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प्रभात पड़ताल : कट रही बिजली या फिर कोई कर रहा है खेल

आनंद तिवारी पटना : पीएमसीएच की ओटी में लगातार कट रही बिजली ने इलाज व्यवस्था का पोल खोल दिया है. दो दिनों में करीब डेढ़ दर्जन ऑपरेशन टाल दिये गये. बिजली क्यों कट रही है, इस बारे में न तो अस्पताल प्रशासन कुछ बोल रहा अौर नहीं अस्पताल जेनेरेटर में संचालित करनेवाली कंपनी. शुक्रवार को […]

आनंद तिवारी
पटना : पीएमसीएच की ओटी में लगातार कट रही बिजली ने इलाज व्यवस्था का पोल खोल दिया है. दो दिनों में करीब डेढ़ दर्जन ऑपरेशन टाल दिये गये. बिजली क्यों कट रही है, इस बारे में न तो अस्पताल प्रशासन कुछ बोल रहा अौर नहीं अस्पताल जेनेरेटर में संचालित करनेवाली कंपनी. शुक्रवार को ओटी में बिजली कटने के बाद एक नया मोड़ आ गया है. इसे अस्पताल प्रशासन साजिश का नाम दे रहा है.
बिजली क्यों कट रही और इसके पीछे क्या खेल है. इसकी जानकारी लेने में अस्पताल प्रशासन जुट गया है.टेंडर नहीं मिलने से नाराज है पुरानी कंपनी : ओटी सहित अधिकतर वार्डों में हाल ही में नये जेनेरेटर लगाये गये हैं. प्रशासन से आये आदेश के बाद प्रदूषण मुक्त जेनेरेटर लगाये गये हैं. इसकी जिम्मेवारी नयी कंपनी को दी गयी. दो दिन समस्या होने के बाद अधीक्षक ने ऑपरेटर व कर्मचारियों को बुलाया. ऐसे में जेनेरेटर ऑपरेटरों ने बताया कि पुरानी कंपनी के कर्मचारी अब भी पीएमसीएच के अलग-अलग वार्ड में काम कर रहे हैं. टेंडर नहीं मिला इससे नाराज होकर उनके कर्मचारी बिजली काट दे रहे हैं.
नतीजा ओटी में बार-बार कट जा रही है.
बिना प्रशिक्षण ही ऑपरेटर नियुक्त
नयी कंपनी की ओर से लगाये गये ऑपरेटर बिना प्रशिक्षण प्राप्त हैं. ओटी नंबर एक और दो में चार ऑपरेटर काम कर रहे हैं. अस्पताल सूत्रों की मानें तो ये नये ऑपरेटरों को जेनेरेटर चलाने की ट्रेनिंग नहीं दी गयी है. यहां तक की अगर जेनेरेटर की एमसीबी गिर गयी, तो कौन सी एमबीसी उठायी जाती है. इसकी जानकारी भी उन्हें नहीं है. यही वजह है कि बिजली जाने के बाद नया जेनेरेटर नहीं चल पाता है.
ऑटोमेटिक नहीं है बिजली सप्लाइ
पीएमसीएच में प्रदूषण मुक्त जेनेरेटर तो लगाये गये हैं, लेकिन कोई भी ऐसा जेनेरेटर नहीं है, जो ऑटोमेटिक हो. ऐसे में अगर बिजली कटती है, तो ऑपरेटर को खोजा जाता है. ऑपरेटर पास में रहे तो गनीमत है, अगर नहीं तो उसके आने का इंतजार डॉक्टर और मरीज दोनों को करना पड़ता है. यह समस्या पीएमसीएच की ओटी सहित सभी वार्डों में है. जानकारों की मानें तो अगर सभी बिजली कनेक्शन को ऑटोमेटिक कर दिया जाये तो, न तो ऑपरेशन में बाधा आती और नहीं मरीज परेशान होते.
बिना कूलिंग ऑपरेशन
बिजली कटने पर एसी कूलिंग बंद हो जाता है, पर ऑपरेशन होते हैं.
ऑपरेशन थियेटर के अधिकतर एसी खराब भी हैं.
सर्जरी की ओटी, ऑर्थो, आइसीयू में भी यही हाल है.
तो हो जायेगा इन्फेक्शन
एमसीआइ ने कई गाइडलाइन बनायी है. जिसे पालन करना अस्पतालों के लिए जरूरी है. ऑपरेशन के दौरान लाइट जाना गंभीर बात है. क्योंकि, ऑपरेशन अंतिम स्टेज में होते हैं. ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर मास्क पहने रहते हैं और पूरी तरह ढके रहते हैं, ऐसे में पसीना गिरने से इन्फेक्शन की आशंका बनी रहती है.
डॉ सुनील सिंह, उपाध्यक्ष, आइएमए

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