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भवन जजर्र, शौचालय व पानी का इंतजाम भी नहीं

पटना: कहावत है दीपक तले अंधेरा. समाहरणालय परिसर की व्यवस्था कुछ ऐसी ही है. पेयजल, शौचालय, पार्किग का नहीं होना, गंदगी का अंबार आदि समस्याओं से लोगों को जूझना पड़ रहा है. इन समस्याओं से निजात के लिए समाहरणालयकर्मियों ने जिलाधिकारी को मांग पत्र सौंपा है. जिलाधिकारी ने कर्मियों को आश्वस्त किया है कि उनकी […]

पटना: कहावत है दीपक तले अंधेरा. समाहरणालय परिसर की व्यवस्था कुछ ऐसी ही है. पेयजल, शौचालय, पार्किग का नहीं होना, गंदगी का अंबार आदि समस्याओं से लोगों को जूझना पड़ रहा है. इन समस्याओं से निजात के लिए समाहरणालयकर्मियों ने जिलाधिकारी को मांग पत्र सौंपा है. जिलाधिकारी ने कर्मियों को आश्वस्त किया है कि उनकी मांगों पर विचार हो रहा है. कर्मियों की मांग पर ही पार्किग, शौचालय आदि निर्माण पर निर्णय लिया गया है.

बेतरतीब लगते हैं वाहन
परिसर में पार्किग की व्यवस्था नहीं होने से लोग जहां-तहां अपनी गाड़ी खड़ी कर देते हैं. यहां तक कि झंडोत्ताेलन स्थल का उपयोग पार्किग में हो रहा है. मोटर साइकिल के साथ चार पहिया वाहन भी लगते हैं. समाहरणालय के अधिकारी अपने कार्यालय के समीप लगाते हैं, लेकिन बाहर से आनेवाले लोगों के लिए व्यवस्था नहीं है. सुरक्षा के भी कोई इंतजाम नहीं है. साल भर में चार मोटरसाइकिल गायब हो चुकी हैं. तीन साल से अधिक समय से बंद परिसर के पूर्वी गेट के समीप पार्किग बनाने का प्रशासन ने निर्णय लिया था. इस संबंध में एस्टीमेट बनाने को संबंधित विभाग को निर्देश मिला था. अब तक मामला अधर में है.

महीनों से नहीं हुई सफाई
पूरे परिसर में शौचालय की व्यवस्था नहीं है. अनुमंडल कार्यालय के पास पुराने शौचालय को भी ध्वस्त कर दिया गया. वहां पार्किग बनाने की तैयारी चल रही है. परिसर का पूर्वी गेट एक तरह से शौचालय स्थल बना हुआ है. शौचालय नहीं होने से महिलाओं को परेशानी होती है. नजारत कार्यालय के बगल में पेयजल के लिए नल की व्यवस्था है, लेकिन पर्याप्त नहीं. समाहरणालयकर्मी बोतल लेकर पानी भरने के लिए खुद इंतजार करते रहते हैं. परिसर के पूर्वी गेट के पास जमा कचरा देख कर सफाई का अंदाजा लगाया जा सकता है. लगता है महीनों सफाई नहीं हुई है.

हादसे का खौफ
परिसर में जिला शिक्षा कार्यालय भवन में पेड़ उग आये हैं. जगह-जगह दीवारों में दरार आ गयी है. कर्मियों को इस बात का भय रहता है कि पता नहीं कब टूट कर गिर जाये. निबंधक कार्यालय भवन की छत से पानी टपकता है.

अधिवक्ताओं के लिए जगह उपलब्ध नहीं
समाहरणालय परिसर में लगभग तीन सौ अधिवक्ताओं के बैठने के लिए जगह उपलब्ध नहीं है. खुले आसमान के नीचे अधिवक्ता बैठने को मजबूर है. सर्दी, गरमी, बारिश में भी उनके लिए कोई व्यवस्था नहीं होती है. न्यायालय में लोगों के मामले के निष्पादन में सहयोग करनेवाले खुद असहाय हैं.

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