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चिकत्सिक ही नही प्रबुद्ध चिंतक और साहत्यिकार भी थे डॉ किरण किशोर शरण

चिकित्सक ही नही प्रबुद्ध चिंतक और साहित्यकार भी थे डॉ किरण किशोर शरणपटना. सुप्रसिद्ध नाक, कान और गला रोग विशेषज्ञ डॉ किरण किशोर शरण एक लोकप्रिय चिकित्सक ही नहीं प्रबुद्ध चिंतक और समर्थ साहित्यकार भी थे. उनकी आध्यात्मिक चेतना में समाज की चिंता और मनुष्यता के लिए विशेष स्थान था. उनके निधन से समाज की […]

चिकित्सक ही नही प्रबुद्ध चिंतक और साहित्यकार भी थे डॉ किरण किशोर शरणपटना. सुप्रसिद्ध नाक, कान और गला रोग विशेषज्ञ डॉ किरण किशोर शरण एक लोकप्रिय चिकित्सक ही नहीं प्रबुद्ध चिंतक और समर्थ साहित्यकार भी थे. उनकी आध्यात्मिक चेतना में समाज की चिंता और मनुष्यता के लिए विशेष स्थान था. उनके निधन से समाज की अनेक प्रकार से क्षति हुई है. वस्तुतः उनके लोकांतरण से ‘मनुष्य’ बनाने की एक बड़ी कार्यशाला बंद हो गयी है. यह विचार मंगलवार को डॉ शरण के कंकड़बाग स्थित आवासीय परिसर में, साहित्य सम्मेलन द्वारा आयोजित श्रद्धांजलि-सभा की अध्यक्षता करते हुए, सम्मेलन-अध्यक्ष डॉ अनिल सुलभ ने व्यक्त किये. सम्मेलन के उपाध्यक्ष और उनके निकट के सत्संगी पं शिवदत्त मिश्र ने कहा कि डॉ शरण बहुमुखी प्रतिभा के साधु-पुरुष थे. एक चिकित्सक के रूप में हीं नही, अपितु एक यशस्वी साहित्यसेवी और चिंतक के रूप में उनकी प्रतिष्ठा थी.

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