पटना: गुरुवार की रात दस बजे हैं. गांधी मैदान में कमजोर काया का 25 वर्षीय एक नौजवान खड़ा है. भाकपा की जनाक्रोश रैली में शामिल होने आये लोगों से कुछ दूरी पर. वेश-भूसा बता रहा है कि वह मजदूर है. उसकी नजर मंच पर गीत प्रस्तुत कर रहे कलाकारों पर है. पूछने पर बताया कि बांका के बिशुनपुरा से आये हैं. आप लोग तो पढ़े-लिखे हैं आपको क्या बताना कि काहे यहां आये हैं.
भाकपा की रैली है. गरीब का पार्टी इहे है. देर रात तक पांच हजार से अधिक लोग गांधी मैदान में जमा हो चुके हैं. मंच तैयार है. माइक बांधे जा चुके हैं. पहले से बने मंच को ही भाकपा ने अपना मंच मान लिया है. सिर पर भाकपा का चुनाव चिह्न्वाले लाल कपड़ा बांधे कार्यकर्ता मंच पर क्रांतिकारी गीत गा रहे हैं. नीचे बैठे लोग गायन का लुत्फ उठा अपनी थकान मिटाते दिखे.
महिलाएं भी कम नहीं : गांधी मैदान में देर रात तक लोगों के आने का सिलसिला जारी है. स्टेशन की ओर से लोगों की टोली धीरे-धीरे मैदान की ओर बढ़ रही है. कुछ दूरी पर मधेपुरा से आये 65 वर्षीय देबो राम खड़े हैं. बताते हैं कि वे जुलूस में आये हैं. उनकी शिकायत है कि उन्हें वृद्धापेंशन नहीं मिलती है. गांधी मैदान में देर रात तक महिलाओं व पुरुषों का आना जारी है. उनके मनोरंजन के लिए पार्टी की ओर से मंच पर क्रांतिकारी गीतों की प्रस्तुति का इंतजाम है. खुले आसमान में लोग बड़े ही ध्यानपूर्वक गीत सुन रहे हैं. कुछ लोग गीतों पर झूम भी रहे हैं.
कुछ लोग बोरा बिछा कर मैदान में ही सोये हुए हैं. गांधी मैदान आनेवाली लगभग हर टोली में महिलाएं शामिल हैं. आनेवालों के स्वागत के लिए स्टॉल बन कर तैयार है. स्वागत के लिए स्टॉल में लोग भी बैठे हैं. चिकित्सा केंद्र भी स्थापित है. दवाइयां भी रखी हुई हैं, ताकि देर रात में किसी की तबीयत खराब हो, तो उसे दवाएं दी जा सके. भीड़ है, पर कोई शोर नहीं. लोगों की टोली आ रही है और जहां पर जगह खाली है बैठ रही है. शुक्रवार को दिन के 12 बजे जनाक्रोश रैली आरंभ हो जायेगी. रैली में भाग लेने के लिए भाकपा नेता पटना पहुंच गये हैं.