पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने चुनावी वादे को पूरा करते हुए आज कहा कि सरकार नशा मुक्ति पर नई नीति अप्रैल 2016 में लायेगी तथा इस संबंध में एक्शन प्लान तैयार किए जाने का निर्देश उन्होंने मुख्यसचिव और उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के प्रधान सचिव को दिया है. पटना के सिंचाई भवन स्थित अधिवेशन भवन में मद्य निषेध दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नीतीश ने कहा कि उन्होंने वादा किया था कि अगली बार उनकी सरकार आयेगी तो राज्य में शराबबंदी लागू करेगी.
उन्होंने कहा कि सरकार अपने वादे को पूरा करने के लिये कृत संकल्प है. इस संबंध में मुख्य सचिव और उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के प्रधान सचिव को मुख्यमंत्री ने आदेश दिया है कि नई नीति बनाने के लिये कार्य प्रारंभ करें ताकि एक अप्रैल 2016 से नई नीति लागू की जा सके. नीतीश ने कहा कि वह नीति ऐसी हो कि जो आज गरीब के जीवन में अंधेरा है शराब के कारण वह समाप्त हो.
उन्होंने कहा कि शराब की लत से कम आय वर्ग के लोगों को सबसे ज्यादा नुकसान होता है. उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव तो पड़ता ही है उनके परिवार के विकास पर बच्चों की शिक्षा पर भी इसका बुरा असर होता है. नीतीश कुमार ने कहा कि शराब से परिवार में अशांति पैदा होती है. परिवार में नशे की लत के कारण सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं को झेलनी पडती है. हम बिहार में महिलाओं का दर्द समझ सकते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार का यह प्रयास होगा कि नशा सेवन के कारण तबाह परिवारों में खुशी लौटे, उन परिवारों की आमदनी की राशि शिक्षा, पोषणयुक्त भोजन पर खर्च हो न कि नशा सेवन पर.
मुख्यमंत्री ने कहा कि परिवार की महिलाओं को भी शराबबंदी से खुशी मिलेगी और परिवार का विकास तेजी से होगा. उन्होंने कहा कि इस नीति को लागू करने से हमारे सरकारी खजाने में कुछ नुकसान भी होता है तो प्रगति से जुड़ी और चीजें कुछ धीमी जरुर होंगी जिसे हम समायोजित करेंगे. नीतीश ने कहा कि उत्पाद विभाग से अभी लगभग चार हजार करोड़ की आय होती है परन्तु जनहित में गरीबों और महिलाओं के हित में इन सबके बावजूद सरकार नशा मुक्ति पर नई नीति अप्रैल 2016 में लायेगी ताकि गरीब परिवारों में खुशी लौट सके और उनका विकास तेज हो सके.
नीतीश ने कहा कि शराबबंदी की दिशा में स्वयं सहायता समूह के माध्यम से महिलाओं ने काफी अच्छी पहल की है. इसके कारण इस दिशा में वातावरण का निर्माण हो रहा है. यह जारी रहना चाहिये ताकि नई नीति के साथ-साथ महिलाओं के समन्वित प्रयास से नशा मुक्ति का लक्ष्य हासिल किया जा सके. उन्होंने कहा कि दस लाख स्वयं सहायता समूहों का गठन राज्य में होगा.