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क्यों नहीं हो रहे डॉक्टरों की सुरक्षा के उपाय : हाइकोर्ट
पीएमसीएच में डॉक्टरों की हड़ताल पर कोर्ट सख्त पटना : पटना उच्च न्यायालय ने पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल परिसर में जूनियर डॉक्टर और मरीज के परिजनो से हुई मारपीट के बाद वहां होने वाली हड़ताल को गंभीरता से लिया है. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश इकाबल अहमद अंसारी और जस्टिस समरेंद्र प्रताप सिंह की कोर्ट ने सोमवार […]
पीएमसीएच में डॉक्टरों की हड़ताल पर कोर्ट सख्त
पटना : पटना उच्च न्यायालय ने पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल परिसर में जूनियर डॉक्टर और मरीज के परिजनो से हुई मारपीट के बाद वहां होने वाली हड़ताल को गंभीरता से लिया है.
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश इकाबल अहमद अंसारी और जस्टिस समरेंद्र प्रताप सिंह की कोर्ट ने सोमवार को सरकार और जिला प्रशासन से परिजनों और डॉक्टरों के बीच हुए झंझट की तसवीर जमा कराने को कहा है. कोर्ट ने सरकार से यह भी पूछा कि आखिर डॉक्टरों की सुरक्षा के उपाय क्यों नहीं किये जा रहे हैं. कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 25 जून को निर्धारित की है. कोर्ट ने कहा कि पीएमसीएच में डॉक्टरों की हड़ताल गंभीर बात है. कोर्ट ने इस मामले को स्वत: संज्ञान के रूप में लिया है. इस मामले की अगली सुनवाई 25 जून को होगी.
2011 के बाद क्यों नहीं हुआ दूसरा एसटीइटी
पटना : पटना हाइकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि 2011 के बाद अब तक प्रदेश में शिक्षक पात्रता परीक्षा (एसटीइटी) क्यों नहीं हुई. प्रमोद कुमार एवं अन्य की याचिका की सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश इकबाल अहमद अंसारी और जस्टिस समरेंद्र प्रताप सिंह की कोर्ट ने सरकार से इस मसले पर 27 जून तक जवाब मांगा है.
कोर्ट ने शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को कोर्ट में उपस्थित होकर जवाब देने को कहा है. याचिकाकर्ता के वकील का कहना था कि बिहार में 2011 के बाद से एसटीइटी का आयोजन नहीं हुआ है. जबकि, दूसरे राज्य सरकार और केंद्र की ओर से एक से अधिक बार शिक्षक पात्रता परीक्षा हो चुकी है.
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