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वैंकेया बोले, लालू ‘सुप्रीम कोर्ट’, नीतीश चलेंगे उनके आदेश पर
नयी दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को भाजपा का सुप्रीम कोर्ट बताने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर एनडीए ने गुरुवार को हमला बोला़ लालू प्रसाद से गंठबंधन को लेकर नीतीश कुमार पर दिल्ली में केंद्रीय मंत्री एम वैंकेया नायडू, तो पटना में रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने निशाना साधा़ नायडू ने कहा कि मोदी […]
नयी दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को भाजपा का सुप्रीम कोर्ट बताने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर एनडीए ने गुरुवार को हमला बोला़ लालू प्रसाद से गंठबंधन को लेकर नीतीश कुमार पर दिल्ली में केंद्रीय मंत्री एम वैंकेया नायडू, तो पटना में रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने निशाना साधा़ नायडू ने कहा कि मोदी सरकार किसी के दिशानिर्देश में नहीं चल रही है. उन्होंने दावा किया कि जल्दी ही जदयू के नेता लालू प्रसाद के निर्देशों का पालन करते हुए देखे जायेंगे.
उन्होंने कहा, जल्दी ही आप लालूजी को उनके सुप्रीम कोर्ट के रूप में देखेंगे़ सरकार बनने से पहले ही लालू घोषणा कर चुके हैं कि मेरे बच्चे मंत्री बनेंगे़ मंत्रिमंडल का गठन मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है.
एक सम्मेलन से इतर नायडू ने कहा, जहां तक भारत सरकार का सवाल है, वह भाजपा और एनडीए के एजेंडे पर चलती है. जो सुझाव आते हैं, उनमें हम तर्कसंगत सुझावों को स्वीकार कर लेते हैं. हम किसी के दिशानिर्देशन, शासन या निर्देश के आधार पर नहीं चल रहे़
आरएसएस का बचाव करते हुए नायडू ने कहा, उसे इन लोगों के प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है. आरएसएस का अर्थ है ‘रेडी फॉर सेल्फलैस सर्विस’ (निस्वार्थ सेवा के लिए तैयार). आप किसी से उसके विचारों के लिए सहमत या असहमत हो सकते हैं. लेकिन यह एक महान देशभक्त संगठन है, जो देश के युवाओं में चरित्र, क्षमता और आचार का सृजन कर रहा है. किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए़
कांग्रेस के इस आरोप पर कि भाजपा दीन दयाल उपाध्याय की वर्षगांठ का आयोजन नेहरू स्टेडियम में करके हमारे राष्ट्रीय नायकों को हमसे छीनने का प्रयास कर रहे हैं , नायडू ने कहा, ‘उनके नायक या हमारे नायक कौन हैं. नायक देश के हैं. जिन लोगों ने देश की तरक्की में योगदान दिया है, उन्हें पहचान और सम्मान मिलना चाहिए और उन्हें बढ़ावा दिया जाना चाहिए.
कांग्रेस का नाम लिये बिना नायडू ने कहा, ‘क्या यह एक परिवार का एकाधिकार है? देश ने हजारों महान नायक पैदा किये हैं. हर एक ने किसी-न-किसी क्षेत्र में योगदान दिया है. किसी को भी पंडित दीन दयाल उपाध्याय, सरदार वल्लभ भाई पटेल या अब्दुल कलाम के जीवन एवं इतिहास को चिह्नित करने के विचार पर आपत्ति नहीं होनी चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘हम 15 अक्तूबर को अब्दुल कलाम का जन्मदिन मनाना चाहते हैं. सरकार इस पर विचार कर रही है. हम कलाम के गृहनगर रामेश्वरम में उनका स्मारक भी बनाना चाहते हैं. प्रधानमंत्री ने इसके लिए एक छोटी समिति गठित की है. कलाम के अलावा सरकार जयप्रकाश नारायण की जयंती भी मनाने की योजना बना रही है.
क्या कहा था नीतीश ने
भाजपा आरक्षण विरोधी है और उसे आरएसएस की लाइन पर ही चलना पड़ता है, जो कि उसके लिए सुप्रीम कोर्ट के समान है.
(23 सितंबर को पटना में )
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