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बोले नीतीश कुमार, सब एकजुट होकर 2019 में कर देंगे BJP की विदाई

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू के नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार के तर्ज पर राष्ट्रीय स्तर पर गैर भाजपा दलों की गोलबंदी हुई, तो हम 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को विदा कर देंगे. शनिवार को पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में नीतीश कुमार को दल के […]

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू के नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार के तर्ज पर राष्ट्रीय स्तर पर गैर भाजपा दलों की गोलबंदी हुई, तो हम 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को विदा कर देंगे. शनिवार को पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में नीतीश कुमार को दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के फैसले पर मुहर लगी. करीब 2500 पार्टी डेलिगेटस की मौजूदगी में एसके मेमोरियल हाल में सर्वसम्मति से नीतीश कुमार की ताजपोशी की मंजूरी दी गयी.
इसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर पहली बार अपने संबोधन में नीतीश कुमार ने भाजपा को चुनौती देते हुए कहा कि जिस तरह से बिहार में महागंठबंधन बना, उसी तरह से पूरे देश में एकजुटता होगी, तो अगले लोकसभा के चुनाव में भाजपा की दाल नहीं गलेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिये बिना उन्होंने भाजपा को ललकारते हुए कहा कि महागंठबंधन की राजनीति में वह बिहार में चारों खाने चित हुई है, अब देश में भी चित होगी. इसके पहले बैठक में देश भर से आये पार्टी प्रतिनिधियों ने हाथ उठा कर नीतीश कुमार के नाम पर अपनी सहमति दी और राजनीतिक प्रस्ताव को पारित किया. दिन के 11 बजे शुरू हुई बैठक में आये प्रतिनिधियों का स्वागत बिहार के प्रदेश अध्यक्ष सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह ने किया और कार्यक्रम का संचालन सांसद और राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने किया.
करीब तीन घंटे की बैठक के दौरान बतौर जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने खूब तालियां बटोरीं. कहा कि जदयू की आवाज में दम है और उसमें नैतिक बल है, इसलिए भाजपा मेें बेचैनी हो रही है. शराबबंदी की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इस मुहिम को लेकर वह देश के सभी राज्यों में जायेंगे. शुरुआत झारखंड से होगी. यूपी, ओड़िशा, मध्य प्रदेश भी हम जायेंगे. मई के पहले सप्ताह में हम झारखंड में महिलाओं की ओर से शराबबंदी के पक्ष में आयोजित सम्मेलन को संबोधित करने जायेंगे. इसके बाद 15 मई को लखनऊ में पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह के नाम से चल रही संस्था द्वारा आयोजित समारोह में शिरकत करेंगे. इस दौरान उन्होंने झारखंड के मुख्यमंत्री द्वारा भेजे गये पत्र की चर्चा की, जिसमें वहां के मुख्यमंत्री ने कहा कि आपके पत्र को उत्पाद विभाग उचित कार्रवाई के लिए भेज दिया है. नीतीश कुमार ने कहा, हम सबसे पहले झारखंड में शराबबंदी करायेंगे.
अपने संबोधन में नीतीश कुमार ने भाजपा पर जोरदार हमला बोला. गैर भाजपा दलों को एक मंच पर साथ आने का न्योता भी दिया. कहा कि हम राष्ट्रीय स्तर पर गैर भाजपा दलों की एकजुटता की कोशिश कर रहे हैं. इसमें हमारा कोई स्वार्थ नहीं है. नेतृत्व के सवाल पर खुद की दावेदारी से इनकार करते हुए उन्होंने भाजपा को करारा जवाब भी दिया. कहा कि हम एकजुटता की बात करते हैं, तो कुछ लोग कहते हैं कि मेरी बात कौन मानेगा? हम पद की बात नहीं, एकजुटता की बात कर रहे हैं. एकजुटता की बात करना गुनाह नहीं है. विपक्ष को चुनौती देते हुए उन्होंने कहा कि घबराइए नहीं, समय तय कर देगा कि कौन नेता होगा. गैर भाजपा दलों से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा से मुकाबला करना चाहते हैं, तो अंदरखाने में मुकाबला नहीं करिए, खुल कर एकजुट होइए.
मर्जर हो, आपसी समझदारी हो या गंठबंधन हो, महत्व एकजुटता की है. नीतीश कुमार ने भाजपा पर महागंठबंधन में फूट डालने की साजिश रचने का आरोप लगाया. कहा कि लालू प्रसाद मेरे बारे में कुछ बोले तो भी और कुछ नहीं बोले तो भी, अलग मायने निकाल रही है.
प्रधानमंत्री पद को लेकर मीडिया में आ रही चर्चा को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि हमारा दावा नेतृत्व का नहीं है. हम सर्वोच्च पद का दावा नहीं करते. हम कैटलस्टि की भूमिका में रहना चाहते. उन्होंने कहा कि किसी को प्रधानमंत्री बनना होगा, तो आप नाम लें या नहीं, बन जायेगा और किसी ने कह दिया कि वह प्रधानमंत्री बनना चाहते, तो सात जन्म में भी नहीं बन सकता. उन्होंने कहा कि मर्जर, तालमेल या आपसी एलायंस जो कुछ भी होगा, हम अधिक-से-अधिक कोशिश करेंगे. उन्होंने गैर संघवाद के लिए सभी दलों को सोचने की सलाह दी.
