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तीन माह बाद भी एजेंसी का नहीं हो सका चयन
अगस्त में होना था ट्रायल पटना : रजिस्ट्री को आसान व सरल बनाने के उद्देश्य से निबंधन विभाग ने अप्रैल में इ-फाइलिंग योजना की घोषणा की थी. इसके तहत लोगों को ऑनलाइन दस्तावेजों की खरीद-बिक्री की सुविधा उपलब्ध करानी थी. इसके लिए अगस्त में ही ट्रायल होना था. लेकिन, घोषणा के तीन महीने बाद भी […]
अगस्त में होना था ट्रायल
पटना : रजिस्ट्री को आसान व सरल बनाने के उद्देश्य से निबंधन विभाग ने अप्रैल में इ-फाइलिंग योजना की घोषणा की थी. इसके तहत लोगों को ऑनलाइन दस्तावेजों की खरीद-बिक्री की सुविधा उपलब्ध करानी थी. इसके लिए अगस्त में ही ट्रायल होना था. लेकिन, घोषणा के तीन महीने बाद भी इस योजना को लेकर अब तक एजेंसी तक हायर नहीं की गयी है. एजेंसी के माध्यम से ही सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट पर काम किया जाना है.
बैंक द्वारा राशि जमा करने में अटका है मामला : निबंधन कार्यालय की मानें, तो रजिस्ट्री के दौरान लगनेवाली फी चार तरह से वसूली जाती है. इसके तहत रजिस्ट्री, स्टांप, एलएलआर व सेवा शुल्क के रूप में रजिस्ट्री कराने पर चार्ज देना होता है. यदि आवेदक बैंक से राशि जमा भी कर देते हैं, तो सरकार की परेशानी यह है कि वह किस मद की राशि किस खाते में डाले. इससे विभाग की परेशानी बढ़ गयी है.
चालान जमा करने में होगी दिक्कत : विभाग ऑनलाइन इ-फाइलिंग रजिस्ट्री प्रक्रिया शुरू कर भी देती है, तो बैंक में चलान के रूप में पैसे जमा करने में दिक्कत आयेगी. इसके तहत यदि कोई व्यक्ति ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत सारे काम पूरे भी करते हैं, तो बैंक से राशि जमा करने की प्रक्रिया में उलझ जायेंगे. क्योंकि रजिस्ट्री के दौरान अलग-अलग मद में लगनेवाल राशि के लिए अलग खाते की व्यवस्था कर पाना मुश्किल है.
वर्तमान में व्यवस्था
वर्तमान में रजिस्ट्री के लिए डीड तैयार कर बैंक चलान के साथ कार्यालय के आरटीपीएस काउंटर पर जमा कराना होता है. इसके बाद जांच कर कंप्यूटर में इंट्री की जाती है. पूरी प्रक्रिया के बाद रजिस्ट्रार के समक्ष एकरारनामे के बाद फोटो की जाती है. इसके बाद रजिस्ट्री कर दी जाती है. इसमें लोगों को एक से दो दिन का समय भी लग जाता है.
यह होना था
इस व्यवस्था के शुरू होने से लोगों को रजिस्ट्री कराने के लिए बार-बार कार्यालय का चक्कर नहीं काटना पड़ेगा. वे घर बैठे निबंधन विभाग के वेबसाइट के जरिये संबंधित जमीन की पूरी जानकारी निबंधन कार्यालय में भेज सकेंगे.
इसके बाद निबंधन कार्यालय द्वारा दस्तावेज की जांच कर सही पाने पर बैंक से राशि की मांग की जायेगी. इसके बाद उसकी जांच कर रजिस्ट्री के लिए तिथि निर्धारित की जाती है. आवेदक तय तिथि के अनुसार निबंधन कार्यालय में एक घंटे में जमीन की रजिस्ट्री करा सकते है. इससे लोगों को फाइलिंग करने के अतिरिक्त समय से मुक्ति मिल जाती.
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