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मुकदमा होने से कुछ नहीं होता हम पर भी हैं 10 मुकदमे : मोदी
पटना : भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि गोपाल नारायण सिंह पार्टी के वरिष्ठ नेता है. मुकदमा होने से कुछ नहीं होता, हम पर भी 10 मुकदमे हैं. लालू प्रसाद तो सजायाफ्ता है और सरकार को नियंत्रित किये हुए हैं. उन्होंने कहा कि दल ने मुझे बिहार […]
पटना : भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि गोपाल नारायण सिंह पार्टी के वरिष्ठ नेता है. मुकदमा होने से कुछ नहीं होता, हम पर भी 10 मुकदमे हैं. लालू प्रसाद तो सजायाफ्ता है और सरकार को नियंत्रित किये हुए हैं. उन्होंने कहा कि दल ने मुझे बिहार की सेवा करने को कहा है. मैं बिहार को लोगों की सेवा करूंगा.
पार्टी नेतृत्व ने 10 दिन पहले ही मुझे जानकारी दे दी थी. वही जनता दरबार के बाद मोदी ने आरोप लगाया है कि पटना में बन रहे अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर के परामर्शी को डिबार करने में बड़े पैमाने पर पैसे का लेनदेन हुआ है. सरकार परामर्शी को काली सूची में डालते हुए इसकी उच्चस्तरीय जांच कराएं. कन्वेंशन सेंटर के निर्माण कार्य की निविदा इस योजना के परामर्शी डीडीएफ कंसल्टेंट, नयी दिल्ली द्वारा तैयार डीपीआर के आधार पर की गयी थी. निविदा निष्पादन के बाद परामर्शी ने 490 करोड़ का रिवाइज्ड प्राक्कलन समर्पित किया .
परामर्शी द्वारा दिये गये कंस्ट्रक्शन ड्राविंग एवं प्राक्कलन में दिये गये विभिन्न मदों के आकलन में काफी अंतर था. तीन सितंबर को परामर्शी को डिबार करने की चेतावनी दी गयी. चार माह के बाद परामर्शी ने 587.68 करोड़ का दूसरा रिवाइज्ड इस्टीमेट समर्पित किया जो रिवाइज्ड प्राक्कलन से 97.68 करोड़ ज्यादा था.
विभाग ने पाया कि परामर्शी ने स्टील, पाइल वर्क, रूफ शिटिंग की दरों को काफी बढ़ा–चढ़ा कर दर्शाया है. इस पर विभाग का निष्कर्ष था कि परामर्शी द्वारा योजना का डीपीआर तैयार करने एवं कार्य मदों की मात्र के आकलन करने में भारी लापरवाही बरती गयी तथा इस भारी गलती के कारण उक्त परियोजना की द्वितीय पुनरीक्षित प्रशासनिक स्वीकृति की जरूरत पड़ी. इसके चलते कार्य की प्रगति पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है साथ ही सरकार को भारी फजीहत का सामना करना पड़ रहा है. परामर्शी को 7 जनवरी, 2015 को डिबार कर दिया गया.
मोदी ने कहा कि राज्य में नयी सरकार के शपथ ग्रहण के मात्र 20 दिन बाद सरकार परामर्शी के कार्य को संतोषजनक बताने लगी. सरकार ने 6 जनवरी, 2016 को परामर्शी को डिबार मुक्त कर दिया. जिस परामर्शी पर गंभीर अनियमितता के आरोप लगे कि उसने एक ही परियोजना का 2–2 बार रिवाइज्ड इस्टीमेट समर्पित किया. मोदी ने कहा कि क्या कारण है कि इस तरह के परामर्शी को ब्लैक लिस्ट करने के बजाये उसको नयी सरकार बनने के मात्र एक माह के भीतर डिबार मुक्त कर दिया गया.
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