12.5 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

लालकेश्वर के चार राजदार, सरकारी गवाही में खोले राज

पटना : बोर्ड घोटाले की जांच कर रही एसआइटी ने अब तक चार सरकारी गवाह बनाये हैं. ये सभी लालकेश्वर के राजदार हैं और दबाव, धमकी के बीच नौकरी बचाने के चक्कर में वह सब करते गये जो लालकेश्वर और उनके लोग कहते थे. इनमें विकास कुमार, विनोद कुमार, देवनारायण और बॉडीगार्ड संजय कुमार ने […]

पटना : बोर्ड घोटाले की जांच कर रही एसआइटी ने अब तक चार सरकारी गवाह बनाये हैं. ये सभी लालकेश्वर के राजदार हैं और दबाव, धमकी के बीच नौकरी बचाने के चक्कर में वह सब करते गये जो लालकेश्वर और उनके लोग कहते थे. इनमें विकास कुमार, विनोद कुमार, देवनारायण और बॉडीगार्ड संजय कुमार ने गवाही दी है. पुलिस ने सभी का 164 के तहत बयान कराया है. इसमें दो गवाह विकास और विनोद ने बोर्ड काउंसिल और बोर्ड ऑफिस में होने वाली घोटाले की कहानी का कच्चा चिट्ठा खोला.
घोटाले की कहानी विकास, विनोद की जुबानी
बाेर्ड में दूसरे सहायक स्टोरकीपर विकास कुमार को सरकारी गवाह बनाया गया है. उसने एसआइटी और मीडिया के सामने बताया कि कॉपियों की प्रिटिंग के लिए टेंडर होता था. क्रय समिति बैठक करती थी. हम लोग संचिका पर टिप्पणी करते थे. इसमें टेक्निकल और फाइनेंशियल पहलू को देखा जाता है. 2015 में किड्स आगरा मानक के आधार पर फेल हो गया था.
इसलिए इस बार हमने संचिका पर लिखा था कि मथुरा प्रिंटिंग को टेंडर देने से पहले भौतिक सत्यापन होना चाहिए. लेकिन बिना सत्यापन के ही उसी के दर पर टेंडर दे दिया गया. इसमें बोर्ड को 80 लाख का घाटा हुआ. गुणवत्ता रिपोर्ट में सहारनपुर ने भी मथुरा के खिलाफ रिपोर्ट दिया था. पर श्रीनिवास चंद्र तिवारी, अजीत शक्तिमान, संदीप झा, प्रमुख व नियोजक शिक्षक अनिल कुमार, विकास चंद्रा दबाव बना कर फाइल ले जाते थे. इसमें कुल आठ करोड़ का घोटाला किया गया है.
सरकारी गवाह बने लालकेश्वर के कक्ष सहायक विनोद कुमार ने बताया कि उनका काम संचिकाआें का संग्रह और उन्हें प्रस्तुत करने का था. कॉलेज की संबद्धता, मान्यता वाली फाइल लालकेश्वर के कहने पर प्रस्तुत करता था. किसको मान्यता देना है इसका निधार्रण मान्यता देने वाली कमेटी बनी थी. कमेटी और अध्यक्ष फैसला करते थे. फाइल को आगे बढ़ाने के लिए संदीप मिश्रा, अजीत शक्तिमान विकास चंद्रा दबाव बनाते थे. पैसे का लेन देन आवास पर होता था.
जेल गये विकास चंद्रा और चंद्र भूषण झा ने कुछ ऐसे कबूले जुर्म
रिजल्ट घोटाले का सच मीडिया में लाने के लिए पहली बार किसी आरोपित को मीडिया से मुखातिब कराया गया. इसमें लालकेश्वर के रिश्तेदार विकास चंद्रा ने घोटाले का राज खोला.
उसने बताया कि वह बेरोजगार था. नौकरी के नाम पर लालकेश्वर से जुड़ा था, वह लालकेश्वर का निजी सचिव था, उसे 43 हजार पांच सौ रुपये वेतन मिलता था, बाद में उसकी नौकरी पक्की होने वाली थी. उसने बताया कि टॉपर्स की डीलिंग पहले उषा और बच्चा राय के बीच होती थी, इसके बाद बच्चा लालकेश्वर से मिलता था. इस बार बच्चा राय परीक्षा के बाद आवास पर जाकर उषा सिन्हा को दो टाॅपर्स के लिए 15 लाख रुपये दिये थे.
