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सैंपल के मिठाई व मलाई खा जाते हैं चूहे

सैंपल के मिठाई व मलाई खा जाते हैं चूहे जांच सैंपल रखने को फ्रीज नहीं : फ्लैग-अलमारी में महीनों से बंद पड़े सैंपल, पटना में नहीं होती जांच, कोलकाता भेजने की मजबूरीप्रहलाद कुमार, पटना दीपावाली का त्योहार नजदीक है. कारोबारियों ने मिठाई के बड़े कारोबार की तैयारी कर रखी है. मिठाइयों की गुणवत्ता की जांच […]

सैंपल के मिठाई व मलाई खा जाते हैं चूहे जांच सैंपल रखने को फ्रीज नहीं : फ्लैग-अलमारी में महीनों से बंद पड़े सैंपल, पटना में नहीं होती जांच, कोलकाता भेजने की मजबूरीप्रहलाद कुमार, पटना दीपावाली का त्योहार नजदीक है. कारोबारियों ने मिठाई के बड़े कारोबार की तैयारी कर रखी है. मिठाइयों की गुणवत्ता की जांच को लेकर फूड सेफ्टी विभाग भी अपनी सक्रियता दिखायेगा. लेकिन, क्या आपको मालूम है कि जिले के 56 लाख आबादी को गुणवत्ता युक्त खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने की जिम्मेवारी उठानेवाला खाद्य सुरक्षा विभाग का पटना कार्यालय खुद बदहाल है. यह कार्यालय गर्दनीबाग अस्पताल के सिविल सर्जन कार्यालय परिसर स्थित एक गैराज में चल रहा है. फूड सेफ्टी ऑफिस को खुद सेफ्टी की जरूरत एक कमरे में चलनेवाले फूड सेफ्टी ऑफिस को खुद सेफ्टी की जरूरत है. उनको खतरा किसी इनसान से नहीं, बल्कि चूहे व फंगल से है. विभाग की ओर से बताया जाता है कि सैंपल रखने की पूरी व्यवस्था है. लेकिन, सच्चाई बिल्कुल अलग है. फूड सेफ्टी ऑफिस में दुकानों से लिए गये सैकड़ों सैंपल पड़े रहते हैं, जिनको चूहे खा जाते है. बाकी में फंगल लग जाता है और बहुत तो जांच के लिए कोलकता भी नहीं जा पाता है.अलमारी में पड़े सड़ रहे सैंपलस्वास्थ्य विभाग के खाद्य सुरक्षा मानक व अधिनियम 2006 के तहत फूड सेफ्टी कार्यालय खुला. इस कार्यालय में जांच सैंपल लिया जाता है, जिसे चूहे अपना निवाला बना रहे हैं. कार्टून में पड़े सैंपल को चूहे खा रहे हैं और दो अलमारी में पड़े सैंपल सड़ गये हैं. उसे कभी खोला भी नहीं जाता. अलमारी भी नीचे से सड़ गया है, जिसमें किट व चूहे आराम से घूस जाते हैं. अगर किसी व्यक्ति ने दोबारा से अपने सैंपल की जांच कराने की मांग कोर्ट में कर दी, तो उस अलमारी से कुछ नहीं निकलनेवाला है. नहीं है एक भी फ्रिज आइसक्रीम, दूध, दही, पनीर, कोल्ड ड्रिंक, मिठाई सहित किसी भी तरह के पदार्थ जिसे ठंडे जगह पर रखना हो, तो उसके लिए फ्रिज अनिवार्य है. लेकिन, फूड ऑफिस में एक भी फ्रिज नहीं हैं. ऐसे में दुकानदारों के यहां से उठाये गये सैंपल को लेकर हमेशा से अधिकारी शक के घेरे में रहते हैं. इसका यही कारण है कि वह सैंपल को सुरक्षित नहीं रख पाते हैं. फिर भी उसकी जांच रिपोर्ट आती है. लेकिन, कब, यह कहना बेहद मुश्किल है. जांच रिपोर्ट की नहीं मिलती जानकारी सैंपल की जांच होने के बाद जानकारी मांगने पर इसे गुप्त रखा जाता है. अधिकारियों के मुताबिक जांच रिपोर्ट 15 दिनों के भीतर आती है. लेकिन, जिस तरह से सैंपल उठा कर ऑफिस में रखा जाता है कहना मुश्किल होगा कि रिपोर्ट समय से आ जाता होगा. ऑफिस में बैठे अधिकारियों से रिपोर्ट संबंधी बात पूछने का प्रयास किया जाता है, तो उनका जवाब टालमटोल का होता है. इसकी जानकारी बस वहां बैठनेवालों के पास ही रहती है.हाल : अगमकुआं स्थित खाद्य प्रयोगशाला का खाद्य विश्लेषक का पद रिक्त, मशीनों में लग रहा जंगअपग्रेड करने की योजना पर भी ग्रहण प्रतिनिधि, पटना सिटीअगमकुआं स्थित सूबे के एकमात्र संयुक्त खाद्य व औषधि प्रयोगशाला में नमूनों की जांच का कार्य चार वर्षों से ठप है. दरअसल मामला यह है कि नूमनों की जांच के लिए अधिकृत खाद्य विश्लेषक का पद ही रिक्त पड़ा है. इस कारण नमूनों की जांच का काम बंद है. ऐसे में जांच के लिए लगे करोड़ों रुपये की मशीन में जंग लग रहा है. इतना ही नहीं लगभग दो साल पहले दिल्ली से आयी टीम की ओर से प्रयोगशाला को अपग्रेड करने की योजना बनायी गयी थी. लेकिन, वो भी मूर्त रूप नहीं ले सकी. स्थिति यह है कि मिलावटी खाद्य पदार्थों को जांच के लिए झारखंड व कोलकाता भेजा जा रहा है. जांच के लिए खास हैं जो मशीनेंप्रयोगशाला में सूक्ष्म-से-सूक्ष्म पदार्थों की जांच के लिए मशीनें लगी हैं, जो कारगर नहीं है. जानकारी के अनुसार गैस को मोटोग्राफी, गैस एनिलाइजर, फोटो साइंटोग्राफी समेत अनेक ऐसी मशीनें है. इतना ही नहीं आज तक एएएस नामक मशीन चालू ही नहीं हो सका. पूरा उपकरण कंप्यूटराइज्ड है, जो जांच कार्य नहीं होने की स्थिति में बंद है. जबकि सूबे में फूड सेफ्टी एक्ट 2011 लागू है. स्थिति यह है कि सेवानिवृत्ति के बाद तीन वर्षों तक अनुबंध पर कार्य करनेवाले निदेशक सह खाद्य विश्लेषक जेके सिंह ने झारखंड में योगदान दे दिया है. इसके बाद भी यह पद खाली पड़ा है. उसी समय से जांच भी ठप है. कोट सैंपल रखने को लेकर परेशानी नहीं है. सैंपल को सुरक्षित रखा जाता है. इसके लिए पहले से दो अलमारी है और सभी जिलों में एक फ्रिज खरीदा गया है, जहां तक मैनपावर की बात है उसके लिए भी कैबिनेट से स्वीकृति मिल चुकी है. जल्द ही बहाली होगी.मुकेश जी कश्यप, अभिहित पदाधिकारी मुख्यालय (डीओ)

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