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मैट्रिक के सर्वाधिक परीक्षार्थी गया में
परीक्षा. पटना में बनाये गये सबसे अधिक सेंटर मैट्रिक परीक्षा 11 मार्च से शुरू हो रही है. सर्वाधिक परीक्षार्थियों में गया और सर्वाधिक केंद्रों में पटना आगे है पटना : इंटर के बाद बिहार विद्यालय परीक्षा समिति मैट्रिक परीक्षा की तैयारियों में जुट गयी है. इस बार 15 लाख, 73 हजार, 199 परीक्षार्थी मैट्रिक की […]
परीक्षा. पटना में बनाये गये सबसे अधिक सेंटर
मैट्रिक परीक्षा 11 मार्च से शुरू हो रही है. सर्वाधिक परीक्षार्थियों में गया और सर्वाधिक केंद्रों में पटना आगे है
पटना : इंटर के बाद बिहार विद्यालय परीक्षा समिति मैट्रिक परीक्षा की तैयारियों में जुट गयी है. इस बार 15 लाख, 73 हजार, 199 परीक्षार्थी मैट्रिक की परीक्षा देंगे. उनके लिए प्रदेश भर में 1309 परीक्षा केंद्र बनाये गये हैं. सबसे अधिक परीक्षार्थी गया जिले में हैं. गया से इस बार 80 हजार, 373 परीक्षार्थी शामिल होंगे. छपरा दूसरे और वैशाली तीसरे स्थान पर है. चौथे स्थान पर मौजूद पटना से इस बार 68 हजार, 933 परीक्षार्थी मैट्रिक की परीक्षा में शामिल होंगे. परीक्षा 11 मार्च से 18 मार्च तक चलेगी.
पटना जिले में 73 परीक्षा केंद्र : परीक्षा में एक बेंच पर दो परीक्षार्थी ही बैठ सकते हैं. इस कारण हर जिले में परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ायी गयी है. पटना में सबसे अधिक 73 परीक्षा केंद्र बनाये गये हैं. वहीं, समस्तीपुर, गया और वैशाली में 67-67 परीक्षा केंद्र बनाये गये हैं. कदाचार मुक्त परीक्षा के लिए हर परीक्षा केंद्र पर सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है.
छपरा में सर्वाधिक छात्रा परीक्षार्थी :
इस बार छपरा से सबसे ज्यादा छात्राएं मैट्रिक की परीक्षा में शामिल होंगी. इस मामले में गया दूसरे और पटना तीसरे स्थान पर है. पटना से 35771 छात्रा परीक्षार्थी मैट्रिक की परीक्षा में शामिल होंगी. छात्र परीक्षार्थियों की संख्या सबसे ज्यादा गया में है. गया से 43350 छात्र परीक्षार्थी शामिल होंगे.
पटना : इंटरमीडिएट की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच के लिए इस बार एक स्पेशल केंद्र भी बनाये जायेंगे. इस स्पेशल मूल्यांकन केंद्र पर उन उत्तर पुस्तिका की जांच होगी, जिस परीक्षा केंद्र को लेकर कुछ संदेह बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को है.
जिलाधिकारी और जिला शिक्षा पदाधिकारी की ओर से जिन परीक्षा केंद्रों की रिपोर्ट निगेटिव होगी या कुछ संदेह होगा तो उन केंद्रों की उत्तर पुस्तिका स्पेशल मूल्यांकन केंद्र पर जांची जायेगी. ज्ञात हो कि इस बार इंटर के मूल्यांकन के लिए 76 मूल्यांकन केंद्र बनाये गये हैं. इसमें से एक केंद्र को स्पेशल रखा गया है.
2015 में भी बना था स्पेशल मूल्यांकन केंद्र
स्पेशल मूल्यांकन केंद्र 2015 में इंटर की उत्तर पुस्तिका की जांच के लिए भी बनाया गया था. लेकिन, रिजल्ट निकलने के कुछ दिन पहले बनाया गया था. वैैशाली के परीक्षा केंद्र से एक हजार ऐसी उत्तर पुस्तिका एग्जामिनर के पास आये थे, जिसमें हर उत्तर पुस्तिका की हैंडराइटिंग एक जैसी थी. उत्तर पुस्तिका में हर प्रश्न का उत्तर एक जैसा लिखा था.
इसकी जानकारी समिति को मिली, तो फिर इन उत्तर पुस्तिका की जांच के लिए अलग से स्पेशल मूल्यांकन केंद्र बनाया गया था.
स्क्रूटनी में टोटलिंग होती है, मूल्यांकन नहीं
बिहार बोर्ड में एक बार उत्तर पुस्तिका की जांच होने के बाद उस कॉपी की दोबारा जांच नहीं होती है. बोर्ड में यह प्रावधान नहीं है कि किसी उत्तर पुस्तिका की दोबारा जांच की जाये. स्क्रूटनी के दौरान बस अंकों को देखा जाता है.
उसकी टोटलिंग की जांच की जाती है. अंदर के अंक अाैर बाहर के अंकों को मिलाया जाता है. ऐसे में स्पेशल मूल्यांकन केंद्र से रिजल्ट में पारदर्शिता लायी जा सकेगी.
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