पटना: किसी बीमारी को बढ़ने नहीं दें. उसके बढ़ने से पहले अगर आप डॉक्टर के पास पहुंच जाये, तो आप बीमार नहीं होंगे. बीमारी उसी वक्त बढ़ती है, जब लोग बीमार होने के बाद भी उसे नजरअंदाज करते है. ऐसे लोगों की छोटी सी बीमारी बड़ी हो जाती है और उनका इलाज करने में भी डॉक्टर परेशान हो जाते है. ये बातें रविवार को प्रभात खबर की ओर से हॉकर व उनके परिवार के लिए भगत उत्सव हॉल, टेम्पू स्टैंड कंकड़बाग में आयोजित स्वास्थ्य शिविर में आये डॉक्टरों ने कहीं. शिविर में आये लोगों का इलाज करते हुए उनको गंभीर बीमारियों के प्रति जागरूक भी किया गया. शिविर में 200 हॉकर व उनके परिवार का मुफ्त थायराइड व बीपी दीपक कुमार व संजीत कुमार ने जांच किया.
डॉक्टरों की राय
आंखों में होनेवाली बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक होना चाहिए और इसके लिए सबसे पहले अपने बच्चों का नेत्र जांच उस समय कराना चाहिए.
डॉ समरेंद्र कुमार, नेत्र रोग विशेषज्ञ
मुंह व दांत में बीमारी आम हो गयी है. लेकिन, आज भी लोगों में मुंह व दांत के प्रति जागरूकता आभाव है. अधिकांश लोग पायरिया से पीड़ित होते हैं, जिसका सिर्फ एक कारण होता है. उनके दांतों में फैली गंदगी. डॉ नीरज कुमार
दंत रोग विशेषज्ञ
एक्यूप्रेशर एक ऐसी विधा है, जिसके माध्यम से हर बीमारी को ठीक किया जा सकता है. प्राकृतिक चिकित्सा के माध्यम से बीमारियों को ठीक किया जाना संभव है. डॉ पंकज कुमार
प्राकृतिक चिकित्सा व एक्यूप्रेशर विशेषज्ञ
अगर आप अपने शरीर को साफ रखेंगे, तो आपके पास वायरल बीमारियां कम आयेगी. मधुमेह रोगियों में देखा गया है कि वह अपनी बीमारी के प्रति बहुत लापरवाह होते है.डॉ सुभाष कुमार जेनरल फिजिशियन व मधुमेह रोग विशेषज्ञ
शिविर में आये लोगों की राय
शिविर में सभी तरह की जांच हुई. इसके अलावे डॉक्टरों से जिस बीमारी के बारे में जानकारी चाहिए थी. उसकी भी जानाकरी मिली.
मीरा देवी
हॉकर व उनके परिवारवालों के लिए लगाये गये स्वास्थ शिविर से हम सभी को फायदा हुआ है. शिविर में हर विधा के डॉक्टर आये थे, जिन्होंने हमारा इलाज किया है. संजय झा मुफ्त शिविर में की गयी व्यवस्था अच्छी थी. हमें इलाज व जांच कराने में कोई परेशानी नहीं हुई है.
सतेंद्र झा
-सोनू : हमने दांत व आंख के डॉक्टर से इलाज कराया है. हमने दांतों में होनेवाली बीमारियों के प्रति जानकारी ली है.
-रूपकला सिंह : शिविर में एक साथ इतने डॉक्टर के रहने से सभी तरह का इलाज हो गया. इस तरह का शिविर लगने से वैसे लोगों को इलाज कराने में परेशानी नहीं होती है, जो समय के अभाव में डॉक्टर के पास नहीं जाते है.