लोगों ने तो राइट ऑफ कर दिया था
नीतीश कुमार ने कहा, मैं संगठन की मजबूती और विस्तार के लिए वक्त दूंगा. शरद शदव ने मुझे जिम्मेवारी दी है. शरद यादव की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि वह हमेशा से देश की राजनीति में अलग भूमिका निभाते रहे हैं. 2013 में शरद यादव के तीसरी बार जदयू अध्यक्ष बनने के समय का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उसी समय हमने जो आशंका जतायी थी, वह आज सच साबित हो रही है. 2013 में ही हमने कह दिया था कि भाजपा नये तेवर में प्रकट हो रही है, वह हमें मंजूर नहीं है. जिस समय जदयू ने एनडीए से अलग होने का फैसला लिया, शुभचिंतकों ने भी कई तरह की आशंकाएं जतायी थीं.
कोई चुनौती दे रहा था, तो किसी को परेशानी हो रही थी. लेकिन, हमने कहा था कि हम भले ही लोकसभा के चुनाव में सफल नहीं हो, हमें सफलता की चिंता नहीं है, लेकिन, अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं कर सकते. उस समय लोगों ने तो राइट ऑफ कर दिया था. बिहार की जनता के दिल में जगह बन गयी थी, लेकिन लोग हमलोगों को अंधकार में देख रहे थे. श्रद्धांजलि दे रहे थे और राजनीतिक ऑब्च्यूरी पढ़ रहे थे. विधानसभा चुनाव के वक्त भी ऐसा ही कहा जा रहा था. लेकिन, जमीन की सच्चाई कुछ और ही थी. लिखनेवाले कुछ और लिख रहे थे. हमलोगों ने महागंठबंधन बनाया. बुद्धिमान लोगों ने इसे स्वीकार नहीं कर जंगलराज की बात कह रहे हैं.
उन्होंने विधानसभा चुनाव के परिणाम के दिन की कहानी सुनाते हुए कहा कि चुनाव आयोग को वैसी एजेंसियों पर कार्रवाई करनी चाहिए, जिन्होंने बिना गिनती शुरू हुए ही शुरुआती रुझान बताना शुरू कर दिया था.
……..और समस्तीपुर में लोगों ने कह दिया, जी हां बिजली आयी
नीतीश कुमार ने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा अहंकारी हो गयी थी. वह जिस तरह की भाषा बोल रही थी, वह राजनीतिक मर्यादा के खिलाफ थी. लेकिन, हमलोगों ने अपना आपा नहीं खोया. मेरे डीएनए को गड़बड़ बताया गया. जगह-जगह पूछते रहे कि क्या बिजली मिली, क्या बिजली आयी? समस्तीपुर में लोगों ने जवाब दे दिया, जी हां, बिजली आयी. उन्होंने कहा कि महिलाओं ने जब भारी वोट किया, तो भाजपा ने कहा कि गांव-गांव शराब की दुकान खुलवा दी है और महिलाएं खिलाफ वोट कर रही, जबकि हकीकत में महिलाओं ने महागंठबंधन के पक्ष में भारी मतदान किया था.
राज्यों पर बोझ बढ़ा केंद्र
केंद्र पर हमला करते हुए नीतीश कुमार कहा कि केंद्र अब राज्यों पर बोझ बढ़ा रहा है. केंद्र प्रायोजित योजनाओं में भारी कटौती हो रही है. राजीव गांधी वद्यिुत योजना का नाम बदल दिया गया. जब यह नाम था, तब केंद्र इस योजना में 90 प्रतिशत राशि देती थी. अब दीनदयाल उपाध्याय योजना नामकरण कर दिया, तो केंद्रांश घटा कर 60 प्रतिशत कर दिया गया. मनरेगा और पीएमजीएसवाइ पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. काला धन कहां आया, बाद में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा दिया यह तो जुमला है. रोजगार के वादे, किसानों को समर्थन मूल्य में भी धोखा हुआ. देश की आर्थिक स्थिति बहुत खराब है. बैंकों की हालत खस्ता है.
नीतीश कुमार ने कहा कि भाजपा एक ही शगूफा पर चल रही है, समाज को बांटो. कभी लव जेहाद, कभी गोमांस, और अब देशभक्त के नाम पर गुमराह किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि देशभक्ति का प्रमाणपत्र बांटा जा रहा है. हम देशभक्त हैं, हम राष्ट्रवादी हैं, लेकिन हमें उनके संघ और आरएसएस के प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि तिरंगा पर सवाल उठाया जा रहा है. लेकिन, आजादी की लड़ाई में भाजपा और उनके पुरखों की भूमिका कहा थी.
पारित राजनीितक प्रस्ताव
केंद्र सरकार ने 2014 में किये वादों पर धोखा दिया.
