पटना: विकास आयुक्त आलोक कुमार सिन्हा ने कहा कि लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर लाना ही जीविका का मुख्य उद्देश्य है. जीविका कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि कृषि के क्षेत्र में यह संगठन अच्छा कार्य कर रहा है. वे जीविका द्वारा आयोजित बिहार इनोवेशन फोरम-दो को संबोधित कर रहे थे. स्थानीय होटल मोर्या में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जीविका द्वारा उत्पादित वस्तुओं को बाजार उपलब्ध कराने की आवश्यकता है. जीविका के कारण ही गांवों में आधारभूत संरचना का विकास हो रहा है.
पांच हजार गांवों में काम : दो दिवसीय समारोह के पहले दिन अपने संबोधन में विश्व बैंक के विकास विशेषज्ञ परमेश शाह ने कहा कि राज्य के पांच हजार गांव में जीविका कार्य कर रहा है. इससे सवा लाख किसान जुड़े हुए हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार स्वयं सहायता समूह को पीडीएस दुकानें देने की प्रशंसा करते हुए कहा कि इससे 85 प्रतिशत गड़बड़ी दूर हो गयी है.
15 लाख परिवारों तक पहुंच : योजना एवं विकास विभाग के प्रधान सचिव विजय प्रकाश ने कहा कि राज्य के विभिन्न क्षेत्रों की अलग-अलग समस्याएं हैं. बिहार की बाढ़ से तबाही के लिए नेपाल की बारिश को जिम्मेवार ठहराते हुए कहा कि हाल के वर्षो में बिहार गजब की तरक्की की है. उन्होंने कहा कि 14 प्रतिशत विकास की दर तक पहुंचने के बाद इसे बरकरार रखना एक बड़ी चुनौती है.
जीविका के सीइओ एके चौधरी ने कहा कि जीविका की पहुंच 15 लाख परिवार तक है. एक लाख 15 हजार स्वयं सहायता समूह के गठित होने की जानकारी देते हुए कहा कि पांच हजार गांवों में यह फैल चुका है. उन्होंने आनेवाले समय में राज्य के डेढ़ करोड़ परिवार की आय सालाना एक लाख करने के लक्ष्य की जानकारी दी. उद्योग विभाग के प्रधान सचिव नवीन वर्मा ने कहा कि सरकार एक करोड़ लोगों को कौशल विकास करेगी. खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में अवसर की चर्चा करते हुए कहा कि इसमें 35 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है. ग्रामीण विकास विभाग के सचिव अमृत लाल मीणा ने कहा कि जीविका अपने उद्देश्य में सफलता प्राप्त कर रही है.