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बरसात के दिनों में डोंगी व नाव ही सहारा

मनेर:देश को आजाद हुए 68 वर्ष बीत गये हैं, परंतु मनेर प्रखंड क्षेत्र में तीन ऐसे गांव हैं जहां आज तक सड़क नहीं है. मनेर नगर पंचायत क्षेत्र के वार्ड नंबर दो स्थित अदलचक, वार्ड नंबर 11 के जगंलिया टोला और किता चौहतर मध्य पंचायत का इस्लामगंज गांव विकास कार्यों से कोसों दूर है. इस्लामगंज […]

मनेर:देश को आजाद हुए 68 वर्ष बीत गये हैं, परंतु मनेर प्रखंड क्षेत्र में तीन ऐसे गांव हैं जहां आज तक सड़क नहीं है. मनेर नगर पंचायत क्षेत्र के वार्ड नंबर दो स्थित अदलचक, वार्ड नंबर 11 के जगंलिया टोला और किता चौहतर मध्य पंचायत का इस्लामगंज गांव विकास कार्यों से कोसों दूर है.

इस्लामगंज गांव की आबादी करीब पांच हजार, जंगलिया टोला की आबादी एक हजार एवं अदलचक गांव की आबादी एक हजार के करीब है, जबकि अदलचक व जगंलिया टोला गांव नगर पंचायत क्षेत्र में नाम के लिए हैं. अगर कार्य को देखा जाये, तो इसकी पंचायत से भी हालत बदतर है. ये गांव पेयजल, सफाई, सड़क, लाइट आदि मामलों में पिछड़ा हुआ है. इस्लामगंज गांव में मुसलिम और ( बनपर ) मछुआ जाति के लोग हैं, तो अदलचक व जगंलिया टोला में ज्यादातर यादव जाति के लोग निवास करते हैं. इन गांवों में सड़क की कोई व्यवस्था नहीं है.

ग्रामीण सभी दिन पगडंडी के सहारे ही गांव में आते -जाते हैं और जब बाढ़ आती है , तो पूरा गांव बाढ़ के पानी से घिर जाता है. इस दौरान गांववाले नाव व डोंगी के सहारे मनेर शहर तथा अन्य जगहों पर आते- जाते हैं. इन लोगों को विधानसभा, लोकसभा तथा पंचायत के चुनाव में सड़क एवं पुल निर्माण के लिए सुनहरे सपने प्रत्याशियों द्वारा दिखाये जाते हैं, लेकिन चुनाव के बाद विजेता नेता गांववालों के सामने पर खरे नहीं उतरते हैं. गांववाले सड़क व पुल निर्माण के लिए फरियाद लेकर अपने क्षेत्र के सांसद, विधायक एवं मुखिया के पास चक्कर लगाते रहते हैं, पर होता कुछ नहीं है.

इसे लेकर तीनों गांवों के लोग आक्रोशित हैं. ग्रामीण सिराज अहमद व चंपा देवी ने कहा कि बगैर सड़क के हमलोगों जैसे- तैसे जिंदगी काट रहे हैं. चुनाव के दिनों में थोड़ा- सा दिलासा देकर नेताजी वोट ले लेते हैं. हमलोगों को सबसे ज्यादा बरसात व बाढ़ के दिनों में परेशानी होती है. किसी की तबीयत खराब होती है, तो खटिया पर लाद कर मनेर ले जाना पड़ता है. वहीं, किता चौहत्तर मध्य पंचायत के मुखिया राधेश्याम सिंह ने बताया कि सरकारी जमीन नहीं होने के कारण सड़क निर्माण में दिक्कतें आ रही हैं. सभी जमीन प्राइवेट है. इसकी जानकारी मुख्यमंत्री, बीडीओ, सीओ व अन्य पदाधिकारियों को लिखित दी गयी है. साथ ही सरकार सड़क के लिए जमीन मुहैया कराने की मांग की है.

क्या कहना है सीओ का

मनेर सीओ अंजू सिंह ने बताया कि किसी तरह का आवेदन नहीं आया है. आवेदन ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों से मिलने के बाद आगे की कार्रवाई शुरू की जायेगी.

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