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नक्शा पास करने के लिए इंजीनियर, टाउन प्लानर व बिल्डर निबंधित

पटना : नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव ने बुधवार को पुराना पटना और नया बिल्डिंग बायलॉज के अनुरूप नक्शा पास करने का आदेश पटना नगर निगम के नगर आयुक्त, खगौल, दानापुर और फुलवारीशरीफ के कार्यपालक पदाधिकारियों को निर्देश दिया. इसके आलोक में निगम नक्शा पास करने के लिए तैयार है, लेकिन गुरुवार को नक्शा […]

पटना : नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव ने बुधवार को पुराना पटना और नया बिल्डिंग बायलॉज के अनुरूप नक्शा पास करने का आदेश पटना नगर निगम के नगर आयुक्त, खगौल, दानापुर और फुलवारीशरीफ के कार्यपालक पदाधिकारियों को निर्देश दिया.
इसके आलोक में निगम नक्शा पास करने के लिए तैयार है, लेकिन गुरुवार को नक्शा पास करने का आवेदन नहीं आया. निगम प्रशासन ने नक्शा पास करने के लिए वास्तुविदों का पैनल के साथ साथ इंजीनियर, स्ट्रर इंजीनियर, टाउन प्लानर और बिल्डर को निबंधित कर लिया है.
प्लानिंग शाखा के निदेशक खगेश चंद्र विश्वास ने बताया कि दो-चार दिनों के बाद ही निगम में नक्शा पास करने के लिए आवेदन आना शुरू होगा. वहीं, नगर आयुक्त जय सिंह ने बताया कि नक्शा स्वीकृत करने के लिए तैयारी पूरी कर ली गयी है.
अंचल स्तर पर समिति
बिल्डर या आमलोग निबंधित वास्तुविद से नक्शा बनवा कर निर्धारित शुल्क के साथ उसकी अनुशंसा के लिए आवेदन करेंगे. यह आवेदन प्लानिंग शाखा के सहायक निदेशक व डिप्टी निदेशक के पास पहुंचेगा.
वहां से आवेदन अंचल स्तर पर बनायी गयी समिति के पास जांच के लिए भेजा जायेगा. समिति की जांच रिपोर्ट के आधार पर प्लानिंग शाखा के निदेशक टिप्पणी कर नगर आयुक्त को भेजेंगे. इसके बाद नगर आयुक्त सब ठीक रहा, तो उसी दिन नक्शा पास कर लाभार्थी को उपलब्ध करा देंगे.
यह इलाका भी नया पटना में
निगम ने चारों अंचल में स्थिति मुख्य, प्रधान व लिंक सड़कों की औसत चौड़ाई वेबसाइट पर प्रकाशित कर दी है. पुराना मास्टर प्लान के अनुसार 20 फुट चौड़ी सड़क पर जी प्लस 3 और 20 फुट से अधिक चौड़ी सड़क पर जी प्लस 3 से अधिक फ्लोर का नक्शा स्वीकृत किया जायेगा.
वहीं, नया पटना के हिस्सा को भी चिह्न्ति किया है. इसमें न्यू बाइपास के दक्षिण और पटना सिटी के पहाड़ी के दक्षिण-पूर्व हिस्सा को न्यू पटना के हिस्सा के रूप में चिह्न्ति किया है. इन हिस्सों में नक्शा स्वीकृत नहीं किया जायेगा.
अब प्लानिंग रिपोर्ट की नहीं होगी जरूरत
अब नक्शा बनाने के लिए निगम की प्लानिंग रिपोर्ट लेने की जरूरत नहीं होगी. इसका कारण है कि पूर्व में निबंधित वास्तुविदों द्वारा सीधा नक्शा पास कर दिया जाता था. इसको लेकर बिल्डर या भूस्वामी को निगम से प्लानिंग रिपोर्ट लेनी पड़ रही थी और इसी प्लानिंग रिपोर्ट के आधार पर वास्तुविद् नक्शा बना कर स्वीकृत कर रहे थे.
