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पटना यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में 99 फीसदी अवैध छात्र

पटना: पटना कॉलेज के छात्रावासों में अधिकतर छात्र अवैध रूप से रहते हैं. कॉलेज प्रशासन के पास ऐसे छात्रों का कोई रिकॉर्ड नहीं है. ऐसी ही स्थिति कॉलेज परिसर स्थित अल्पसंख्यक छात्रावास नदवी की है. कॉलेज की छात्रएं गंगा देवी और जीडीएस छात्रावास में रहती हैं. नहीं होती कार्रवाई : अवैध रूप से रहने वाले […]

पटना: पटना कॉलेज के छात्रावासों में अधिकतर छात्र अवैध रूप से रहते हैं. कॉलेज प्रशासन के पास ऐसे छात्रों का कोई रिकॉर्ड नहीं है. ऐसी ही स्थिति कॉलेज परिसर स्थित अल्पसंख्यक छात्रावास नदवी की है. कॉलेज की छात्रएं गंगा देवी और जीडीएस छात्रावास में रहती हैं.

नहीं होती कार्रवाई : अवैध रूप से रहने वाले छात्रों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने की स्थिति में नहीं है. ना कॉलेज प्रशासन और ना ही पुलिस प्रशासन. कॉलेज प्रशासन का कहना है कि उन्हें खुद नहीं पता कि हॉस्टल में अवैध रूप से कितने छात्र रह रहे हैं. कॉलेज को सिर्फ कुछ छात्रों की जानकारी है, जिन्हें नियमित रूप से रहने की अनुमति है.

कॉलेज प्रशासन का कहना है कि पुलिस प्रशासन को हॉस्टल खाली कराने को कहा है, लेकिन इस मामले में प्रशासन कॉलेज की मदद नहीं करता. पटना विश्वविद्यालय के आसपास रहने वाले लोगों से छात्र भी जब तब भिड़ जाते हैं. कभी चंदे को लेकर, तो कभी दुकान से कोई सामान खरीदने को लेकर तो कभी किसी अन्य मामले को लेकर. छोटी-छोटी बातों पर छात्र स्थानीय लोगों से भिड़ते हैं और फिर मामला बड़ा हो जाता है.

हमेशा होती है भिडंत : पटना विवि के रेलवे काउंटर पर छात्र और स्थानीय लोगों में हमेशा भिड़ंत होती रहती है. तत्काल टिकट को लेकर या ऐसे भी किसी टिकट को लेकर अक्सर छात्र और स्थानीय लोग भिड़ते रहते हैं. विश्वविद्यालय परिसर में बाहरी लोग भी कई गतिविधियों में शामिल हैं. नामांकन से लेकर कॉलेज कैंपस के कई मामलों में वे अपनी मर्जी चलाना चाहते हैं, जो छात्रों को मंजूर नहीं होता है. इस कारण टकराव होते रहता है. परिसर में कहीं भी सुरक्षाकर्मी नहीं हैं.

छात्रावास का नियम

नामांकन के समय शपथ पत्र लिया जाता है कि किसी घटना में शामिल होने पर छात्र अनुशासनात्मक कार्रवाई के भागी होंगे

पहले किसी आपराधिक घटना में शामिल नहीं रहे हों.

एफआइआर होने पर हॉस्टल से निकाल दिया जायेगा.

साक्षात्कार के बाद ही छात्र को हॉस्टल में रहने की अनुमति दी जाती है.

अंकों के आधार पर मिलती है जगह.

अभिभावकों से भी शपथ पत्र लिया जाता है कि छात्र के दोषी पाये जाने पर उन्हें हॉस्टल से निकाल दिया जायेगा और अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी.

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