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कानून को अंगूठा दिखा रहे बिल्डर

नौ माह पहले बिल्डिंग तोड़ने का आदेश, चोरी-छिपे उद्घाटन की तैयारी पटना : नगर निगम में अधिकारी बदलते ही कार्रवाई का तरीका भी बदल गया है. नौ माह पहले तक जिन भवनों के अवैध हिस्से को आयुक्त कोर्ट से तोड़ने का आदेश हुअा था, उनको तोड़ना तो दूर संबंधित बिल्डर आजकल उसके उद्घाटन की तैयारियां […]

नौ माह पहले बिल्डिंग तोड़ने का आदेश, चोरी-छिपे उद्घाटन की तैयारी
पटना : नगर निगम में अधिकारी बदलते ही कार्रवाई का तरीका भी बदल गया है. नौ माह पहले तक जिन भवनों के अवैध हिस्से को आयुक्त कोर्ट से तोड़ने का आदेश हुअा था, उनको तोड़ना तो दूर संबंधित बिल्डर आजकल उसके उद्घाटन की तैयारियां कर रहे हैं. हाइकोर्ट के कड़े तेवर के बाद तत्कालीन नगर आयुक्त कुलदीप नारायण की कोर्ट ने बिल्डिंग बायलॉज का उल्लंघन करनेवाले 180 से अधिक अवैध भवनों पर कार्रवाई करते हुए इनके अवैध हिस्सों को ढहाने का आदेश दिया था.
बिल्डिंग निर्माण पर ट्रिब्यूनल कोर्ट और हाइकोर्ट ने रोक लगायी और सुनवाई की प्रक्रिया में हैं. बावजूद कानून को अंगूठा दिखा कर बिल्डर निर्माण कार्य कर रहे हैं. इनमें से कई भवनों पर अवैध निर्माण करने पर एफआइआर भी हुई, लेकिन कोई खास फर्क नहीं पड़ा. पेश है रिपोर्ट.
मेरीडियन कंस्ट्रक्शन व गणपित डेवलेपर्सलिमिटेड
मेरीडियन कंस्ट्रक्शन और गणपति डेवलपर्स लिमिटेड यहां अवैध तरीके से नक्शा पारित करवा कर शॉपिंग कॉम्प्लेक्स निर्माण करा रहा है. इसको लेकर निगरानीवाद केस दर्ज किया गया.
नगर आयुक्त के कोर्ट ने 10 जुलाई, 2014 को जी+बी 6 तल्ले से ऊपर के निर्माण को तोड़ने का आदेश दिया था. साथ ही पार्किंग की व्यवस्था प्रथम तल्ले पर सुनिश्चत करते हुए दुकान तोड़ने का आदेश दिया. इस आदेश के खिलाफ बिल्डर ने ट्रिब्यूनल कोर्ट में रिट याचिका दायर की, जहां से स्टे लगा हुआ है और मामले की सुनवाई चल रही है. इसको लेकर नगर आयुक्त के निर्देश पर कोतवाली थाने में प्राथमिकी भी दर्ज करवायी गयी, लेकिन बिल्डर पर असर नहीं पड़ा.
वर्तमान में स्थिति यह है कि शॉपिंग कॉम्प्लेक्स उद्घाटन की स्थिति में है. चार महीने पहले प्रभात खबर ने भी इसको लेकर नगर निगम का ध्यान आकृष्ट कराया था, लेकिन कोई असर नहीं पड़ा.
तिरुपति होम्स
बिल्डर तिरुपति होम्स ने किदवईपुरी स्थित सहकारी गृह निर्माण समिति के भूखंड पर अवैध नक्शा पारित करा निर्माण शुरू कराया. जांच में निगम की अभियंता टीम ने कई अनियमितता पाते हुए निगरानीवाद दर्ज किया.
नगर आयुक्त ने बिल्डर को आदेश दिया था कि मूल नक्शे के अनुरूप ऊपर के दो तल्ले तोड़े जाये. बिल्डर ने इस फैसले के खिलाफ ट्रिब्यूनल कोर्ट में रिट याचिका दायर की. ट्रिब्यूनल कोर्ट ने नगर आयुक्त के फैसले को बरकरार रखा.
बिल्डर ने ट्रिब्यूनल कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाइकोर्ट में रिट किया, जहां से स्टे लगा हुआ है. इस स्थिति में बिल्डर को निर्माण नहीं करना है, लेकिन बिल्डर ने कोर्ट को भी अनदेखी करते हुए निर्माण कार्य करते रहा. अब तो बिल्डर ने चोरी-छुपे होटल का उद्घाटन भी कर लिया है.
कर्पूरा कंस्ट्रक्शन
बोरिंग कैनाल रोड में बुद्धा इन होटल के सामने पूर्व केंद्रीय मंत्री डुमरलाल के नाम से पीआरडीए का भूखंड है. इस पर कर्पूरा कंस्ट्रक्शन का साइन बोर्ड लगा हुआ है. इस भूखंड के लीज-डीड को रद्द करते हुए नगर आयुक्त ने भू-संपदा पदाधिकारी को निर्देश दिया था कि आवंटन राशि सूद सहित आवंटी को लौटा दें और भूखंड को अपने कब्जे में करें. इसको लेकर भू-संपदा पदाधिकारी ने आवंटी को नोटिस भी दिया. लेकिन नोटिस किसी ने नहीं लिया.
पिछले चार दिनों से इस भूखंड पर निर्माण कार्य कौन करवा रहा है. खास बात तो यह है कि इस भूखंड पर दिन-रात निर्माण कार्य चल रहा है और निगम प्रशासन हाथ-पर-हाथ रख कर बैठा है और निर्माण कार्य देख रहा है.

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