अब नक्शा स्वीकृत करने की जिम्मेवारी निगम को है. निगम को नक्शा पारित करने के लिए अनुशंसा प्राप्त होगी, तो अनुशंसित नक्शे की स्थल जांच की जायेगी. इस स्थिति में बिल्डर या भूस्वामी को प्लानिंग रिपोर्ट लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
ढाई कट्ठे के लिए नक्शा
न्यू बिल्डिंग बायलॉज के अनुसार ढाई कट्ठे के भूखंड पर भवन बनाने के लिए नक्शा स्वीकृत करना होगा. हालांकि, इसमें एक छूट दी गयी है कि निर्धारित 60 दिनों के भीतर नगर निगम से नक्शा स्वीकृत नहीं होता है, तो भूस्वामी प्लानिंग शाखा के निदेशक को नोटिस देकर भवन निर्माण कार्य शुरू कर सकते हैं.
वहीं, ढाई कट्ठे से अधिक के भूखंड पर भवन बनाने के लिए नक्शा स्वीकृति के बाद ही निर्माण कार्य शुरू किया जायेगा.
हर हाल में 60 दिनों के अंदर स्वीकृत
निगम प्रशासन ने नक्शा स्वीकृत करने का अधिक से अधिक 60 दिनों का समय निर्धारित किया है. इस अवधि में नक्शे को हर हाल में स्वीकृत कर देना है. इस निर्धारित अवधि में नक्शा स्वीकृत नहीं हुआ है, तो नगर आयुक्त से सीधा शिकायत कर सकते हैं.
बिल्डरों में जगी उम्मीद
पांच हजार करोड़ निकलने की उम्मीद
पटना. नगर विकास विभाग के पटना समेत आस पास के नगर निकायों में नक्शा पास करने की घोषणा से रियल एस्टेट क्षेत्र में उम्मीद जगी है. ढाई साल से नक्शा पास किये जाने पर लगी रोक से रियल एस्टेट व्यवसाय का करीब पांच हजार करोड़ रुपया बाजार में फंसा हुआ है. विभाग की नयी घोषणा से व्यवसाय से जुड़े बिल्डर व निर्माण सामग्री विक्रेताओं में उत्साह है.
नगर निकाय क्षेत्र में बिल्डरों को काम करने के लिए उन्हें निकाय से निबंधित होना जरूरी है. पटना नगर निगम में भी इसकी शुरुआत हो चुकी है. अब तक करीब छह दर्जन बिल्डरों ने निबंधन कराया है. नक्शा पास की घोषणा के बाद इसकी रफ्तार बढ़ने की उम्मीद है.
आचार संहिता का डर
इस बीच बिल्डरों को आचार संहिता का डर भी सता रहा है. उनका कहना है कि विभाग के निर्देश को निगम जल्द से जल्द फॉलो कराये ताकि आचार संहिता से पहले उसका अनुपालन हो सके. ऐसा न हो कि रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया में इतनी देरी हो जाये कि तब तक आचार संहिता ही लग जाये.
आयेंगी कई नयी प्रोजेक्ट
पिछले ढाई साल से बिल्डिंग की कोई नयी प्रोजेक्ट बाजार में नहीं आयी है. बिल्डर पुराने पास प्रोजेक्ट के आधार पर ही भवन व फ्लैट बना कर ग्राहकों को बेच रहे थे, लेकिन नक्शा पास होने की स्वीकृति के बाद राजधानी सहित इसके आस-पास के क्षेत्रों में कई बड़े प्रोजेक्ट आने की उम्मीद है.
सामग्री विक्रेताओं में उत्साह
नक्शा पास होने की खबर से निर्माण सामग्री विक्रेताओं में भी उत्साह है. रियल एस्टेट व्यवसाय से प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से पांच दर्जन से अधिक व्यवसाय जुड़े हैं, जो लगातार प्रभावित हो रहे थे.
खास कर सीधे रूप से जुड़ा ईंट,बालू,सीमेंट,छड़,स्टील व लोहे का व्यवसाय बूम करेगा. सीजन में भी इसका व्यवसाय बढ़ने की उम्मीद है.

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