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पटना : सरकारी कामकाज को ”सुधारने” के लिए DM सप्ताह में एक दिन बनेंगे क्लर्क

पटना : कार्य संस्कृति में सुधार लाने को पटना डीएम संजय कुमार अग्रवाल ने नया प्रयोग किया है. इस प्रयोग के तहत डीएम हफ्ते में एक दिन लिपिक की कुरसी पर बैठेंगे व सामान्य कामकाज निबटायेंगे. डीएम की तर्ज पर संबंधित शाखा के प्रभारी पदाधिकारी व अपर समाहर्ता भी प्रत्येक सप्ताह में दो घंटे क्लर्क […]

पटना : कार्य संस्कृति में सुधार लाने को पटना डीएम संजय कुमार अग्रवाल ने नया प्रयोग किया है. इस प्रयोग के तहत डीएम हफ्ते में एक दिन लिपिक की कुरसी पर बैठेंगे व सामान्य कामकाज निबटायेंगे. डीएम की तर्ज पर संबंधित शाखा के प्रभारी पदाधिकारी व अपर समाहर्ता भी प्रत्येक सप्ताह में दो घंटे क्लर्क की कक्ष में बैठ कर समीक्षा व कार्य निष्पादन करेंगे. रविवार को डीएम ने इस प्रयोग की शुरुआत करते हुए जिला विधि शाखा में दो घंटे बैठ कर काम काज देखा व उसे निबटाया. उन्होंने अनुमंडल में एसडीओ व प्रखंडों में बीडीओ-सीओ को भी प्रत्येक मंगलवार अपने कार्यालयों के लिपिक कक्ष में बैठ कर कार्यों की समीक्षा करने का निर्देश दिया.
10 मार्च तक निष्पादित होंगे स्टांप रिफंड के 375 मामले
डीएम ने समीक्षा में पाया कि शाखा स्तर पर स्टांप रिफंड के कुल 375 मामले लंबित हैं. इनको पूरा करने में दो साल का समय लग सकता है. लेकिन, समीक्षा के बाद इस काम को पूरा करने में मात्र एक माह का ही समय लगेगा. डीएम की ओर से निकाले गये फॉर्मूले के तहत यह सभी मामले 10 मार्च तक निष्पादित हो जायेंगे.
इस दौरान विधि शाखा में कार्यरत एक अनुसेवी की उम्र अधिक पाये जाने पर उसकी जांच के लिये मेडिकल बोर्ड के गठन का निर्देश स्थापना उपसमाहर्ता को दिया गया है. डीएम ने कहा कि इससे कार्यालयों में आनेवाली कठिनाइयों की जानकारी मिलेगी. उसे सुधार कर कार्यप्रणाली को सुधारा जा सकेगा. इससे कार्य करनेवाले कर्मियों की कार्यक्षमता में भी सुधार आयेगा और उनमें सम्मान की भावना विकसित होगी.

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