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चार गिरफ्तार, सरगना अब भी फरार

चार गिरफ्तार, सरगना अब भी फरार- हत्या के एक और आरोपित गणेश समेत दुर्गेश शर्मा गिरोह का तीन रंगदार सुमन, अखिलेश व राजू माली गिरफ्तारसंवाददाता, पटना श्रीकृष्णापुरी थाने के राजापुर पुल पास हुए स्वर्ण व्यवसायी रविकांत प्रसाद की हत्या मामले में पुलिस ने एक और आरोपित व मास्टरमाइंड गणेश (मैनपुरा, पाटलिपुत्र) को पकड़ लिया. इसे […]

चार गिरफ्तार, सरगना अब भी फरार- हत्या के एक और आरोपित गणेश समेत दुर्गेश शर्मा गिरोह का तीन रंगदार सुमन, अखिलेश व राजू माली गिरफ्तारसंवाददाता, पटना श्रीकृष्णापुरी थाने के राजापुर पुल पास हुए स्वर्ण व्यवसायी रविकांत प्रसाद की हत्या मामले में पुलिस ने एक और आरोपित व मास्टरमाइंड गणेश (मैनपुरा, पाटलिपुत्र) को पकड़ लिया. इसे मैनपुरा इलाके में ही पकड़ने में पुलिस को सफलता मिली. इसके साथ ही पुलिस ने दुर्गेश शर्मा के गिरोह पर अपना शिकंजा कसना शुरू कर दिया है और उस गिरोह के तीन सदस्य सुमन (मैनपुरा, पाटलिपुत्र), अखिलेश (दुजरा देवी स्थान, बुद्धा कॉलोनी) व राजू माली (बुद्धा कॉलोनी) को भी पकड़ लिया. अब पुलिस को इस घटना में शामिल गिरोह के सरगना दुर्गेश, लाइनर विक्की, गोली मारनेवाला करमू व एक अन्य विक्रम उर्फ पगला की तलाश है. विक्की के माध्यम से ही दुर्गेश शर्मा गिरोह के सारे अपराधी मैनेज होते थे और गणेश को भी दुर्गेश से निर्देश मिलता था. इस संबंध में एसएसपी मनु महाराज का कहना है कि इस घटना को अंजाम देनेवाले अन्य अपराधियों को भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जायेगा. उन्होंने बताया कि पकड़े गये अपराधियों ने कई अहम जानकारी दी है, उस पर फिलहाल अनुसंधान जारी है. हर माह 10 हजार गणेश को मिलते थे रंगदारी में पकड़े गये गणेश ने कई अहम राज का खुलासा पुलिस के समक्ष किया है. उससे पुलिस को जानकारी मिली है कि वे लोग दुर्गेश शर्मा के इशारे पर काम करते हैं और विक्की के मोबाइल फोन पर दुर्गेश शर्मा निर्देश देता था. इसके बाद विक्की उन लोगों को फलां काम होने की जानकारी देता था. इसके अलावा वह दुर्गेश शर्मा के इशारे पर आसपास के व्यवसयियों से रंगदारी भी वसूलते थे और एक माह में 50 से 60 हजार की रंगदारी वसूल हो जाती थी. उसे प्रतिमाह दस हजार रुपये मिलते थे. इसके अलावा पर्व-त्यौहार में भी कपड़े-जूते खरीदने के साथ ही मिठाई के लिए भी पांच से दस हजार विक्की के माध्यम से आते थे. रविकांत को काफी दिनों से जानता था गणेश गणेश ने पुलिस को बताया कि वह काफी दिनों से रविकांत को जानता था. क्योंकि, उसकी दुकान के बगल में ही उसका भी घर है और वह हमेशा वहां आता-जाता था. उसके पास शनिवार की सुबह में मुनचुन, विक्की और करमू आया और उसने बताया कि चलो अपना काम किया जाये. विक्की ने बताया कि रविकांत की हत्या नहीं करनी है, बल्कि उसके पैर में गोली मारनी है. इसके बाद वह दुकान पर गया, तो करमू ने गोली चला दी, जो उसके सीने में लगी. इसके बाद वह वहां से हट गया. घर बगल में था, इसलिए उस समय किसी ने शक नहीं किया. उसे उम्मीद नहीं थी कि पुलिस उस तक पहुंच जायेगी. मुनचुन की निशानदेही सारे नाम आये सामने व्यवसायी की हत्या की घटना होने के कुछ देर बाद ही पुलिस टीम मुनचुन के घर पर पहुंच गयी थी और फिर मुनचुन ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया था. इसके बाद पुलिस ने मुनचुन को दो दिनों के रिमांड पर लिया और पूछताछ के बाद ही सारी घटना का खुलासा हो गया. मुनचुन ने ही बताया था कि इस घटना को दुर्गेश शर्मा के कहने पर अंजाम दिया गया था और अंजाम देने में उसके साथ गणेश, विक्की, विक्रम उर्फ पगला और करमू शामिल थे.

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