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टैक्स चोरी करने वालों की रेकी करेगा आयकर विभाग

बिल्डर, शिक्षण संस्थान, फॉर्मा या निजी अस्पतालों पर रखी जायेगी खास नजर बिहार-झारखंड में महज 2.5 प्रतिशत लोग ही जमा करते हैं आयकर पटना : इनकम टैक्स विभाग बिहार में टैक्स चोरी करने वालों की रेकी शुरू करने जा रहा है. ऐसे तो सभी वर्ग के लोग इसके टारगेट में होंगे, लेकिन इसके लिए खासतौर […]

बिल्डर, शिक्षण संस्थान, फॉर्मा या निजी अस्पतालों पर रखी जायेगी खास नजर
बिहार-झारखंड में महज 2.5 प्रतिशत लोग ही जमा करते हैं आयकर
पटना : इनकम टैक्स विभाग बिहार में टैक्स चोरी करने वालों की रेकी शुरू करने जा रहा है. ऐसे तो सभी वर्ग के लोग इसके टारगेट में होंगे, लेकिन इसके लिए खासतौर से बिल्डर, कोचिंग एवं निजी कॉलेज-स्कूल समेत तमाम शिक्षण संस्थान और निजी अस्पताल समेत फॉर्मा सेक्टर में आने वाले तमाम संस्थान या व्यवसायी मुख्य रूप से शामिल होंगे.
इन श्रेणी के व्यवसायियों या प्रफेशनल की कमाई पर खासतौर से जांच की जायेगी. इस श्रेणी के संस्थानों की फिल्ड इंक्वायरी जाकर आयकर विभाग के अधिकारी करेंगे, वह भी आम लोगों की तरह. ताकि वास्तविक स्थिति की जानकारी मिल सके. अधिकारी किसी शिक्षण संस्थान या निजी हॉस्पिटल में आम व्यक्ति की तरह जाकर यह जांच करेंगे कि यहां रोजाना कितने लोगों या छात्रों की आवाजाही है. इसके आधार पर संबंधित संस्थान टैक्स अदा करता है या नहीं.
बिहार और झारखंड में कुल आबादी का महज 2.5 प्रतिशत लोग ही टैक्स जमा करते हैं, जो आबादी और आय के अनुपात में बेहद कम है. सिर्फ बिहार की बात करें, तो यहां इनकम टैक्स देने की संख्या 7-8 लाख ही है.
इसलिए की जा रही फील्ड इंक्वायरी : बीते वित्तीय वर्ष 2015-16 में तीन हजार करोड़ से ज्यादा इनकम टैक्स का कलेक्शन बिहार-झारखंड से किया गया था, जो पिछले वित्तीय वर्ष 2014-15 के दौरान जमा हुई टैक्स की राशि 2200 करोड़ से 800 करोड़ ज्यादा है. चालू वित्तीय वर्ष 2016-17 में टैक्स कलेक्शन का लक्ष्य करीब चार हजार करोड़ रखा गया है.
जबकि विभाग की ही रिपोर्ट के अनुसार, हकीकत में इन दोनों राज्यों की आबादी और आय के हिसाब से यहां टैक्स जमा करने वालों की संख्या में 30-40 प्रतिशत की वृद्धि आसानी से हो सकती है. यह भी कह सकते हैं कि जितने लोगों की टैक्स जमा करने की क्षमता है, उससे 30-40 फीसदी कम संख्या में ही लोग टैक्स जमा करते हैं. इस तरह टैक्स चोरी करने वालों की खोज करने के लिए रेकी की शुरुआत की जा रही है. इनकम टैक्स नहीं जमा करने वालों की संख्या बिहार में ज्यादा है. कई लोग अपने आय के साधनों को दूसरे तरीके से छिपा भी लेते हैं.
इस तरह की जाती है टैक्स चोरी
आय को कम करके दिखाना सबसे सामान्य सा जरिया है, इनकम टैक्स चोरी करने का. इसके अलावा व्यापारी स्टॉक कम करके दिखाते हैं. इसी तरह निजी अस्पताल और शिक्षण संस्थान वाले अपनी आय कई गुना करके टैक्स की काफी बड़े मात्रा में चोरी करते हैं.
शहर के कई बड़े कोचिंग संस्थान तो अपनी आय और खर्च को बराबर करके दिखाते हैं, जिससे उन्हें टैक्स देना ही नहीं पड़े. इसके लिए वे छात्रों से भी कच्ची रसीद पर या बिना रसीद के ही पैसे लेते हैं. इसी तरह अस्पताल वाले भी मरीजों की संख्या कम करके टैक्स चोरी करते हैं.

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