हंगामे के बीच चली विप की कार्यवाही
पटना : विधान परिषद में गुरुवार को सदन की कार्यवाही में व्यवधान के आरोप में भाजपा के सदस्य लाल बाबू प्रसाद को निलंबित कर दिया गया. भोजनावकाश के पहले हुई इस घटना से पूरा सदन स्तब्ध रह गया.
सभापति अवधेश नारायण सिंह ने लाल बाबू प्रसाद से कहा कि आप सदन से बाहर निकलिये नहीं तो मार्शल से आपको बाहर कराया जायेगा. सभापति के आदेश के बाद भी जब वे सदन से बाहर नहीं निकले तो सभापति ने कहा, आप निलंबित सदस्य हैं आप निकल जाइये. नहीं तो मजबूरन मार्शल को बुलाना पड़ेगा. शून्यकाल के दौरान जब यह वाकया हुआ विपक्ष के सभी सदस्य वेल में नारेबाजी में मशगुल थे.
आरंभ में सभापति सदन की कार्यवाही रोकने के मूड में नहीं थे. उन्होंने सदन को चलने दिया और ध्यानाकर्षण के लिए केदार नाथ पांडेय का नाम पुकारा. लेकिन, शोरगुल में मंत्री का जवाब सुना नहीं जा सका. इसके बाद सदन की कार्यवाही भोजनावकाश तक के लिए स्थगित कर दी गयी.
भाेजनावकाश के बाद सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो विपक्ष के नेता सुशील कुमार मोदी ने आसन से लाल बाबू प्रसाद का निलंबन वापस लेने का अनुरोध किया. मोदी ने कहा कि लाल बाबू प्रसाद पर जो निर्णय लिया गया है, वह वापस लिया जाये. इसका समर्थन करते हुए जदयू के नीरज कुमार ने कहा कि जिस तरह से वाद-विवाद में आचरण अपनाया जा रहा है.
उस पर विराम लगना चाहिए. सभापति ने कहा कि यह विचारणीय सवाल है. सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने के लिए सदस्यों को सहयोग करना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह उच्च सदन है. वाद विवाद तो होना चाहिए, इसे विवादित नहीं बनाना चाहिए. सभापति ने कहा कि परिषद की परंपरा समृद्ध रही है. इसे बनाये रखना चाहिए. नेता प्रतिपक्ष ने अपनी बात रखी है.
निलंबन के निर्णय को हम वापस लेते हैं. लाल बाबू से आग्रह है कि वे सदन में आएं और सदन के संचालन में सहयोग करें. बाद में सभापति ने लाल बाबू प्रसाद के विरुद्ध आचार समिति में मामले को ले जाने के बारे में कहा इसे सदन की कार्यवाही से हटा दिया जायेगा. हंगामे के बीच ध्यानाकर्षण के तीन प्रश्नों पर सरकार के जवाब भी हुए, हंगामे और शोरगुल के कारण इसे सुना नहीं जा सका. इसके पूर्व प्रश्नोत्तर काल शुरू होने के साथ ही भाजपा के रजनीश कुमार ने राज्य सरकार द्वारा कपड़े और खाने पीने की वस्तुओं पर वैट के कारण महंगाई बढ़ने को लेकर कार्यस्थगन प्रस्ताव लाया.
पत्रकारों से बातचीत में सभापति ने कहा कि सदन का निर्देश नहीं मानने के कारण भाजपा सदस्य को निलंबित किया गया है. उन्होंने कहा कि नियम यह है कि जैसे ही सभापति खड़े होते हैं, सदस्यों को अपनी सीट पर बैठ जाना चाहिए. हमें हाउस चलाने की जिम्मेवारी मिली है.
हमें हर हाल में सदन चलाना है और यह हमें करना ही होगा. उन्हेांने कहा कि कई सदस्यों ने सदन कई प्रश्नों को लेकर सदन की कार्यवाही चलाने का अनुरोध किया था.गुरुवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सभापति ने कड़ा रूख अपानते हुए भाजपा सदस्यों को हंगामा करने से रोक दिया.
उन्होंने कहा कि बिना अनुमति के बालने वाले सदस्यों की कोई बात रिकार्ड में नहीं आयेगा. भाजपा सदस्यों ने प्रश्नोत्तर काल चलने में सहयोग किया, लेकिन शून्यकाल शुरू होते ही पुन: कार्य स्थगन प्रस्ताव को लेकर सदन में हंगामा और वेल में आकर प्रदर्शन किया.