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हम, सपा, जप से ज्यादा वोट पड़े नोटा पर
पटना : इस बार विधानसभा चुनाव में हम (हिन्दुस्तान अवाम मोर्चा), सपा (समाजवादी पार्टी), जप (जनाधिकार पार्टी) जैसी पार्टियों से ज्यादा वोट नोटा (इनमें से कोई नहीं) पर पड़े हैं. बिहार में इस बार करीब 57 फीसदी के आसपास वोटिंग हुई है. इसमें नोटा पर 2.5 प्रतिशत (9 लाख 47 हजार 276) वोट पड़े. रालोसपा […]
पटना : इस बार विधानसभा चुनाव में हम (हिन्दुस्तान अवाम मोर्चा), सपा (समाजवादी पार्टी), जप (जनाधिकार पार्टी) जैसी पार्टियों से ज्यादा वोट नोटा (इनमें से कोई नहीं) पर पड़े हैं.
बिहार में इस बार करीब 57 फीसदी के आसपास वोटिंग हुई है. इसमें नोटा पर 2.5 प्रतिशत (9 लाख 47 हजार 276) वोट पड़े. रालोसपा (राष्ट्रीय लोक समता पार्टी) की भी स्थिति बहुत अच्छी नहीं रही. इसे 2.6 प्रतिशत (9 लाख 76 हजार 787) वोट मिले हैं, जो नोटा से महज 0.1 प्रतिशत ज्यादा है. इस तरह भाजपा, जदयू, राजद और कांग्रेस को छोड़कर अन्य सभी पार्टियों को नोटा के आसपास ही वोट मिले हैं. यानी इन पार्टियों को जनता ने पूरी तरह से स्वीकार नहीं किया. हालांकि लोजपा की स्थिति थोड़ी अच्छी है.
इसे 4.8 प्रतिशत वोट मिले हैं, जो लगभग नोटा से दोगुना है.इस विधानसभा चुनाव में भले ही महागठबंधन की जीत हुई हो, लेकिन सिंगल पार्टी के रूप में सबसे ज्यादा वोट 24.4 प्रतिशत भाजपा को ही मिले हैं. इसके बाद राजद को 18.4 प्रतिशत, जदयू को 16.8 प्रतिशत और कांग्रेस को 6.7 प्रतिशत वोट पड़े हैं. वहीं, जितने निर्दलीय खड़े थे, उनके वोट का प्रतिशत मिला दें, तो यह कांग्रेस से ज्यादा हो जाता है. इन्हें 9.4 प्रतिशत वोट पड़े हैं.
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