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कपड़ा व्यापारियों के लिए लाया गया काला कानून

बिहार टेक्सटाइल चैंबर ऑफ कॉमर्स की आपत्ति पटना : बिहार टेक्सटाइल चैंबर ऑफ काॅमर्स ने कपड़ा पर 5 प्रतिशत बिक्री कर बढ़ाने को कपड़ा व्यापारियों के लिए काला कानून बताया है. संगठन की ओर से खेतान मार्केट में राज्यस्तरीय बैठक आयोजित कर फैसले पर विरोध दर्ज कराया है. काॅमर्स के प्रधान सचिव रंजीत सिंह ने […]

बिहार टेक्सटाइल चैंबर ऑफ कॉमर्स की आपत्ति
पटना : बिहार टेक्सटाइल चैंबर ऑफ काॅमर्स ने कपड़ा पर 5 प्रतिशत बिक्री कर बढ़ाने को कपड़ा व्यापारियों के लिए काला कानून बताया है. संगठन की ओर से खेतान मार्केट में राज्यस्तरीय बैठक आयोजित कर फैसले पर विरोध दर्ज कराया है. काॅमर्स के प्रधान सचिव रंजीत सिंह ने कहा कि सरकार का यह कदम पूरी तरह जनविरोधी आैर काला कानून के माफिक है.
सरकार ने सोची समझी साजिश के तहत साड़ी व कपड़ा पर टैक्स लगाया है. हमारे किसी भी पड़ोसी राज्य में कोई वैट या टैक्स नहीं है. अभी जीएसटी भी आनेवाला है, जिस पर हमारे सीएम ने भी सहमति जतायी है. ऐसे में उद्योग और व्यापार में पिछड़े बिहार जैसे राज्य के लिए कपड़ों पर वैट लगाना कहीं से उचित नहीं है. प्रधान सचिव ने व्यापारियों से चट्टानी एकता बनाये रखने की अपील की.
मंत्री से मिला प्रतिनिधिमंडल, सौंपा ज्ञापन : बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स इसी मुद्दे को लेकर बुधवार को अध्यक्ष ओपी शाह के नेतृत्व में वाणिज्य कर मंत्री बिजेंद्र प्रसाद से मिल कर ज्ञापन सौंपा. चैंबर अध्यक्ष ने बताया कि साठ सालों से कपड़ा पर स्थानीय कर, बिक्री कर या वैट लागू नहीं है. पड़ोसी राज्यों झारखंड, पश्चिम बंगाल, यूपी व छत्तीसगढ़ में भी कपड़ा वैट के दायरे में नहीं है.
इससे हमारे राज्य के व्यापारियों को काफी नुकसान होगा. मंत्री ने चैंबर के प्रतिनिधियों के सुझावों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का भरोसा दिलाया. प्रतिनिधिमंडल में नार्थ बिहार चैंबर के अध्यक्ष मोती लाल छापरिया, पूर्व अध्यक्ष श्रीराम बंका, मोतिहारी चैंबर अध्यक्ष विरेंद्र जालान आदि मौजूद थे. बिहार चैंबर ने वैट की दर को 13.5 प्रतिशत से बढ़ा कर 14.5 प्रतिशत करने पर भी चिंता व्यक्त करते हुए इस पर पुनर्विचार करने की अपील की है.

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