घर वापसी, लव जिहाद, बीफ पॉलिटिक्स को जानबूझ कर भड़काया
सभी संस्थानों,खासकर नौकरशाही, संस्कृति व शिक्षा में लागू किया जा रहा भगवाकरण का एजेंडा
भाजपा की नीति तानाशाही बढ़ाना, अधिनायकवाद को प्रश्रय देना व बहुसंख्यक के एजेंडे को थोपना
अरुणाचल व उत्तराखंड में सरकार अस्थिर कर संविधान की उड़ायीं धज्जियां
जो वादे किये, वे पड़े हुए हैं और किये जा रहे नये वादे : शरद
पटना : जदयू की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में पार्टी के निवर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि मैं होश संभालने से पार्टी चलाता रहा हूं. जो परिस्थितियां हैं, जो चुनौतियां हैं, उसे देखते हुए जिम्मेदारी को नये सिरे से दिया गया है. अब सिर्फ मेरे कंधे पर नहीं, नीतीश कुमार और मेरे दोनों के कंधों पर जिम्मेदारी बढ़ायी गयी है. उन्होंने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस की सरकार एक-आध नारे देती थी, लेकिन वर्तमान केंद्र सरकार नारे पर नारे दे रही है. स्टैंडअप, स्टार्टअप जैसे नारे दिये जा रहे हैं. जो वादे किये गये थे, उन्हें तो केंद्र सरकार निभा नहीं रही है और नये वादे कर रही है. न युवाओं को रोजगार मिला, न किसानों को समर्थन मूल्य से दोगुनी राशि मिली और न ही उनके खेतों में पानी ही पहुंची. महंगाई भी जस-की-तस है. 11 राज्यों के लोग प्यासे हैं. केंद्र की इस झूठ कोपकड़ना है और बेनकाब करना है.
इसके लिए पार्टी कार्यकर्ताओं को टास्क दिया जायेगा. वे पार्टी का विस्तार करने के साथ-साथ इसका भी खुलासा करेंगे. उन्होंने कहा कि इस काम के लिए कौन लोग (दूसरे राजनीतिक दल) हमारे साथ आयेंगे, यह पता नहीं, लेकिन हमलोग (जदयू) विचार पर खड़े हैं. लोकतंत्र खतरे में है. देश में नयी चुनौतियां खड़ी हैं. उनका मुकाबला करना है. जदयू का इतिहास दूसरी पार्टियों से अलग है. विचार के मामले में जदयू के सामने दूसरी पार्टियां नहीं टिकती हैं. आनेवाली जो चुनौतियां हैं, उन्हें देखते हुए देश में दुरुस्त रास्ता पकड़ना है, तो जो विचार पूर्वजों ने दिया है, उसे मजबूत करना होगा.
दिल्ली हाथ में आये, तो फिर न छूटे
शरद यादव ने कहा कि जदयू को मजबूत करना है. ऐसी पार्टी बनाना है कि दिल्ली हाथ में आये, तो न फिर छूटे. बीमारियों का मुकाबला करना है और झूठों को बेनकाब करना है. उन्होंने कहा कि हम आगे बढ़े हैं, लेकिन हमारी जाति व पार्टी के लोग इधर-उधर खिसक गये. नहीं खिसकते, तो देश में राज होता. देश की राजनीति में सामाजिक विषमता से ही आर्थिक विषमता निकलती है. सामाजिक विषमता के कारण ही भारत का मन मरा हुआ और मायूस है. आर्थिक विषमता के कई मामले जदयू ने उठाएं हैं और इसमें सफल भी हुआ है.
अंतरजातीय विवाह करनेवालों को नौकरी में मिले प्राथमिकता
शरद यादव ने कहा कि अंतरजातीय विवाह करनेवालों को सरकारी और निजी नौकरी में प्राथमिकता दी जाये. केंद्र सरकार इसके लिए बिल लाये. हमलोग उसका समर्थन करेंगे. इससे जाति की बाध्यता और जातिवादी व्यवस्था भी खत्म होगी. आज जाति व्यवस्था के चलते हमारी मां, बहन व बेटी गुलाम हैं. हमारा मकसद है उन्हें इस गुलामी से आजाद कराना. इनकी आजादी के लिए जदयू संग्राम करेगा. उन्होंने कहा कि हम जन्म दोष मिटाना चाहते हैं. हमारी लड़ाई उनसे है, जो इस जन्म दोष को बनाये रखना चाहते हैं. इसके लिए हम आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे.
देश को पाखंडी लोगों से है बचाना
शरद यादव ने कहा कि देश में कई पाखंडी लोग हैं, जो धर्म के साथ-साथ पाखंड करते हैं. इसमें श्री श्री समेत आसाराम भी हैं. इनके पाखंड को खंड-खंड करना है. कई दल हैं, जो देश का धर्म के आधार पर भी बंटवारा चाहते हैं. हमारी पार्टी मंदिर-मसजिद की नहीं, इनसानों की पार्टी है. देश की 80 फीसदी गरीबों की पार्टी है. बिहार में शराबबंदी का नया मुद्दा उठाया गया है. इस मुद्दे को आगे लेकर भी जाना है.

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