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पासपोर्ट सेवा केंद्र से पकड़े गये आठ दलाल

पटना: आशियाना-दीघा रोड स्थित पासपोर्ट सेवा केंद्र के बाहर सक्रिय दलालों पर शुक्रवार को पुलिस ने कार्रवाई की. पुलिस ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर पासपोर्ट बनाने वाले दलालों के गिरोह के आठ सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने पासपोर्ट सेवा केंद्र के बाहर से 40 से अधिक लोगों को पकड़ा था, लेकिन सत्यापन […]

पटना: आशियाना-दीघा रोड स्थित पासपोर्ट सेवा केंद्र के बाहर सक्रिय दलालों पर शुक्रवार को पुलिस ने कार्रवाई की. पुलिस ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर पासपोर्ट बनाने वाले दलालों के गिरोह के आठ सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने पासपोर्ट सेवा केंद्र के बाहर से 40 से अधिक लोगों को पकड़ा था, लेकिन सत्यापन के बाद आठ दलालों को गिरफ्तार किया गया. इन लोगों के पास से नकली पैन कार्ड, दस्तावेज, 20 हजार नकद, काला बैग, कोड युक्त कूपन, आवेदन की छाया प्रति बरामद की गयी है.

गिरफ्तार दलालों में मो. शकील (मिरदाद, बिहारशरीफ, नालंदा), मो. मुजफ्फर आलम (सिमलिया, अमौर, पूर्णिया), विप्लव कुमार दूबे (वर्णइया गोकुल, गोपालपुर), संजय कुमार प्रसाद (निखतिकला, रघुनाथपुर, सिवान), अजरुन कुमार (राजीव नगर रोड संख्या आठ, पटना), रामाश्रय यादव (बैरिया, बलिया), जाकीर हुसैन (मकड़ियार, सिवान) एवं योगेन्द्र साव (मिसरौली, नौतन, सिवान) शामिल है. पकड़े गये लोगों में तीन फोटो स्टेट दुकानदार भी शामिल है. इन तीनों की दुकान को सील कर दिया गया है.

सचिवालय डीएसपी मनीष कुमार ने बताया कि जाली दस्तावेज के आधार पर पकड़े गये दलाल पासपोर्ट बनाने का काम करते थे. इसके लिए वे दो हजार से लेकर पांच हजार तक वसूलते थे. आवेदन के साथ ये दलाल अपना कागज भी अंदर भेजते थे, जिस पर कोड अंकित होता था. वे अपने साथ काला बैग रखते थे, ये उनकी पहचान होती थी. जिसके कारण यह स्पष्ट है कि पासपोर्ट सेवा केंद्र को कोई कर्मी भी इस गोरखधंधे में शामिल है.

अनुसंधान के बाद स्थिति स्पष्ट हो जायेगी. इधर, पासपोर्ट अधिकारी आनंद कुमार ने कहा कि पासपोर्ट सेवा केंद्र के परिसर से किसी तरह के दलाल नहीं पकड़े गये. परिसर के बाहर अगर पुलिस ने दलालों को पकड़ा है, तो उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है. दलाल पासपोर्ट के लिए दिये गये आवेदन के साथ सादे कागज में एक कोड लिख कर कार्यालय के अंदर भेजते थे, जिसके कारण पुलिस इस बात पर अनुसंधान कर रही है कि कार्यालय का कोई कर्मी भी इस धंधे में शामिल है.
पुलिस ने उन लोगों के पास से कोड लिखी परची भी बरामद की है.

दो से पांच हजार था रेट
पासपोर्ट बनवाने वाले लोगों की आर्थिक स्थिति के अनुसार दलालों का रेट फिक्स था. दो हजार से लेकर पांच हजार तक एक पासपोर्ट बनवाने के लिए दलाल लेते थे. जिसमें आवेदन जमा करने के साथ ही आवेदन के साथ जमा होने वाले जरूरी कागजात व्यवस्था की जिम्मेवारी ली जाती थी. इसके अलावा पुलिस वेरिफिकेशन करवाने का चार्ज अलग से होता था. अगर किसी को कोई कागजात कम हो जाता तो वे बगल की फोटो स्टेट दुकान जाकर फर्जी कागजात तैयार कर आवेदन के साथ लगा देते थे.

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