पटना : बिहार में स्थित प्राचीन विश्वविद्यालय नालंदा के अवशेषों को संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन यूनेस्को ने वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल कर लिया है. शुक्रवार को दोपहर यूनेस्को की आधिकारिक वेबसाइट पर इसे शामिल किया गया. यूनेस्को ने इससे पहले गया स्थित महाबोधि मंदिर को इस श्रेणी में शामिल कर चुका है. अब इस कड़ी में नालंदा विश्वविद्यालय भी शामिल हो गया है. यूनेस्को की सूची में शामिल भारतीय धरोहरों में नालंदा देश का 33 वां धरोहर है.
यूनेस्को द्वारा नालंदा को वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल किये जाने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने तस्वीरों के साथ ट्विट भी किया है. यूनेस्को की सूची में शामिल हो जाने के बाद अब नालंदा में आने वाले सैलानियों की संख्या में वृद्धि होगी. पुरातात्विक साक्ष्यों के आधार पर माना जाता है कि नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना 450 ईस्वी के आसपास हुई थी. इसकी स्थापना गुप्त वंश के शासक कुमार गुप्त ने की दी. इस प्राचीन विश्वविद्यालय को बख्तियार खिलजी ने जला दिया था.