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मैं पटना जंकशन… मेरी सुरक्षा करो

लापरवाही. एक दिन पहले जंकशन उड़ाने की मिली धमकी, 24 घंटे के बाद भी स्टेशन की वही स्थिति पटना जंकशन को उड़ाने की धमकी गुरुवार को अज्ञात बदमाशों ने दी थी. लेकिन इसके बाद भी रेलवे प्रशासन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया और शुक्रवार को भी लापरवाही देखने काे मिली. पटना : मैं पटना […]

लापरवाही. एक दिन पहले जंकशन उड़ाने की मिली धमकी, 24 घंटे के बाद भी स्टेशन की वही स्थिति
पटना जंकशन को उड़ाने की धमकी गुरुवार को अज्ञात बदमाशों ने दी थी. लेकिन इसके बाद भी रेलवे प्रशासन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया और शुक्रवार को भी लापरवाही देखने काे मिली.
पटना : मैं पटना जंकशन हूं. मेरी सुरक्षा के लिए भी कोई कुछ करो. जब धमकियां मिलती हैं, तो मेरी सुरक्षा की याद आती है. बाकी समय मेरे घर में कोई कहीं से आये, उसे कोई नहीं देखता है. ऐसे में हम कब तक ‘जीवित’ रहेंगे. कोई-न-कोई और कभी-न-कभी मुझे ‘मार’ कर चला जायेगा.
उस वक्त भी आप बस अलर्ट घोषित कर सभी प्लेटफाॅर्म पर डॉग स्क्वायड, जीआरपी, सेंट्रल फोर्स और बिहार पुलिस आकर मुआयना करेंगे. गुरुवार को पटना जंकशन उड़ाने को लेकर पहली बार कोई धमकी नहीं मिली है. ऐसा साल में एक-दो बार हो जाता है कि कभी प्लेटफाॅर्म पर बम, तो कभी पूरा स्टेशन उड़ाने की धमकी मिलती है1 इसको लेकर धमकी वाले दिन सुरक्षा थोड़ी देर के लिए कड़ी होती है. उसके बाद फिर हमारी सुरक्षा भगवान भरोसे हो जाता है. इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ. गुरुवार को पटना जंकशन उड़ाने की धमकी मिली, लेकिन शुक्रवार को फिर वह शिथिलता. दिन भर में कभी एक बार डॉग स्क्वायड पहुंच गया और सुरक्षा का काम पूरा हो गया.
मैं जंकशन पर 12:00 बजे पहुंचा. हनुमान मंदिर के पास अपनी बाइक लगायी. हेलमेट पहन कर आरक्षण काउंटर से सटे प्लेटफाॅर्म जाने वाले रास्ते से अंदर घुसा. वहां गेट की बगल में जीआरपी के तीन जवान खड़े थे, लेकिन उन्होंने हमसे यह भी नहीं पूछा कि हेलमेट क्यों पहने हो.
इसके बाद आगे गया उसी वक्त विक्रमशिला आयी और एक नंबर प्लेटफाॅर्म पर यात्रियों की जबरदस्त भीड़ थी. पानी लेने के लिए उतरे लोग एक-दूसरे से मारपीट कर रहे थे. इसी दौरान कुछ टीटीइ दिखे, जो टिकट चेक कर रहे थे, लेकिन एक नंबर पर कोई सुरक्षा का इंतजाम नहीं था. कुछ लोग ट्रेन में आपातकाल की खिड़की से घुस रहे थे उसे टीटी देख रहे थे, लेकिन उसे भी रोकने वाला कोई नहीं था.इसके बाद एक नंबर प्लेटफाॅर्म के मुख्य द्वार पर पहुंचा.
उस वक्त 12:30 बजे थे, लेकिन वहां तीनों में से किसी भी गेट पर पुलिस नहीं थी. इसके बाद एक नंबर से एफओबी पर चढ़ कर मैं दस नंबर प्लेटफॉर्म की ओर बढ़ा, देखा एफओबी पर यात्री आराम से कुछ भी लेकर आ-जा रहे हैं और यह रास्ता करबिगहिया के 10 नंबर प्लेटफॉर्म तक जाता है, लेकिन इस एफओबी पर भी सुरक्षा की व्यवस्था नहीं दिखी. उसके बादजब 10 नंबर प्लेटफॉर्म नंबर एस्केलेटर के पास पहुंचा, वहां दो टीटीइ मौजूद थे, इसके बाद भी
लोग राम राज की तरह आ रहे थे. उन्हें देखने वाला कोई नहीं था. मैं एस्केलेटर से उतरा, तो देखा कि एक दीवार के पास अघोषित रास्ता बना हुआ है, जहां से यात्री ऑटो से उतरने के बाद आराम से प्लेटफाॅर्म पर चले आ रहे थे.
यही स्थिति गया लाइन व आर ब्लॉक की ओर जाने वाली पटरी से भी लोग आराम से प्लेटफाॅर्म पर आ रहे थे और बाहर भी निकल रहे थे, यहां भी सुरक्षा व्यवस्था ताक पर थी. इस तरह से दो घंटे गुजारने के बाद सुरक्षा के नाम पर कुछ दिखा नहीं. ऐसे में कोई भी आराम से स्टेशन व प्लेटफाॅर्म तक पहुंच सकता है.ऐसे में यहां सुरक्षा की काफी कमी है.

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