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यात्री सुविधाओं पर बल देने के लिए बीआइए ने रेल बजट को सराहा

पटना: रेल बजट की बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने सराहना की है. एसोसिएशन के अध्यक्ष रामलाल खेतान ने कहा कि संसद में बजट एक नये रूप में पेश किया गया है, जिसमें रेलवे के ढांचागत सुविधाओं एवं यात्री सुविधाओं को बढ़ाने पर विशेष बल दिया गया है. इसमें उत्तरदायित्व निर्धारित किये जाने की बात भी कही […]

पटना: रेल बजट की बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने सराहना की है. एसोसिएशन के अध्यक्ष रामलाल खेतान ने कहा कि संसद में बजट एक नये रूप में पेश किया गया है, जिसमें रेलवे के ढांचागत सुविधाओं एवं यात्री सुविधाओं को बढ़ाने पर विशेष बल दिया गया है. इसमें उत्तरदायित्व निर्धारित किये जाने की बात भी कही गयी है.

रेल बजट में न तो यात्री किराया में किसी तरह की बढ़ोतरी की गयी है और न ही उद्योग वाणिज्य के माल ढुलाई भाड़े में किसी तरह की बढ़ोतरी का प्रस्ताव है. रेलमंत्री ने रेलवे नेटवर्क में वृद्धि पर विशेष बल दिया है. एक बार फिर उन्होंने राजस्व के अतिरिक्त संसाधन जुटाने पर ध्यान केंद्रित करने की बात कही है. इस परिप्रेक्ष्य में यह सराहनीय है कि उन्होंने माल भाड़े या यात्री किराये में किसी तरह की बढ़ोत्तरी न करते हुए आय के अतिरिक्त संसाधन पर ध्यान केंद्रित करने पर जोर दिया है. विभिन्न यात्री गाड़ियों की गति में वृद्धि किये जाने पर भी रेल मंत्री का ज्यादा ध्यान दिखा, जो सराहनीय है. पुन: इस वित्तीय वर्ष में रेलवे द्वारा 100 नये लोजेस्टिक हब तैयार किये जाने की चर्चा रेलमंत्री ने इस बजट में की है.

बिहार की चर्चा नहीं होने से निराशा
वहीं बिहार के परिप्रेक्ष्य में रेल बजट का सवाल है, रेल मंत्री के बजट भाषण में ऐसी कोई चर्चा नहीं दिखी, इस पर एसोसिएशन ने निराशा जतायी है. बजट का पूरा खाका सामने आने पर ही इस पर स्थिति स्पष्ट होगी. अध्यक्ष ने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि विभिन्न रेल बजट तथा अन्य अवसरों पर बिहार राज्य से संबंधित घोषित परियोजनाओं को पूरा करने में किसी तरह की कोई वित्तीय बाधा नहीं होगी. ताकि, पूर्व में घोषित योजनाओं को जल्द-से-जल्द पूरा किया जा सके, जिससे राज्य को लाभ मिलना शुरू हो सके.
बिहार चैंबर ने कहा- रेल बजट ने पिछड़े राज्यों को निराश किया
पटना. बिहार चैंबर ऑफ कामर्स ने रेल बजट पर निराशा जतायी है. चैंबर अध्यक्ष ओपी साह ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि रेल बजट ने बिहार जैसे आर्थिक रूप से पिछड़े राज्य को निराश किया है. हालांकि रेलवे ने पिछले दिनों मढ़ौरा और मधेपुरा रेलवे कारखानों की स्थापना के लिए कार्यादेश किया गया जो स्वागत के योग्य है. लेकिन अन्य लंबित रेल परियोजनाओं के विषय में बजट में कोई घोषणा नहीं होने से निराशा हुई है. साह ने कहा कि बिहार में रेलवे के वर्तमान रैक साइडिंग की कमी के कारण राज्य के उद्यमियों को माल मंगाने और भेजने में असुविधा हो रही है. रेल मंत्री इस हर जिले में दो दो रैक साइडिंग का निर्माण कराएं.

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