पटना: मुख्य सचिव अशोक कुमार सिन्हा ने कहा कि जिन विभागों में खर्च की रफ्तार धीमी है, उनकी योजना से राशि की कटौती कर दूसरे विभाग को दी जायेगी. साथ ही उस विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी होगी, चाहे वह कितने भी बड़े ओहदावाला अधिकारी क्यों न हो.
सितंबर में पथ निर्माण, उद्योग, एससी/एसटी कल्याण, शिक्षा, ग्रामीण विकास, गृह व वन एवं पर्यावरण विभाग के खर्च की स्थिति बेहतर रही है, जबकि योजना एवं विकास, पशु एवं मत्स्य संसाधन, राजस्व एवं भूमि सुधार व भवन निर्माण विभाग फिसड्डी रहा है. इन विभागों के प्रमुखों को मंगलवार को मुख्य सचिव ने कड़ी चेतावनी दी है.
41.42 प्रतिशत राशि खर्च : मुख्य सचिव ने बताया कि इस साल सितंबर तक कुल योजना आकार की 41.42 प्रतिशत राशि खर्च हो गयी है, जबकि पिछले साल इस अवधि तक मात्र 27.92 प्रतिशत राशि ही खर्च हुई थी. पथ निर्माण विभाग ने 2898 करोड़ रुपये सितंबर तक खर्च किये, जो उसके बजट का 68.98 प्रतिशत है. इसके बाद उद्योग विभाग ने 62.42, एससी/एसटी कल्याण विभाग ने 51.59, शिक्षा ने 44.78, ग्रामीण विकास ने 47.36, गृह ने 48.45 तथा पर्यावरण एवं वन विभाग ने 45.84 प्रतिशत राशि खर्च की है.