पटना: खाड़ी देशों में गार्ड की नौकरी देने के नाम पर दर्जनों छात्रों से जालसाजी करने के मामले में पुलिस ने संतोष कुमार (जहानाबाद) को पकड़ लिया. संतोष को गुरुवार को पूछताछ के बाद जेल भेज दिया गया.
हालांकि, इस मामले का मास्टर माइंड राजकुमार चड्ढा (हरियाणा) व दलाल आमिर (जहानाबाद) निकल भागने में सफल रहे. इस मामले में छात्रों के बयान के आधार पर श्री कृष्णापुरी थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. इसके अलावा रेस्तरां मैनेजर के बयान के आधार पर भी जालसाजी का मामला दर्ज किया गया है. सचिवालय डीएसपी मनीष कुमार ने संतोष की गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि इस मामले में शामिल अन्य की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है.
आमिर करता था दलाली का काम : फरार आमिर छात्रों को खाड़ी देशों में नौकरी लगाने के नाम पर झांसे में लेता था और उनलोगों को राजकुमार चड्ढा से भेंट कराता था. इसके बाद वह छात्रों से उनकी आर्थिक स्थिति के अनुसार पैसे वसूलता था. इस मामले में छात्रों ने पुलिस को बताया था कि उन लोगों को खाड़ी देशों में गार्ड की नौकरी देने के नाम पर राजकुमार चड्ढा व अन्य ने 40-40 हजार रुपये लिये थे और रेस्तरां में खाने पर बुलाया था, लेकिन पैसे लेकर वे लोग वहां से फरार हो गये. वहीं, श्री कृष्णापुरी थाने के सामने स्थित रेस्तरां के मैनेजर ने पुलिस को बताया था कि राजकुमार नाम के व्यक्ति ने बैंक्वेट हॉल बुक किया था और मात्र एक हजार ही दिया था. उसने 50 लोगों के खाने का ऑर्डर दिया था, पर बिना बिल दिये ही राजकुमार वहां से भाग गया.
कहा, फ्री पढ़ायेंगे और ले लिये 25-25 हजार
एससी/एसटी छात्रों से एमबीए व इंजीनियरिंग की नि:शुल्क पढ़ाई के नाम पर प्रति छात्र 25 हजार की ठगी करनेवाले संस्थान के निदेशक अनिल कुमार (बोरिंग रोड) को श्रीकृष्णापुरी पुलिस ने पकड़ लिया. उसने बोरिंग रोड में विजन नाम से संस्थान का कार्यालय खोल रखा था और वहां सरकार द्वारा दी जा रही स्कीम का हवाला देकर एससी व एसटी के छात्रों को इंजीनियरिंग व एमबीए की पढ़ाई नि:शुल्क कराने का झांसा दिया जा रहा था. छात्रों को यह बताया जाता था कि उनकी पढ़ाई के दौरान खाना व रहने की व्यवस्था भी नि:शुल्क की जायेगी. इसके बाद रजिस्ट्रेशन के नाम पर 20 छात्रों से 25-25 हजार नकद भी वसूला गया. लेकिन, कुछ नहीं होने पर छात्रों ने इसकी शिकायत श्रीकृष्णापुरी पुलिस से की. पुलिस ने मामले का सत्यापन किया, तो वह सही निकला. इसके बाद अनिल कुमार को गिरफ्तार कर लिया. अनिल अपने कार्यालय के ऊपरवाले फ्लैट में रहता था. सचिवालय डीएसपी मनीष कुमार ने बताया कि अनिल को जेल भेज दिया गया है.