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बिना-नियम कानून चल रहीं सिक्यूरिटी एजेंसियां

राज्य की अधिकतर निजी सिक्यूरिटी एजेंसी का पसारा कानून के तहत िनबंधन नहीं कौशिक रंजन पटना : राज्य में निजी सिक्यूरिटी एजेंसी बड़ी संख्या में निजी और सरकारी संस्थानों की सुरक्षा का जिम्मा उठाते हैं. परंतु इनमें आधे से ज्यादा एजेंसी के पास राज्य सरकार से निर्गत कोई लाइसेंस नहीं है. राज्य स्तर पर इनके […]

राज्य की अधिकतर निजी सिक्यूरिटी एजेंसी का पसारा कानून के तहत िनबंधन नहीं
कौशिक रंजन
पटना : राज्य में निजी सिक्यूरिटी एजेंसी बड़ी संख्या में निजी और सरकारी संस्थानों की सुरक्षा का जिम्मा उठाते हैं. परंतु इनमें आधे से ज्यादा एजेंसी के पास राज्य सरकार से निर्गत कोई लाइसेंस नहीं है.
राज्य स्तर पर इनके लिए पसारा या पीएसएआरए (प्राइवेट सिक्यूरिटी एजेंसी (रेगुलेशन) एक्ट, 2005) से लाइसेंस लेना अनिवार्य होता है, लेकिन कई निजी एजेंसी एक बार इससे लाइसेंस लेने के बाद इसे रिन्यूवल नहीं कराते हैं. लाइसेंस एक्सपायर होने के कई साल बाद भी बिना लाइसेंस के ही सिक्यूरिटी एजेंसी का कामकाज बदस्तूर जारी रखते हैं.
राज्य में अभी मात्र 87 निजी सिक्यूरिटी एजेंसी के पास ही लाइसेंस है. 2015 के शुरुआत में राज्य में 115 एजेंसियों के पास लाइसेंस था, लेकिन नवंबर 2015 तक 28 एजेंसियों की लाइसेंस अवधि समाप्त हो गयी. 2015 में अब तक महज तीन एजेंसियों को ही पसारा लाइसेंस मिला है. इस तरह राज्य में अभी महज 87 के पास ही नियमानुसार पसारा लाइसेंस है.
एजेंसी की संख्या की कोई जानकारी नहीं : राज्य में जितनी एजेंसियों ने पसारा लाइसेंस ले रखा है, उनकी सूची तो गृह विभाग के पास है. परंतु काफी संख्या में बिना लाइसेंस के या एक्सपायर लाइसेंस पर काम करने वाली एजेंसी भी मौजूद हैं, लेकिन इनकी कोई संख्या गृह विभाग के पास नहीं है. जिलों में एसपी के स्तर से इसकी समुचित मॉनीटरिंग नहीं होने के कारण इस तरह की एजेंसियों का कोई लेखा-जोखा नहीं है. इस वजह से दूसरे राज्यों में रजिस्ट्रेशन करवा कर या बिना किसी लाइसेंस की काम करने वाली एजेंसियों की संख्या काफी है.
अब साल में दो बार होगी जांच
राज्य में निजी सिक्यूरिटी एजेंसियों पर नकेल कसने और इनकी समुचित जानकारी सरकार के पास एकत्र करने के लिए जिला स्तर पर साल में दो बार इनकी जांच की जायेगी. इससे संबंधित आदेश एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) आलोक राज ने सभी जिलों के एसपी को जारी किया है.
इस लिखित आदेश के अनुसार, प्रत्येक साल जनवरी और जुलाई में सभी एसपी को अपने संबंधित जिलों में चल रही तमाम निजी सिक्यूरिटी एजेंसी की जांच कर इसकी सूची पुलिस मुख्यालय को भेजनी पड़ेगी. जांच के दौरान इन्हें यह भी देखना होगा कि ये पसारा लाइसेंस के तमाम दिशानिर्देशों का पालन कर रहे हैं या नहीं. सभी जिलों को समुचित जांच का आदेश दिया गया है. बिना लाइसेंस या फर्जी सिक्यूरिटी एजेंसी पर कार्रवाई करने को कहा गया है.
पसारा लाइसेंस
राज्य में किसी भी निजी सुरक्षा एजेंसी को काम करने या अपना कार्यालय खोलने से पहले पसारा लाइसेंस गृह (विशेष) विभाग से लेना पड़ेगा. इस लाइसेंस की अवधि तीन साल होती है. इसके बाद रिन्यूवल कराना पड़ता है. यह लाइसेंस तीन तरह के होते हैं, किसी एक जिला, पांच जिला या पूरे राज्य में संचालन के लिए. तीनों का रजिस्ट्रेशन फीस भी अलग-अलग होता है. इसके तहत कई मानक निर्धारित हैं, जिनका पालन किये बिना किसी एजेंसी को लाइसेंस नहीं मिलता है.

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