पटना: पीएमसीएच के प्रसूति विभाग के लेबर रूम के आइसीयू से नवजात की चोरी में संदेह की सूई कर्मियों की ओर घूम रही है. सीसीटीवी फुटेज से पता चला है कि बच्चे को चुराने वाली महिला करीब डेढ़ घंटे बाद प्रसूति विभाग से निकली थी.
जबकि बच्चे को उसने करीब साढ़े आठ बजे उसकी मां के पास से उठाया था. सीसीटीवी में वह महिला 10 बजे प्रसूति विभाग के लेबर रूम के मुख्य द्वार से बाहर निकलती दिख रही है. सवाल उठता है कि वह महिला बच्चे को लेकर डेढ़ घंटे तक प्रसूति विभाग में रही,लेकिन किसी कर्मचारी ने उससे पूछताछ क्यों नहीं की?
सीसीटीवी फुटेज में अहम सुराग
पुलिस यदि पिछले तीन दिनों के सीसीटीवी के फुटेज को खंगाले तो उसे सुराग मिल सकता है. फुटेज से पता चलेगा कि वह महिला कब आयी थी. अकेले थी या कोई और उसके साथ था. वार्ड में वह किन लोगों से मिल-जुल रही थी. इससे वार्ड के कर्मचारियों से उसके रिश्तों पर भी रोशनी पड़ेगी. प्रसूति विभाग के भवन में तीन स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं. एडमिशन रूम, बरामदा व मुख्य द्वार पर लगे कैमरों में हर गतिविधि दर्ज है.
तीन दिनों तक की बच्चे की रेकी
वह महिला तीन दिनों से प्रसूति विभाग में थी. उसे नर्सो व कर्मचारियों से बातचीत करते देखा जा रहा था. एक ऐसी महिला जिसका प्रसूति विभाग में कोई लेना-देना नहीं था.तब वह वहां कैसे रह रही थी? इस कांड में का एक और पहलू है जो बताता है कि वह महिला किसी बच्च चोर गिरोह की सदस्य रही होगी. बच्चे को उठाने के बाद वह डेढ़ घंटे तक अंदर ही रही,इससे लगता है कि वह किसी का इंतजार कर रही थी. उसके आते ही वहां से चंपत हो गयी. बच्चे चुराने से पहले उसने तीन दिनों तक वार्ड में अपने शिकार की रेकी की और मकसद पूरा होते ही बड़े आराम से निकल गयी. इस घटना ने प्रसूति विभाग की सुरक्षा-व्यवस्था की पोल खोल दी है.
पुलिस को समय पर नहीं मिली सूचना
घटना की जानकारी पुलिस को 11 बजे हुई, जबकि परिजनों को पौने नौ बजे के आसपास इसका पता चल गया था.बच्चे की नानी पानपति देवी बदहवास होकर प्रसूति विभाग से बाहर की ओर दौड़ी. इसी बीच बच्चे के नाना राजदेव चौधरी भी वहां पहुंचे. उनसे किसी ने कहा कि उनका नाती खत्म हो गया है. वे उसकी बात समझ नहीं पाये. वह इधर-उधर भाग-दौड़ करने लगे. अस्पताल के किसी कर्मचारी ने इसकी जानकारी पुलिस को देना मुनासिब नहीं समझा. करीब 11 बजे सूचना मिलने पर टीओपी में तैनात पुलिसकर्मियों ने पीएमसीएच के सारे गेट को सील कर दिया, लेकिन तब तक वह महिला वहां से निकल चुकी थी. पुलिसकर्मियों का कहना है कि अगर समय पर इस बात की सूचना मिल जाती, तो महिला को पकड़ लिया जाता.पीएमसीएच में स्थित टीओपी में एक पदाधिकारी व चार जवान तैनात थे.
अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी
नवजात के नाना राजदेव चौधरी के बयान पर अज्ञात के खिलाफ पीरबहोर थाने में आइपीसी की धारा 363 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है. श्री चौधरी ने पुलिस से उस दिन ड्यूटी में तैनात चिकित्सक, नर्स एवं गार्ड की सूची भी मांगी है. पीरबहोर थानाध्यक्ष एसए हाशमी के छुट्टी पर होने के कारण गांधी मैदान थानाध्यक्ष राजबिंदु प्रसाद छानबीन करने पीएमसीएच पहुंचे . नवजात के नाना राजदेव चौधरी एवं अन्य परिजनों से तहकीकात की. उन्होंने पीएमसीएच के अधीक्षक से वीडियो फुटेज मांगा है, ताकि घटना से लेकर अब तक की सारी स्थिति स्पष्ट हो सके.
मां-बेटे को पुलिस ने छोड़ा
राजदेव चौधरी के शक करने पर पुलिस ने सलमा खातून और उनके बेटे तनवीर अंसारी को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था. दोनों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया है. पुलिस का कहना है कि इस घटना में फिलहाल दोनों की संलिप्तता सामने नहीं आयी है. वह महिला कई अन्य मरीजों के साथ भी देखी गयी है.
दिखावे के लिए कटता है गेट पास
पीएमसीएच में भरती मरीजों के लिए डिस्चार्ज चार्ट व गेट पास बनाया जाता है, लेकिन इस पास का क्या मतलब नहीं है. शायद ही कभी कोई गार्ड मरीज या अटेंडेंट से इनकी पड़ताल करता है. जब भी कोई बड़ी घटना परिसर में होती है, उसके दूसरे दिन अस्पताल प्रशासन की ओर से कई दावे किये जाते हैं. इसमें एक मरीज के साथ एक परिजन के रहने की बात को प्रमुखता दी जाती है. लेकिन, यह आज तक नहीं हो पाया.