पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को ग्रामीण कार्य विभाग की समीक्षा करते हुए विभाग को एसेट्स मेंटेनेंस पॉलिसी’ तथा सड़क निर्माण में नयी तकनीक का प्रयोग करने को कहा है. साथ ही मुख्यमंत्री पांच वर्ष पूर्व बनी सड़कों के रखरखाव की योजना बनाने का निर्देश दिया है.सड़क के निर्माण एवं देखरेख के लिये सेटेलाइट मैपिंग का प्रयोग होगा.बैठक में ग्रामीण कार्य मंत्री शैलेश कुमार भी मौजूद थे.
बैठक की शुरुआत में मुख्यमंत्री ने पावर प्वाईंट प्रेजेंटेशन के जरिए ग्रामीण सड़क निर्माण योजना तथा विभाग की अन्य गतिविधियों की विस्तारपूर्वक जानकारी ली. मुख्यमंत्री ने समीक्षा के दौरान कई निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले पांच साल में में ढ़ाई सौ से अधिक आबादी वाले बसावटों को सड़क से जोड़ने की दिशा में काम शुरु कर दे. गांवों के वैसे टोले जो अभी तक बनाई गई सड़कों से नहीं जुड़ी है उसे प्राथमिकता के आधार पर जोड़ा जाए. गुणवत्ता की देखरेख करने तथा योजनाओं के निरीक्षण की व्यवस्था को दुरुस्त करते हुए इसके लिये विभाग में अलग से एक कोषांग गठित किया जाय.
मुख्यमंत्री ने सड़क निर्माण में गुणवत्ता पर जोर देते हुए कहा कि काम का निरीक्षण सभी स्तर के अभियंता करें ताकि कनीय पदाधिकारी के निरीक्षण प्रतिवेदन की भी जांच हो सके, इससे गुणवत्ता में और सुधार आयेगा. पीएमजीएसवाई एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना की भी जानकारी विस्तारपूर्वक ली और कहा कि सड़क निर्माण में धन कहीं से आड़े नहीं आएगा.
केंद्र से राशि की मांग की गयी है. अगर केंद्र का रुख अगर अड़ियल रहा तो अपने सोर्स से धन की व्यवस्था होगी. विभाग अब सड़क निर्माण के लिए चार- पांच तरह का मॉडल डीपीआर बनाएगा ताकि जरुरत के हिसाब से उसका उपयोग किया जा सके. बैठक में मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, विकास आयुक्त शिशिर सिन्हा, मुख्यमंत्री के सचिव चंचल कुमार और अतीश चन्द्रा,ग्रामीण कार्य सचिव विनय कुमार, सचिव वित्त (संसाधन) एच0आर0 श्रीनिवास सहित सभी संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे.