पटना : बिहार में नीतीश कुमार की नयी सरकार सुशासन का लक्ष्य पाने के वास्ते तथा प्रगति को आगे ले जाने के लिए चल रहे कार्यक्रमों के अतिरिक्त नीतीश के ‘विकसित बिहार के सात निश्चय’ कार्यक्रम को स्वीकार करने जा रही है. इनमें सभी घरों में शौचालय और पेयजल के लिए पाईपालाईन लगाया जाना शामिल है.
हाल में संपन्न बिहार विधानसभा चुनाव में भारी बहुमत से विजयी हुई नीतीश नेतृत्व वाले धर्मनिरपेक्ष महागठबंधन :जदयू-राजद-कांग्रेस: की सरकार के सत्ता में आने के बाद आहूत 16वीं बिहार विधानसभा तथा 181वें बिहार विधानपरिषद के संयुक्त सत्र को आज संबोधित करते हुए राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने प्रदेश की नयी सरकार के रोडमैप पर चर्चा करते हुए कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों से बहुत कुछ हासिल हुआ है. लेकिन अभी और भी बहुत कुछ किया जाना है.
उन्होंने कहा कि राज्य आज जिस मील के पत्थर तक पहुंचा है वहां से आगे बढ़ने के लिए चल रहे कार्यक्रमों के अतिरिक्त कुछ नये संकल्पों पर काम करना होगा. सरकार द्वारा ‘विकसित बिहार के सात निश्चय’ कार्यक्रम को सुशासन का लक्ष्य पाने के लिए स्वीकार किया जा रहा है. समृद्ध और विकसित बिहार बनाने के लिए यह ठोस कार्यक्रम साबित होगा.
हाल में संपन्न बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान अपने इस सात निश्चय कार्यक्रम के बारे में नीतीश ने कई अवसरों पर अगले पांच सालों के दौरान इनपर 2.70 लाख करोड़ रुपये खर्च आने का अंदाजा लगाते हुए कहा था कि इसे राज्य सरकार अपने संसाधनों से पूरा करेगी न कि केंद्र के सामने हाथ फैलाएगी.
‘सात निश्चय कार्यक्रम’ युवाओं पर अधिक ध्यान दिया गया है जिसमें छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए चार लाख रुपये तक ऋण उपलब्ध कराने के लिए उन्हें क्रेडिट कार्ड जारी किया जाना, रोजगार और कौशल विकास के लिए परामर्श केंद्रों की स्थापना, नौकरी की दोबारा तलाश के लिए बाहर जाने पर आठ महीनों तक एक हजार रुपये प्रति माह की दर से मासिक भत्ता दिया जाना, युवा उद्यमियों के लिए 500 करोड़ रुपये का वेंचर कैपिटल फंड तथा सभी महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में मुफ्त वाईफाई सेवा उपलब्ध कराया जाना शामिल है.