर सारंगी का. रविवार को पेडियाट्रिक एसोसिएशन ऑफ इंडिया की ओर से एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया. गांधी मैदान स्थित एक होटल में आयोजित सेमिनार का उद्घाटन डॉ अनिल कुमार सिन्हा पूर्व एचओडी पीएमसीएच व डॉ नीलम वर्मा ने किया. कार्यक्रम में बिहार के अलावा पूरे राज्य से करीब डेढ़ सौ बच्चों के डॉक्टरों ने भाग लिया था. वहीं, विशेष बातचीत में डॉ गजाधर ने बताया कि सात दिनों से अधिक बुखार हो, तो तुरंत अल्ट्रासाउंड कराना चाहिए, इससे पता चल जायेगा कि किडनी या फिर आंत में इन्फेक्शन तो नहीं. अगर है, तो संबंधित बीमारी की दवा चलेगी.
वहीं, कोलकाता से आये डॉ नवेंदु चौधरी ने कहा कि इन दिनों बच्चों में थायलेसिमिया की बीमारी तेजी से बढ़ रही है. यह जेनेटिक बीमारी है. ऐसे में अगर ब्लड की कमी है, तो तुरंत जांच करानी चाहिए. साथ ही इस तरह की बीमारी में बच्चों में हीमोग्लोबिन की मात्रा पर विशेष ध्यान देना चाहिए. डॉ धीरेंद्र गुप्ता ने कहा कि तीन से आठ साल के स्कूली बच्चों में हैंड, फुट और माउथ की बीमारी फैलने की आशंका रहती है. ऐसे में परिजनों को उनके साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए. मौके पर डॉ एसके कृष्णा, एनएमसीएच की डॉ अलका सिंह सहित कई मौजूद थे.
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