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सरकारी स्कूलों में शुरू होगी प्री नर्सरी की पढ़ाई
तैयारी. शिक्षा विभाग ने पाठ्यक्रम तैयार करने का दिया निर्देश पटना : प्राइवेट स्कूलों के तर्ज पर राज्य के सरकारी स्कूलों में भी प्री नर्सरी की पढ़ाई शुरू होगी. पहली क्लास में नामांकन के साथ ही बच्चों को तीन महीने तक क्रैश कोर्स के जरिये प्री नर्सरी के पाठ्यक्रम पढ़ाये जायेंगे. तीन महीने के बाद […]
तैयारी. शिक्षा विभाग ने पाठ्यक्रम तैयार करने का दिया निर्देश
पटना : प्राइवेट स्कूलों के तर्ज पर राज्य के सरकारी स्कूलों में भी प्री नर्सरी की पढ़ाई शुरू होगी. पहली क्लास में नामांकन के साथ ही बच्चों को तीन महीने तक क्रैश कोर्स के जरिये प्री नर्सरी के पाठ्यक्रम पढ़ाये जायेंगे. तीन महीने के बाद अगले नौ महीने तक वे बच्चे पहली क्लास के पाठ्यक्रम पढ़ेंगे. प्री नर्सरी का पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने निर्देश दे दिये हैं.
शनिवार को शिक्षा विभाग में प्राथमिक शिक्षा निदेशालय और बिहार शिक्षा परियोजना परिषद की समीक्षात्मक बैठक के बाद शिक्षा मंत्री ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि पहली क्लास में जो बच्चे आते हैं, उनके बारे में हमें यह नहीं पता होता है कि उन्हें अक्षर और उससे बनने वाले शब्द की जानकारी है या नहीं. इसलिए क्लास वन में नामांकन के बाद तीन महीने तक बच्चों को प्री नर्सरी के क्रैश कोर्स पढ़ाये जायेंगे. इसका पाठ्यक्रम फरवरी के अंत तक तैयार हो जायेगा और मार्च महीने तक सभी स्कूलों में इसे पहुंचा दिया जायेगा.
साथ ही प्राइवेट स्कूलों में भी ट्रेंड टीचर ही बहाल किये जाने हैं. जानकारी है कि सभी प्राइवेट स्कूलों में ट्रेंड टीचर नहीं हैं. ऐसा नहीं चलेगा कि जो ट्रेंड अभ्यर्थी हैं वह रोड में घूमें और प्राइवेट स्कूलों में अनट्रेंड शिक्षक पढ़ायें. ट्रेंड शिक्षकों की सरकारी स्कूलों में तो बहाली होती है और सरकार बहाल कर भी रही है. प्राइवेट स्कूलों में भी ट्रेंड शिक्षकों की बहाली के लिए आरटीइ को सख्ती से लागू किया जायेगा.
उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं देने पर होगी कार्रवाई : बैठक में सर्व शिक्षा अभियान के तहत दी गयी राशि का जिलों से उपयोगिता प्रमाण पत्र 24 जनवरी तक जिलों को उपलब्ध कारने का निर्देश दिया गया. जो जिला उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं देते हैं उन पर कार्रवाई की जायेगी. नियोजित शिक्षकों का प्रतिनियोजन गैर शैक्षणिक कार्यों में नहीं हो. वित्तीय वर्ष 2014-15 में 19 हजार मिडिल स्कूलों को फर्नीचर खरीदने के लिए 206 करोड़ रुपये दिये गये थे.
फर्नीचर किस क्वालिटी के खरीदे गये इसके उपयोगिता प्रमाणपत्र संबंधित प्रखंड के बीइओ स्कूल वार 31 जनवरी तक विभाग में उपलब्ध करा दें. इसे शिक्षा विभाग के वेबसाइट में पब्लिक डोमेन के लिए उपलब्ध भी किया जायेगा. बैठक में 31 मार्च तक सर्वशिक्षा अभियान के तहत सभी निर्माण पूरे करने, सभी स्कूलों में बने शौचालय का उपयोग बच्चे करें यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया. बैठक में शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव डा. डी. एस. गंगवार, प्राथमिक शिक्षा निदेशक एम. रामचंद्रुडू, बिहार शिक्षा परियोजना के निदेशक संजय कुमार, अपर परियोजना निदेशक आरएस सिंह, प्राथमिक शिक्षा के रघुवंश कुमार, अमित कुमार समेत अन्य मौजूद थे.
बच्चों-शिक्षकों की हर महीने होगी ग्रेडिंग
शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने बताया कि सरकारी स्कूलों के क्लास एक के आठ तक के बच्चों और नियोजित शिक्षकों का भी नये सत्र (अप्रैल 2016) से हर महीने एसेसमेंट किया जायेगा. एसेसमेंट के आधार पर बच्चों और शिक्षकों की ग्रेडिंग (ए, बी या सी) भी होगी. ग्रेडिंग में देखा जायेगा कि किस ग्रेड में कितने बच्चे हैं. जो बच्चे लगातार बी या सी ग्रेड में होंगे, उन पर विशेष ध्यान दिया जायेगा और उन्हें ग्रेड ए के बच्चों के समान बनाया जायेगा. बच्चों के लगातार एसेसमेंट से जब आठवीं के बाद छात्र-छात्राओं को नौंवी क्लास में भेजा जायेगा, तो हमें और संबंधित स्कूल को पहले से यह पता होगा कि किस-किस ग्रेडिंग व क्वालिटी के बच्चे हाइ स्कूल में भेज रहे हैं.
हाइ स्कूल उन बच्चों की क्वालिटी कैसे बेहतर होती है, उस पर काम करेगा. शिक्षा मंत्री ने कहा कि बच्चों के साथ नियोजित शिक्षकों का भी मंथली एसेसमेंट होगा. इसके लिए शिक्षकों का मापदंड तय होगा. बच्चे के ग्रेडिंग में अगर सुधार नहीं होगा और जिस विषय के बच्चे कमजोर होंगे तो संबंधित शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई भी की जायेगी. उन्होंने कहा कि शिक्षकों को वेतनमान व अन्य सुविधाएं दे दी गयी है, अब उन्हें बच्चों को सिर्फ पढ़ाना है और गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देनी है.
शिक्षक-छात्र अनुपात पर होगी नजर
शिक्षा मंत्री ने कहा कि कई जगहों से इस तरह की शिकायत मिलती है कि स्कूल में शिक्षक ज्यादा हैं और बच्चे कम हैं. वहीं, कहीं बच्चें ज्यादा हैं शिक्षक नहीं के बराबर हैं. इसलिए जून 2016 तक का समय निर्धारित किया गया है. शिक्षक व छात्र के अनुपात को सही करने के लिए नीति तैयार की जायेगी.
25% गरीब बच्चों का नामांकन होगा सुनिश्चित
शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा के अधिकार (आरटीइ) के तहत प्राइवेट स्कूलों में 25 फीसदी गरीब बच्चों का नामांकन होना होता है. सभी प्राइवेट स्कूलों में यह सुनिश्चित कैसे कराया जाये, इसके लिए प्राथमिक शिक्षा निदेशक को कार्य योजना तैयार करने का निर्देश दिया गया है.
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