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अवैध निर्माण के 14 वर्ष : 3,233 केस, 2,304 अब भी अनसुलझे
पटना : शहर में अवैध निर्माणों पर रोक की कार्रवाई में नगर निगम की चाल सुस्त है. बीते 14 वर्षों में नगर निगम के पास 3,233 मामले अवैध निर्माण के दर्ज किये गये है. निगम की ओर से इन पर निगरानीवाद चलाया गया है. लेकिन, नियमों के पेच और कर्इ बार नगर आयुक्त की कोर्ट […]
पटना : शहर में अवैध निर्माणों पर रोक की कार्रवाई में नगर निगम की चाल सुस्त है. बीते 14 वर्षों में नगर निगम के पास 3,233 मामले अवैध निर्माण के दर्ज किये गये है. निगम की ओर से इन पर निगरानीवाद चलाया गया है.
लेकिन, नियमों के पेच और कर्इ बार नगर आयुक्त की कोर्ट में लगातार मामला लंबित होने के बाद अब तक मात्र 929 मामलों का निष्पादन नगर निगम स्तर पर किया जा सका हैं. शेष 2,304 मामले निगम के निगरानीवाद में ही चल रहे हैं, जिन पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है. नगर आयुक्त अन्य मामलों की व्यस्तता के कारण प्रत्येक सप्ताह में नगर आयुक्त का कोर्ट नहीं लगा पाते हैं और मामला लंबा खींच जाता है. इसके अलावा नगर निगम में कई बार अवैध निर्माण के आरोपी और शिकायतकर्ता नहीं पहुंचते हैं. इस कारण भी मामले में फैसला आने में देरी होती है.
राइडिंग रोड में भवन तोड़ने का हुआ आदेश : राइडिंग रोड में चल रहे अवैध निर्माण को निगम ने तोड़ने का आदेश दिया है. नगर आयुक्त कोर्ट में फैसला सुनाया गया है. राइडिंग रोड में चल रहे निगरानीवाद 172/2014 में बिल्डिंग बायलाॅज का उल्लंघन कर निर्माण कराया जा रहा था. शेखपुरा क्षेत्र में गलत तरीके ने नक्शा पास कराने के आरोप में वस्तुविद राकेश कुमार रंजन का लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई की जायेगी.
भवन का निर्माण का भू-स्वामी ललित कुमार कटारूका की जमीन में किया जा रहा था. भवन का निर्माण बिल्डर श्रीकृष्ण कुमार रूंगटा की ओर से किया जा रहा था. नगर आयुक्त की कोर्ट ने तीस दिनों के भीतर पूरे निर्माण को तोड़ने का आदेश दिया है.
कितना बचा रहा केस वर्ष मामला निबटारा
2003 252 20
2004 317 36
2005 172 18
2006 934 356
2007 100 71
2008 85 38
2009 56 37
2010 34 1
2011 132 104
2012 211 22
2013 310 06
2014 235 67
2015 333 41
2016 62 12
कुल 3233 929
आयुक्त से सीधी बात
नगर निगम में निगरानी बाद के मामलों का निबटारा धीमा क्यों है?
जवाब – पहले जो हो, अब सुनवाई को तेज कर दिया गया है.
अब तक क्या कार्रवाई की है?
जवाब – चार मामलों में फैसला सुनाया गया है. सात फैसले सुरक्षित है. आगे सुनवाई जारी है.
आप कोर्ट क्यों नहीं लगते?
जवाब- हर शनिवार को अनिवार्य रूप से अदालत लगती है. आगे सप्ताह में एक दिन और कोर्ट लगाया जा रहा है.
अवैध निर्माणों पर लगाम लगाने के लिये आपके पास क्या प्लान है?
जवाब – मामले को तेजी से निबटाया जा रहा है. एक सप्ताह के भीतर सात आठ मामलों पर और निर्णय आयेगा.
फ्लैट खरीदने में क्या सावधानी बरतें?
जवाब – अपार्टमेंट की वैधता जांच निगम मुख्यालय से की जा सकती है.
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