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नीतीश का मोदी को करारा जवाब : री पैकेजिंग से नहीं होगा राज्य का भला
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग दोहराते हुए कहा कि बिहार बढ़ रहा है और आगे भी बढ़ेगा. बिना विशेष राज्य के दर्जा के राज्य में बड़े उद्योग नहीं आएंगे और न ही निवेश होगा. उन्होंने कहा कि बिहार को लेकर प्रधानमंत्री को […]
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग दोहराते हुए कहा कि बिहार बढ़ रहा है और आगे भी बढ़ेगा. बिना विशेष राज्य के दर्जा के राज्य में बड़े उद्योग नहीं आएंगे और न ही निवेश होगा. उन्होंने कहा कि बिहार को लेकर प्रधानमंत्री को अधिक फिक्रमंद होने की जरूरत नहीं है. वे विशेष राज्य का दर्जा दें. मैं उन्हें जरूर धन्यवाद दूंगा. इस री पैकेंिजग से बिहार का भला नहीं होने वाला है. मुख्यमंत्री बुधवार को अपने आवास पर पत्रकारों से बात कर रहे थे.
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री द्वारा भागलपुर की रैली में उठाए गए हर सवाल व हर आंकड़े का उत्तर दिया. उन्होंने कहा कि विशेष पैकेज में 87 प्रतिशत पुरानी योजना है. दीनदयाल ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में राज्य को जो देना है, उसे भी वह देने की बात कह रहे हैं. अच्छी बात है दे दें. अल्ट्रा मेगा पावर प्लांट निजी क्षेत्र में लगना है. उसमें भी वह कहते हैं कि दिल्ली अपने खजाने से पैसा देगा. अगर ऐसा है, तो फिर देर किस बात की. मुख्यमंत्री ने कहा कि वो सात सूत्री एजेंडे के सहारे बिहार की तसवीर आनेवाले पांच साल में बदल देंगे. लोगों की मूलभूत सुविधाओं में विस्तार होगा. उनका जीवन पहले से बेहतर होगा.
वित्त आयोग से मिले पैसे पर राज्य का हक : उन्होंने कहा कि 14वें वित्त आयोग से बिहार को पौने चार लाख करोड़ मिलेगा. अब प्रधानमंत्री को लग रहा है कि योजना तो 2.70 लाख करोड़ की है और क्या होगा.
उन्होंने कहा कि हमारा योजना आकार चार हजार करोड़ बढ़कर 57 हजार करोड़ हो गया. आनेवाले समय में यह और बढ़ेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र की कृपा या मर्जी से वित्त आयोग से राज्यों को पैसा नहीं मिलता. बल्कि यह तो राज्य का हक है. हिम्मत है तो केंद्र पैसे को रोक कर दिखाए. बिहार के विकास में पैसे की कोई कमी नहीं होगी. उन्होंने कहा कि बिहार प्रगति की ओर है. हमारी आमदनी भी बढ़ी रही है और जीडीपी भी.
देश का कृषि रेट घटा : विकास के सवाल पर प्रधानमंत्री को घेरते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 की तुलना में देश का कृषि रेट 2.6 से घटकर 1.9 फीसदी हो गया. औद्योगिक क्षेत्र में 7.4 से घटकर 6.5 हो गया. माइंनिग के क्षेत्र में यह 4.4 से घटकर 4 प्रतिशत हो गया. उन्होंने कहा कि यही हाल विकास का है. इसपर प्रधानमंत्री कुछ नहीं बोलते. लेकिन उनकी बातों से लगता है कि अब वे विचलित हो रहे हैं. बिजली पर प्रधानमंत्री को न बोलने की नसीहत देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 2005 में बिजली की खपत 70 यूनिट थी जो अब बढ़कर 203 हो गया.
हमें सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं
भूकंप की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री पर चुटकी लेते हुए कहा कि क्या किसी को मालूम था कि भूकंप आ जाएगा. भूकंप के बाद मैं तुरंत पटना लौट आया. हमारे आपदा प्रबंधन को सभी ने सराहा है. चाहे वह 2007 का बाढ़ हो या कोसी की आपदा हो या भूकंप, हमारे लोग काम में लगे थे.
हां केंद्र के मंत्री घुमने आए थे. हमें अपने काम के सार्टिफिकेट की जरूरत नहीं है. स्वास्थ्य क्षेत्र की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जो आंकड़ा दिया वह गलत है. 2006 में 358 पीएचसी था, जो बढ़कर 533 हो गया. इसमें 130 को अपग्रेड कर कम्युनिटी सेंटर के रूप में विकसित किया गया. 24 जिला अस्पताल की जगह अब 36 है और 23 अनुमंडलीय अस्पताल की जगह 55.
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