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महापर्व: आज डूबते और कल उगते सूरज को अर्घ देंगी व्रती

पटना: निगम क्षेत्र में गंगा के छोटे-बड़े सभी 65 घाटों को बुडको व निगम प्रशासन ने मिल कर तैयार कर लिया. दीघा से लेकर गांधी घाट तक बुडको और बरहरवा घाट से दीदारगंज घाट तक निगम प्रशासन की जिम्मेवारी थी. घाटों को रविवार को ही तैयार कर लिया गया. सोमवार को सिर्फ कमियों को दुरूस्त […]

पटना: निगम क्षेत्र में गंगा के छोटे-बड़े सभी 65 घाटों को बुडको व निगम प्रशासन ने मिल कर तैयार कर लिया. दीघा से लेकर गांधी घाट तक बुडको और बरहरवा घाट से दीदारगंज घाट तक निगम प्रशासन की जिम्मेवारी थी. घाटों को रविवार को ही तैयार कर लिया गया. सोमवार को सिर्फ कमियों को दुरूस्त किया गया. खरना की शाम से ही गंगा घाट दुधिया व लाल रोशनी से जगमग करने लगे.

घाटों की तैयारी पर रिपोर्ट :
समाहरणालय व महेंद्रू घाट
समाहरणालय व महेंद्रू भले ही दो घाट हैं, लेकिन दोनों घाटों से एक ही मुख्यधारा के समीप पहुंचेंगे. इन दोनों घाटों के पहुंच पथ पर लाइटिंग की व्यवस्था बहाल कर दी गयी है. पहुंच पथ पर जगह-जगह वाच टावर और लाउडस्पीकर भी लगा दिये गये हैं. मुख्यधारा के समीप अस्थायी शौचालय व चापाकल की व्यवस्था की गयी है. कंट्रोल रूम, चेंजिंग रूम और बैरिकेडिंग का काम भी पूरे कर लिये गये हैं. डेढ़ किलोमीटर में फैली गंगा के पाट पर वेपर लाइट लगा दी गयी है.

बांस घाट
बांस घाट के समीप मुख्य सड़क पर अस्थायी स्पीड ब्रेकर बनाया गया है, ताकि घाट से आने-जाने वाले छठव्रतियों के साथ कोई अप्रिय घटना नहीं हो. वहीं, मुख्य सड़क से लेकर गंगा की मुख्य घाट तक लाइटिंग की व्यवस्था सुनिश्चित कर दी गयी है और सभी लाइटें जलने भी लगी हैं.

घाट के समीप ही पार्किंग स्थल भी चिह्नित कर दिये गये हैं, जिससे इस घाट पर पहुंचने वाले छठव्रती व श्रद्धालु अपने वाहन से घाट तक पहुंच सकेंगे. मुख्यधारा के समीप सफाईकर्मी भी तैनात हैं, जो सफाई कार्य में लगे हुए थे.

पाटी पुल, दीघा घाट
पाटी पुल, दीघा घाट पर हजारों की संख्या में छठव्रती व श्रद्धालु पहुंचते हैं. इसको लेकर बुडको प्रशासन ने घाट को समतल करने के साथ साथ डाला रखने के लिए स्टेपिंग कार्य भी पूरा कर लिया गया है. घाट तक अस्थायी तालाब भी बनाया गया है, छठव्रती आसानी से डूबते और उगते सूर्य को अर्घ दे सकेंगे. घाट पर समुचित लाइटिंग, बैरिकेडिंग, चेंजिंग रूम और कंट्रोल रूम तैयार कर लिये गये हैं.

गांधी घाट
गंगा के प्रमुख घाटों में गांधी घाट शामिल है, जहां हजारों की संख्या में छठव्रती व श्रद्धालु पहुंचते हैं. इसको लेकर प्रशासन ने पूजा
समिति के सहयोग से अशोक राजपथ से लेकर घाट तक लाइटिंग की व्यवस्था की गयी है. इसके साथ ही घाट पर हाइमास्क बल्ब के साथ-साथ पूरे घाट पर वेपर लाइट लगा दी गयी है. इसको लेकर बिजली आपूर्ति भी बहाल की गयी है और बिजली आपूर्ति बाधित होने पर जेनरेटर की व्यवस्था कर ली गयी है. इसके साथ ही पूरे घाट पर बैरिकेडिंग भी कर ली गयी है.

लॉ काॅलेज व रानी घाट
यह दोनों घाट एक-दूसरे से सटे हैं. इन दोनों घाटों पर हजारों की संख्या में छठव्रती पहुंचते हैं. इसको लेकर निगम प्रशासन ने पुख्ता तैयारी की है. घाट पर स्टेपिंग और चाली बिछा दिये गये हैं. इसके साथ ही पूरे घाट पर लाइटिंग की व्यवस्था भी सुनिश्चित कर दी गयी है. पहुंच पथ को भी दुरूस्त करने के साथ-साथ लाइटिंग व्यवस्था बहाल की गयी है.

गाय घाट
यह घाट भी प्रमुख घाटों में एक है. इस घाट पर जज के साथ साथ शहरवासी और ग्रामीण इलाकों से भी लोग छठ पूजा करने पहुंचते हैं. इसको लेकर निगम प्रशासन ने सोमवार को पूरी तैयारी सुनिश्चित कर ली गयी और सोमवार की शाम से लाइट भी जलना शुरू हो गयी है. कंट्रोल रूम व चेंजिंग रूम तैयार होने के साथ-साथ डाला रखने के लिए चाली भी बिछा दी गयी है.

कंटाही से महावीर घाट
पूर्व के वर्षों में कंटाही से महावीर घाट तक तीन घाट हैं, जिस पर अलग-अलग छठव्रती पहुंचते हैं. इस वर्ष तीनों घाटों को एक-दूसरे से जोड़ दिया गया है, जिससे घाट की लंबाई करीब 1100 फीट से अधिक हो गयी है. इससे इस घाट पर छठव्रतियों व श्रद्धालुओं को पर्याप्त स्थान मिलेगा. इसको लेकर निगम प्रशासन ने सभी मूलभूत सुविधाएं बहाल कर दी गयी है.

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