पटना: चुनावी खर्च का ब्योरा देने में उम्मीदवार से ज्यादा अधिकारी ही ढीले नजर आ रहे हैं. इसका सबसे बड़ा प्रमाण है कि चुनावी खर्च जमा करने की तीसरी तिथि खत्म होने के बाद भी अब तक जिले के छह विधानसभा क्षेत्रों के निर्वाची अधिकारियों (रिटर्निंग अफसरों) ने इसका ब्योरा वेबसाइट पर अपलोड नहीं कराया है. बाकी आठ विधानसभा क्षेत्रों ने वेबसाइट पर खर्च का ब्योरा दिया है, लेकिन इनमें भी कुछ आधे-अधूरे ही दिखते हैं.
तीसरी तिथि पर उम्मीदवारों ने दिया ब्योरा : रविवार को उम्मीदवारों के खर्च का ब्योरा देने की तीसरी व अंतिम तारीख थी. इससे पहले 15 व 19 अक्तूबर को ब्योरा जमा कराये जाने की तारीख सुनिश्चित की गयी थी. इन दोनों तिथियों पर जिले के चौदह विधानसभा क्षेत्रों से खड़े कुल 253 उम्मीदवारों में से 151 ही रजिस्टर जांच करायी. अनुपस्थित उम्मीदवारों को नोटिस किये जाने के बाद कई उम्मीदवारों ने खर्च का ब्योरा दिया. बावजूद ब्योरा नहीं देने वाले मसौढ़ी के दो व पालीगंज के एक उम्मीदवार पर एफआइआर कराया गया, जबकि कुम्हरार के एक उम्मीदवार को नोटिस दी गयी. व्यय लेखा व अनुश्रवण कोषांग के अधिकारियों ने बताया कि रविवार को जमा कराये गये ब्योरे की लिस्टिंग नहीं की गयी है.
जिला निर्वाचन पदाधिकारी के आदेशानुसार जो अभ्यर्थी या उसका एजेंट नोटिस के बाद भी रजिस्टर निरीक्षण के लिए प्रस्तुत नहीं कर सका है, आइपीसी की धारा 171-1 के तहत न्यायालय में निर्वाची पदाधिकारी के स्तर से एफआइआर दर्ज की जायेगी. कोषांग के नोडल पदाधिकारी मनोज कुमार झा ने बताया कि मतदान से पहले तीन तिथियों पर खर्च का ब्योरा लिया जा चुका है.