पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा पर जम कर निशाना साधा है. होटल मोर्या में एक निजी चैनल के कार्यक्रम के बाद उन्होंने कहा कि भाजपा भारतीय संस्कृति की बात करती है, लेकिन वह अपने ही लोगों को सम्मान नहीं देती है. भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी जैसे बुजुर्ग नेताओं को कोल्ड स्टोरेज में डाल दिया है.
जिस व्यक्ति ने भाजपा को दो सीट से 86 सीट तक पहुंचाया था. जिन्होंने पार्टी को बनाने में अपना अहम योगदान दिया, उन्हीं को बिहार विधानसभा चुनाव में कैंपेन से हटा दिया है. भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी की मेहनत और उनका जो भाजपा के लिए ज्ञान है, उन चीजों से इन्हें क्या मतलब? अब भाजपा तो बिल्कुल नये अवतार में है.
उन्होंने कहा कि बिहार बाबू शत्रुघ्न सिन्हा जैसे वफादार नेताओं की भाजपा में कोई पूछ नहीं है. बिहारी बाबू से मेरे व्यक्तिगत संबध हैं. बिहारी बाबू से व्यक्तिगत रिश्ता बहुत से लोगों के भी साथ है. हमलोग उनका सम्मान करते है, वे बिहार के गौरव है. जिस समय भाजपा के लोगों की बात कोई नहीं सुनता था, उस समय भाजपा सभी जगह बिहारी बाबू से मीटिंग करवाते थे.
उन्होंने कहा कि जिसने भाजपा को बनाया, स्टेब्लिस्ट किया उसे दूध की मक्खी की तरह निकाल रहे हैं. अब मतलब निकल गया तो पहचानते नहीं है. भाजपा का कैरेक्टर यही है. बिहार की जनता को भाजपा के आचरण व इतिहास को समझना चाहिये. साथ ही जनता को आंख खोलकर देखने चाहिए और झांसे में नहीं आना चाहिए.
सर्वे पर नहीं है भरोसा :- मुख्यमंत्री ने बिहार विधानसभा चुनाव पर हो रहे सर्वे पर कहा कि लिमिटेड लोगों से पूछकर लोग निष्कर्ष निकालते है. हम इस पर बहुत गौर नहीं करते है. कई पार्टियां भी इंटरनल सर्वे कराती है. केंद्र की सरकार व भाजपा ने बिहार विधानसभा चुनाव को प्रतिष्ठा का चुनाव बना लिया है. सारे देशभर के लोग आये हुए हैं. इन दिनों बिहार में देश के हर कोने से लोग आ रहे है. अध्ययन कर रहे हैं और उनका जो अपना इंप्रेशन है, वे लिखेंगे, ये तो चलता रहेगा. हमलोगों का काम जनसम्पर्क करना है, ना कि सर्वे रिपोर्ट पर जवाब देना है.
नीतियों पर है बिहार में गंठबंधन :- समाजवादी पार्टी व मुलायम सिंह यादव के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सब मिलकर जनता परिवार बनाने के प्रयास में थे, लेकिन कामयाब नहीं हो सके. समाजवादी पार्टी को जो अच्छा लगता है, वे करते हैं. किस कारण से सपा महागठबंधन से अलग हुई, उनका क्या मकशद है?
इस पर हमें नहीं जाना है. बिहार में हमारा महागठबंधन इनटैक्ट है और यहां नीतियों के आधार पर हमारा गठबंधन है. हमलोग बिहार को विकास के आधार पर आगे ले जाना चाहते है, इसलिए हम लोगों ने महागठबंधन बनाया है और बिहार में हमारा गठबंधन बहुत मजबूत है.
सीएम के सामने भिड़े ज्ञानू और छोटू
पटना : एक निजी चैनल के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने जदयू से बगावत कर भाजपा में गये ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू और जदयू नेता छोटू सिंह भिड़ गये. कार्यक्रम में सवाल-जवाब चल रहा था.
इसी बीच ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने मुख्यमंत्री से सवाल करना चाहा और तो जदयू नेता छोटू सिंह ने उनका विरोध किया. बात तू-तू मैं-मैं तक पहुंच गयी. छोटू सिंह ने कहा कि ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू को सवाल पूछने का अधिकार नहीं है.
इस पर ज्ञानू ने कहा कि मुख्यमंत्री जी लगता है आपने नेताओं पर आपका कंट्रोल नहीं है? इस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जब आप ही हमारे कंट्रोल में नहीं रहे तो कोई और क्या कंट्रोल में रहेगा? छोटू सिंह व जदयू के अन्य नेताओं के विरोध के बाद ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू को बैठना पड़ा.