इसके बाद बच्चा विकास चंद्रा के घर आया था और उसने पैसा देने की बात विकास को बताया था. विकास कहना है कि वह स्कूल-कॉलेज की मान्यता की डीलिंग करता था इसमें एक से चार की वसूली होती थी, जिसमें 10 हजार उसे मिलता था बाकी पैसा मैडम उषा सिन्हा लेती थीं. उसने अपने स्तर से संत माइकल स्कूल भागलपुर समेत तीन अन्य स्कूलों को मान्यता दिलाने की बात कबूल की. बाकी अनुदान मामले में रंजीत, शंभु डीलिंग करते थे.
इसके अलावा गिरफ्तार किये गये सहायक स्टोरकीपर चंद्र भूषण झा ने पुलिस के सामने स्वीकृति बयान में कहा कि जो टेंडर होता था उसमें लालकेश्वर के कहने पर वह फाइल पर कोडिंग करते थे. इसके लिए एक फाइल पर उसे 40 हजार रुपये मिलते थे. गलत काम कराने के लिए लालकेश्वर के लोग सस्पेंड कराने की धमकी देते थे.
पटना : पिछले दो सालाें में जितने भी कॉलेजों को मान्यता दी गयी है, उन तमाम 208 कॉलेजों की जांच बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के द्वारा किया जायेगा. इसके लिए समिति अपने स्तर से जांच कमेटी तैयार कर रही है.
जांच जुलाई के पहले सप्ताह से शुरू होगा. समिति अध्यक्ष आइएएस आनंद किशोर से बताया कि लालकेश्वर प्रसाद सिंह के समय जिन भी कॉलेजों को मान्यता समिति के द्वारा दिया गया था, उन तमाम कॉलेजाें की जांंच करवायी जायेगी. जो भी मानक पूरा नहीं करेंगे, उन कॉलेजों की मान्तया को रद्द कर दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि ऐसे 208 काॅलेज हैं जिन्हें मान्यता पिछले दो सालों में अलग-अलग बैठक करके दिया गया है.
वीडियोग्राफी से लेकर फोटोग्राफी भी होगी : 208 कॉलेजों की जांच के लिए जो कमेटी बनायी जायेगी उसमें जिला स्तर से लेकर समिति के भी कर्मी शामिल होंगे. जिला स्तर के पदाधिकारी को डीएम स्तर पर रखा जायेगा. पुलिस कर्मी के लिए एसपी से संपर्क किया जायेगा.
इसके अलावा बोर्ड के प्रतिनिधि भी इसमें शामिल होंगे. सारे कॉलेजों की जांच के दौरान वीडियो ग्राफी करवाया जायेगा. इसके साथ फोटाेग्राफी भी करवायी जायेगी. जांच के दौरान मान्यता के लिए निर्धारित मानकों का ख्याल रखा जायेगा. जो काॅलेज मानक को पूरा नहीं करेंगे, उनकी मान्यता रद्द कर दी जायेगी. समिति के अध्यक्ष आइएएस आनंद किशोर ने बताया कि कई कॉलेज के बारे में सूचना है कि एक ही भवन में कई काॅलेज चलाये जा रहे हैं .
एक ही भवन में बीएड काॅलेज भी है, इंटर कॉलेज भी है और साथ में वोकेशनल कॉलेज भी चलाये जा रहे हैं. ऐसे कॉलेजों की सूची तैयार किया जायेगा. इसके बाद इन कॉलेजों को बीएड के लिए जहां से मान्यता मिला होगा, उन कॉलेजों की सूची संंबंधित संस्था को भेजा जायेगा.
ड्रेस कोड और आइ कार्ड में दिखेंगे कर्मी
पटना. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के तमाम कर्मी और पदाधिकारी अब ड्रेस कोड और आइ कार्ड में नजर आयेंगे. इसे एक अगस्त से लागू कर दिया जायेगा. इसके लिए समिति की ओर से नोटिस भी जारी कर दिया गया है. कर्मी के लिए गरमी अौर जाड़े के लिए अलग-अलग ड्रेस कोड होगा.
गरमी में नेवी ब्लू शर्ट और डार्क ब्लू पैंट ड्रेस कोड होगा तो वहीं जाड़े में ब्लू ब्लेजर पहनना होगा. इसके साथ सभी बोर्ड कर्मी को आइ कार्ड जारी किया जायेगा. इसकी जानकारी समिति के अध्यक्ष आइएएस आनंद किशोर ने दी . अध्यक्ष ने कहा कि सारे बोर्ड के साथ पदाधिकारी पर भी यह नियम लागू होगा. आइ कार्ड बेल्ट्रान को तैयार करने के लिए दिया गया है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें