किताबों के साथ-साथ कविताओं का भी लुत्फ उठाते रहें लोगलाइफ रिपोर्टर पटनापिछले कई दिनों से शहर के लोगों को सीआरडी बुक फेयर जाने की आदत-सी हो गयी थी. कई लोग दो-तीन बार बुक फेयर गये. कभी फ्रेंड्स के साथ, कभी फैमिली के साथ, को कभी अकेले. इसी वजह से यहां हर दिन भीड़ बढ़ते जा रही थी. यहां हर उम्र के लोगों का आना-जाना लगा रहा. किताबों की भी खूब बिक्री हुई. सोमवार यानी समापन के एक दिन पहले भी इस मेले में कुछ ऐसा ही देखने को मिला. यहां सुबह से शाम तक भीड़ रही. लोग अपनी-अपनी पसंद के स्टॉल में जाने लगे. दोपहर से शाम होने तक सभी स्टॉलों में किताबों की बिक्री भी बढ़ी. एक तरफ उपन्यास और साहित्य की किताबें बिक रही थीं, तो दूसरी ओर स्टूडेंट्स अपनी जरूरत के अनुसार जनरल नॉलेज, कंपीटीटीव एग्जाम के अलावा इतिहास, भूगोल, गणित जैसे कई किताबों को खरीद रहे थे. किताबों की खरीदारी के साथ-साथ लोगों ने यहां नुक्कड़ नाटक, परिचर्चा, पुस्तक विमोचन और कवि सम्मेलन जैसे कार्यक्रमों का लुत्फ भी उठाया. गीत एवं कवि सम्मेलनबुक फेयर परिसर के गंडक सभागार में सोमवार को गीत एवं कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया. पढ़ेगा बिहार, बढ़ेगा बिहार के तत्वाधान में आयोजित इस कार्यक्रम का उद्घाटन पूर्व भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी और साहित्यकार बच्चा ठाकुर ने किया. इस अवसर पर कवि डॉ विनय कुमार विष्णुपुरी ने अपनी रचना ‘खूब बोलो मगर सत्य बोलो’ से खूब तालियां बंटोरी. कवि सम्मेलन में आचार्य किशोर शास्त्री, राजकुमार प्रेमी, सुभाष चंद्र किंकर, राकेश प्रियदर्शी, डॉ आर प्रवेश, पंजेपी मिश्र निहाल कुमार निर्मल और डॉ पुष्पा जमुआर ने भी अपनी कविताएं सुनाई. इस अवसर पर काव्य प्रेमियों ने गीत और कविताओं का भरपूर आनंद लिया. कवि सम्मेलन की अध्यक्षता साहित्यकार और भाषा भारती के संपादक नृपेंद्र नाथ गुप्त ने की. परीक्षा और तनाव पर चर्चामंच पर परीक्षा और तनाव पर परिचर्चा भी आयोजित की गयी. इस विषय पर वक्ता के रूप में मनोचिकित्सक डॉ विनय कुमार मौजूद थे, जिन्होंने लोगों को परीक्षा और तनाव पर कई तरह की जानकारी देते हुए कहा कि इस आधुनिक युग में बच्चों पर प्रतिस्पर्धा का बहुत बोझ है. माता-पिता और समाज की जिम्मेवारियां बढ़ गयी हैं. जीवन में संतुलन भी बहुत जरूरी है. मौके पर कई लोगों ने उनसे सवाल-जवाब भी किये. वहीं डॉ विनय ने विद्यार्थियों को नियमित होने की सलाह दी और छोटे लक्ष्य बनाने पर जोर दिया. उन्होंने जीवन में व्यायाम और योग के महत्व को बताया. मौके पर कई विद्यार्थियों के साथ-साथ उनके अभिभावक भी मौजूद थे.एकल काव्य पाठइस परिसर के मुख्य पेक्षागृह में भूतपूर्व प्रशासनिक सेवा के अधिकारी और कवि राम उपदेश सिंह (विदेह) का एकल काव्य पाठ हुआ. यहां उन्होंने गंगा-जमुनी संस्कृत की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए उर्दू शायरों के कलामों की हिंदी भाषा में तर्जुमानी (अनुवाद) सुनाया. सबसे पहले कवि विदेह ने अपने संक्षिप्त परिचय में कहा कि यूं तो वे गणित और भौतिकी के छात्र रहे हैं, लेकिन एक अप्रत्यक्षित घटना ने उन्हें कवि बना दिया है. साथ ही पाकिस्तान के शायर फौज की मशहूर नज्म खुदा वो वक्त ना लाये…को सुनाया. इसके अलावा रवीन्द्र नाथ टैगोर की दो कविताएं भी सुनायी. इस अवसर पर शाहिद जमील ने सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन किया.हुआ पुस्तक का विमोचन बुक फेयर परिसर के मुख्य प्रेक्षागृह में रंगकर्मी व लेखक अनीश अंकुर की पुस्तिका का विमोचन किया गया. वर्तमान विकास में मुक्ति के प्रश्न नाम की इस पुस्तिका का विमोचन अर्थशास्त्री और पटना कॉलेज के पूर्व प्रचार्य एन के चौधरी ने किया. उन्होंने कहा कि आज के जमाने में छोटी-छोटी पुस्तिकाओं से बड़ी-बड़ी बातें कहने की आदत हो गयी है. इस पुस्तिका में पूंजीवादी विकास की अवधारणा की आलोचना की गयी है. यहां वामपंथी नेता और शोधकर्ता डॉ अरविंद सिन्हा ने कहा कि पुस्तिका में बहुत ही सारगर्मित और मौलिक चिंतन को समेटते हुए साक्षात्कार में जिन प्रश्नों को उठाया है, वो आज अधिक प्रासंगिक हैं. इस अवसर पर समाजशास्त्री एम एन कर्ण के साथ कई लोग मौजूद थे.नुक्कड़ नाटकहर दिन की तरह इस दिन भी बुक परिसर में लोगों को नुक्कड़ नाटक देखने का मौका मिला. सोमवार को यहां अभ्युदय संस्था के कलाकारों ने श्रीकांत द्वारा लिखित ‘6 कुत्ते’ नाटक को प्रस्तुत किया. इस नाटक में यह दिखाया गया कि आज के समय में कैसे राजनेता लोग तमाम सरकारी तंत्र, पुलिस आदि का गलत इस्तेमाल करते हैं. अपने फायदे के लिए उनसे व्यक्तिगत काम करवाते हैं. उन्हें प्राइवेट संपत्ति समझते हैं. भ्रष्ट राजनीतिक व्यवस्था को भी यहां बखूबी दर्शाया गया. इस नाटक में मुख्य भूमिका में मनोज, गौतम, सुबोध आदि ने भाग लिया. जमी कविताओं की महफिलबुक फेयर में शाम ढलते हुए मुख्य प्रेक्षागृह में पत्रकारों द्वारा कवि सम्मेलन आयोजित किया गया. यहां किसी ने राजनीति, तो किसी ने मुहब्बत पर कविताएं सुनायी. वहीं कई लोगोंने आज के पत्रकार और आज की पत्रकारिता पर कविता सुनायी. कविता के माध्यम से सभी युवा पत्रकारों ने अपनी-अपनी आवाज उठायी. इस मौके पर कई लोग मौजूद थे, जिन्होंने कविताओं का पूरा लुत्फ उठाया. युवा पत्रकारों का हौसला बढ़ाने के लिए मंच पर प्रसिद्ध लेखक व कवि आलोक धन्वा मौजूद थे. मंच का संचालन डॉ ध्रुव कुमार ने किया.मेले में आजसम्मान समारोह- 2 बजेबच्चों द्वारा गीत संगीत कार्यक्रम- 5 बजेइन किताबों को लोगों ने किया ज्यादा पसंदवाणी प्रकाशनप्रतिज्ञा- लेखक प्रेमचंद- दाम 250 रुपयेमास मीडिया और समाज- लेखक- मनोहर श्याम जोशी- दाम 250 रुपयेहिडिम्बा (उपन्यास) लेखक- नरेंद्र कोहली- दाम-200 रुपयेलज्जा (सचित्र) लेखक- तसलीमा नसरीन- दाम- 300 रुपयेमाटी कहे कुम्हार से- लेखक- हरिशंकर परसाई- दाम- 395 रुपयेराजकमल प्रकाशनमेरा सफर तवील है- लेखक- अख्तर पयामी- दाम 300 रुपयेएक औरत और नोटबुक- लेखक- सुधा अरोड़ा- दाम- 300 रुपयेकहने को बहुत कुछ था- लेखक- प्रभाष जोशी- दाम-750 रुपयेहलन्त- लेखक- ऋषीकेश सुलभ- दाम-250 रुपयेबूंद और समुद्र- लेखक अमृत लाल नागर- दाम- 850 रुपयेराजपाल एंड संस- एडवेंचर्स ऑफ स्टडी- लेखक-रस्किन बॉन्ड – दाम 375 रुपयेदेवी और सात रहस्य- लेखक -देवदत्त पटनायक- दाम- 295 रुपयेघुसपैठिये- लेखक- हरी जोशी- दाम 195 रुपयेभूख- लेखक -अमृत लाल सागर- दाम 125 रुपयेदिशाएं बदल गई- लेखक- नरेश भारतीय- दाम- 175 रुपयेकिताब घर प्रकाशनरसीद टिकट( आत्मकथा) लेखक- अमृता प्रीतम- दाम- 180 रुपयेदिल्ली (उपन्यास) लेखक-खुशवंत सिंह- दाम- 400 रुपयेरतना और चेतना (उपन्यास) लेखक- अमृता प्रीतमराग विराग( उपन्यास) लेखक- श्रीलाल शुक्ल- दाम- 150 रुपयेवर्जित बाग की कथा( कहानी संग्रह) लेखक- अमृता प्रीतम- दाम- 160 रुपये
किताबों के साथ-साथ कविताओं का भी लुत्फ उठाते रहें लोग
किताबों के साथ-साथ कविताओं का भी लुत्फ उठाते रहें लोगलाइफ रिपोर्टर पटनापिछले कई दिनों से शहर के लोगों को सीआरडी बुक फेयर जाने की आदत-सी हो गयी थी. कई लोग दो-तीन बार बुक फेयर गये. कभी फ्रेंड्स के साथ, कभी फैमिली के साथ, को कभी अकेले. इसी वजह से यहां हर दिन भीड़ बढ़ते जा […]
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