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शिक्षकों को वेतन भुगतान में हो सकती है और देर
डीपीओ के खाते अब भी लॉक पटना : राज्य के हाइ, प्लस टू स्कूलों के नियोजित शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों के पांच महीनों के वेतन की राशि तो मंजूर कर दी गयी, लेकिन अब भी जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (डीपीओ) के बैंक एकाउंट लॉक हैं. सभी जिलों से उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं आने के कारण डीपीओ के एकाउंट […]
डीपीओ के खाते अब भी लॉक
पटना : राज्य के हाइ, प्लस टू स्कूलों के नियोजित शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों के पांच महीनों के वेतन की राशि तो मंजूर कर दी गयी, लेकिन अब भी जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (डीपीओ) के बैंक एकाउंट लॉक हैं. सभी जिलों से उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं आने के कारण डीपीओ के एकाउंट लॉक हैं. ऐसे में करीब 35 हजार शिक्षकों के वेतन की राशि जारी होने में अभी समय लग सकता है. हाइस्कूल के 22 हजार व प्लस टू स्कूल के 11 हजार नियोजित शिक्षक और 1800 पुस्तकालयाध्यक्षोंको मार्च सेवेतन नहीं मिल सका है. पिछले सप्ताह ही राज्य कैबिनेट ने उनके वेतन की राशि मंजूर कर दी थी. इसके बाद शिक्षा विभाग ने वित्त विभाग से राशि जारी करने की अनुमति मांगी है.
कई जिलों से अब तक 2009-10 से लेकर 2015-16 का उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं आने की वजह से वेतन जारी होने पर रोक लगायी जा सकती है. ऐसे एकाउंट लॉक एक साथ खुलता है, लेकिन शिक्षा विभाग बीच का रास्ता निकालने की तैयारी में है. जिन जिलों ने 2009-10 से लेकर 2015-16 तक शिक्षकों के वेतन मद में खर्च की गयी राशि का उपयोगिता प्रमाणपत्र दे दिया है, उन्हें वेतन जारी किया जा सकता है.
हालांकि, ऐसे दो-तीन जिले ही हैं, बाकी सभी का किसी-न-किसी वित्तीय वर्ष का उपयोगिता प्रमाणपत्र बकाया है. शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव डॉ डीएस गंगवार ने सभी जिलों को निर्देश दिया है कि जल्द-से-जल्द वे उपयोगिता प्रमाणपत्र दे दें. इसके लिए कैंप लगा कर लेना पड़े तो लें.
वे अगर उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं देते हैं, तो संबंधित जिले के शिक्षकों के वेतन की राशि जारी नहीं होगी. साथ ही उनका वेतन भी रुका रहेगा.
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