12.5 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

छात्रों को चेतावनी देकर छोड़ा

आइजीआइएमएस में रैगिंग. मामला दर्ज होने के 10 दिन बाद फैसला दोषी छात्र एक साल तक सीएमइ, काॅन्फ्रेंस व कॉलेज कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पायेंगे. अब रैगिंग की तो कॉलेज से नाम काट दिया जायेगा. सार्वजनिक माफी मांगेंगे दोषी छात्र. पटना : वर्ष 2014 बैच के एमबीबीएस छात्र से रैगिंग मामले में आइजीआइएमएस प्रशासन […]

आइजीआइएमएस में रैगिंग. मामला दर्ज होने के 10 दिन बाद फैसला
दोषी छात्र एक साल तक सीएमइ, काॅन्फ्रेंस व कॉलेज कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पायेंगे. अब रैगिंग की तो कॉलेज से नाम काट दिया जायेगा. सार्वजनिक माफी मांगेंगे दोषी छात्र.
पटना : वर्ष 2014 बैच के एमबीबीएस छात्र से रैगिंग मामले में आइजीआइएमएस प्रशासन ने आरोपित दोनों छात्रों को दोषी तो माना, लेकिन दोनों को चेतावनी देकर छोड़ दिया है. इस मामले में दोनों आरोपित छात्रों को एक साल तक सभी तरह के सीएमइ, काॅन्फ्रेंस और कॉलेज फंक्शन से बाहर रहने, फिर से रैगिंग लेने पर कॉलेज से नाम काटने और माफी मांगने की सजा सुनायी है. सोमवार को निदेशक डीन अमरेंद्र कुमार की अध्यक्षता में एंटी रैगिंग कमेटी की बैठक में यह निर्णय लिया गया. बैठक में निदेशक डाॅ एनआर विश्वास सहित रैगिंग कमेटी व स्क्वायड के सदस्य मौजूद रहे.
निर्णय पर खड़े हुए सवाल :
रैगिंग मामले में आइजीआइएमएस प्रशासन के निर्णय पर सवाल भी खड़े हो रहे हैं. घटना दर्ज होने के दस दिन के दौरान एंटी रैगिंग कमेटी की तीन बैठक हुई. इन बैठकों के दौरान सदस्यों ने माना कि पीड़ित छात्र के साथ रैगिंग हुई, लेकिन पर्याप्त सबूत के अभाव में ठोस कार्रवाई नहीं की जा सकी.
कॉलेज कैंपस में पढ़ने वाले कई मेडिकल छात्र इस फैसले को लेकर तरह तरह की चर्चा कर रहे हैं. दोषी पाये एमबीबीएस 2011 के दोनों छात्रों अमरनाथ व तेज प्रकाश को सिर्फ चेतावनी दिये जाने को लेकर छात्रों का एक गुट कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहा था जबकि दूसरा गुट छात्रों के भविष्य को देखते हुए निर्णय को सही ठहरा रहा था.
क्या था मामला : आइजीआइएमएस में 25 जून को वर्ष 2011 एमबीबीएस बैच के अमरनाथ कुमार ने अपने साथी के साथ वर्ष 2014 बैच के छात्र दिनकर कुमार का रैगिंग लिया था. पीड़ित छात्र दिनकर ने शास्त्रीनगर थाने में लिखित में एफआइआर दर्ज कराया था, साथ ही इसकी शिकायत एमसीआइ को भेजी थी. इसके बाद जांच का जिम्मा एंटी रैगिंग स्क्वायड को सौंपा गया था.
आइजीआइएमएस में 10 दिन बाद आये रैगिंग फैसले मामले में पीड़ित छात्र दिनकर कुमार संतुष्ट है. दिनकर ने कहा कि कॉलेज प्रशासन ने जो फैसला लिया है वह पक्ष-विपक्ष दोनों का ध्यान में रखते हुए लिया है. हालांकि दिनकर ने कहा कि फैसला आने पर यह साफ हुआ है कि मेरे साथ रैगिंग हुई है. अगर रैगिंग नहीं हुई रहती तो इस तरह का फैसला नहीं आता. दिनकर की मानें तो वह कॉलेज प्रशासन से उम्मीद करता है कि उसके साथ आगे इस तरह की कोई वारदात सामने नहीं आयेगी.
रोग पुराना
पीएमसीएच में 2012 में रैगिंग हुई थी, जूनियर छात्र को सीनियर छात्र ने मारा था. मामला थाने में दर्ज
पीएमसीएच में 2013 में सीनियर छात्र ने जूनियर छात्र से रैगिंग ली. इसमें छात्र की पिटाई हुई और दो छात्र पर एंटी रैगिंग कमेटी ने कार्रवाई की थी.
पटना विवि के साइंस कॉलेज में 2013 में सीनियर छात्र ने जूनियर छात्र से रैगिंग हुई थी, इसमें सीनियर छात्र ने
जूनियर की पिटाई की थी. इसके विरोध में तोड़फोड़ हुआ और मामला थाने में दर्ज हुआ था.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें